झालावाड़: गुर्जर समाज द्वारा मिहिर भोज जयंती पर प्रस्तावित महारैली को निरस्त किए जाने के बावजूद गुर्जर नेताओं ने रविवार को जिले में निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया. गुर्जर समाज के लोग प्रशासन की बिना अनुमति के पहले बगदर व तीनधार के समीप बड़ी संख्या में इकट्ठा हुए. बाद में उन्होंने झालरापाटन होते हुए बड़ी वाहन रैली निकाली, जो शहर के बाहर खण्डिया चौराहे पर पहुंची. बाद में पुलिस प्रशासन ने वाहन रैली को डायवर्ट करते हुए शहर में घुसने से रोक दिया. इसके बाद वाहन रैली शहर के समीप धनवाड़ा में देवनारायण मंदिर पर जाकर समाप्त हुई. इस दौरान करणी सेना कार्यकर्ताओं ने गुर्जर रैली का विरोध किया.
इधर प्रशासन के द्वारा महारैली को रोकने के लिए शहर में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात नजर आया. सिटी में जगह-जगह पुलिस ने बैरिकेड लगाए थे. एडिशनल एसपी चिरंजी लाल मीणा, डीएसपी हर्षराज सिंह खरेडा, प्रेम कुमार, थाना प्रभारी चंद्र ज्योति शर्मा, राम भरोसी मीणा ने जगह-जगह मुस्तैदी से मोर्चा संभाला. इस दौरान राजपूत छात्रावास के समीप करणी सेना के कार्यकर्ताओं के ने गुर्जर रैली को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. करणी सेना के कुछ कार्यकर्ता उग्र हो गए और उन्होंने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया. इस दौरान कुछ देर के लिए इलाके के हालात तनाव पूर्ण हो गए. बाद में डीएसपी हर्षराज सिंह ने मोर्चा संभालते हुए करणी सेना के कार्यकर्ताओं को शांत किया.
इधर गुर्जर रैली में शामिल हुए आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राजस्थान प्रदेश प्रभारी रविंद्र भाटी ने कहा कि देश में सभी महापुरुषों की जयंती मनाई जाती है. गुर्जर समाज के महापुरुष की जयंती पर रैली निकालने की संविधान हमें इजाजत देता है. उन्होंने कहा कि रैली को निकालने के लिए यहां के प्रशासन से समाज के द्वारा तीन बार अनुमति मांगी गई थी. उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि प्रशासन ने राजनीतिक दबाव के चलते अनुमति नहीं दी.
उन्होंने कहा कि गुर्जर समाज के स्वाभिमान व महापुरुषों को बदनाम किया जा रहा है. सम्राट मिहिर भोज पूरे भारत के हिंदू सम्राट थे. भारतीय जनता पार्टी जो हिंदुओं के नाम से सरकार में आती है, उसके द्वारा सनातन धर्म के सबसे बड़े रक्षक की रैली को रोकने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा अक्षरधाम तथा नोएडा में मिहिर भोज की मूर्ति का अनावरण किया गया है. राजपूत समाज के तीन मुख्यमंत्री के द्वारा मिहिर भोज की मूर्ति का उद्घाटन किया गया है. सारे ताम्रपत्र अभिलेख, शिलालेख, इतिहासकार, कवि इस बात की गवाही दे रहे हैं. कुछ लोग इस विवाद को बढ़ाना चाहते हैं और समाज को दूषित करना चाहते हैं. लेकिन गुर्जर समाज अपने महापुरुषों का अपमान होने नहीं देगा.
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इधर रैली के विरोध में करनी सेना में भी विरोध प्रदर्शन किया. करणी सेना के पदाधिकारी शुभेन्द्र हाड़ा ने बताया कि प्रशासन के द्वारा 3 दिन पहले किसी भी समाज को रैली करने की इजाजत नहीं दी गई थी. जिले में लगी निषेधाज्ञा के बावजूद गुर्जर समाज ने वाहन रैली निकाली. जब इसका विरोध किया गया, तो पुलिस के द्वारा करणी सेना के नेताओं को ही गिरफ्तार कर लिया गया. इस दौरान करनी सेना के कार्यकर्ताओं ने कोतवाली के सामने धरना देकर रास्ता जाम कर दिया. बाद में समझाइश के बाद धरना समाप्त कर जाम को हटा दिया गया. बता दें कि मिहिर भोज जयंती को लेकर गत दिनों जिले में राजपूत तथा गुर्जर समाज आमने-सामने हो गए थे. जिसके बाद डीएम अजय सिंह राठौड़ ने जिले में शांति व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए संपूर्ण जिले में निषेधाज्ञा लागू की थी.