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पिता की मौत के बाद भी नहीं खोया हौसला, राष्ट्रीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता में जीता सिल्वर मेडल

पिता की मौत के बावजूद आयशा खानम ने नेशनल एथलेटिक्स में पदक जीतकर परिवार का नाम रोशन किया है.

आयशा खानम ने नेशनल एथलेटिक्स में जीता पदक
आयशा खानम ने नेशनल एथलेटिक्स में जीता पदक (फोटो ईटीवी भारत कोटा)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 3 hours ago

कोटा. नेशनल हाईवे 27 पर नजदीक टायर रिपेयर की शॉप लगाने वाले शहर के छावनी इलाके के रहने वाले अब्दुल रहीम की मौत दो सप्ताह पहले ट्रक का टायर फटने के चलते हुई थी. उसके कुछ दिन बाद ही उसकी बेटी आयशा खानम को नेशनल एथलेटिक्स में खेलने के लिए जाना था, लेकिन परिवार में गमगीन माहौल था. ऐसे में आयशा को परिवार के अन्य जनों और कोच ने हिम्मत दी. जिसके बाद वह उड़ीसा के भुवनेश्वर में आयोजित 39वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्स अंडर 20 में 200 मीटर दौड़ में रजत पदक जीत पाई है. उसने 24.73 सेकंड में यह दौड़ पूरी की है. आयशा ने अपनी यह जीत पिता को समर्पित की है.

आयशा का कहना है कि एक बार जब वह दौड़ रही थी, तब स्कूल के टीचर ने उसके पिता से कहा कि यह एथलेटिक्स की अच्छी खिलाड़ी हो सकती है. जिसके बाद उसकी प्रैक्टिस अब्दुल रहीम ने शुरू करवा दी. आयशा के साथ-साथ उसकी बहन शाजिया और भाई जुनैद भी इसमें जुट गया था. तीनों ही एथलेटिक्स के अच्छे खिलाड़ी बन गए. आयशा को कोच विशाल ने ही उसे हिम्मत दी और पिता की मौत के बाद गमगीन माहौल होने पर भी वह 5 दिसंबर को नेशनल टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए उड़ीसा रवाना हो गई, जहां पर उसके हाथ रजत पदक लगा है. उसकी भाई बहन शाजिया और भाई जुनैद के पास भी कई पदक हैं.

पढ़ें: गौरांशी ने बढ़ाया राजस्थान का मान, एशिया पैसिफिक डेफ गेम्स की बैडमिंटन प्रतियोगिता में जीता सिल्वर

यह हुआ था हादसा, पिता ली हुई थी मौत : यह हादसा 27 नवंबर को कैथून थाना इलाके में झालीपुरा के नजदीक हुआ. जिसमें अब्दुल रहीम अपनी दुकान पर थे, तभी एक ट्रक आया जिसके चालक ने खुद ही टायर में काफी ज्यादा हवा भर ली. चेक करने के लिए अब्दुल रहमान जैसे ही नजदीक पहुंचा वह ब्लास्ट हो गया. जिसके चलते अब्दुल रहमान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे कोटा के एमबीएस अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक उसने दम तोड़ दिया.

कोटा. नेशनल हाईवे 27 पर नजदीक टायर रिपेयर की शॉप लगाने वाले शहर के छावनी इलाके के रहने वाले अब्दुल रहीम की मौत दो सप्ताह पहले ट्रक का टायर फटने के चलते हुई थी. उसके कुछ दिन बाद ही उसकी बेटी आयशा खानम को नेशनल एथलेटिक्स में खेलने के लिए जाना था, लेकिन परिवार में गमगीन माहौल था. ऐसे में आयशा को परिवार के अन्य जनों और कोच ने हिम्मत दी. जिसके बाद वह उड़ीसा के भुवनेश्वर में आयोजित 39वीं जूनियर नेशनल एथलेटिक्स अंडर 20 में 200 मीटर दौड़ में रजत पदक जीत पाई है. उसने 24.73 सेकंड में यह दौड़ पूरी की है. आयशा ने अपनी यह जीत पिता को समर्पित की है.

आयशा का कहना है कि एक बार जब वह दौड़ रही थी, तब स्कूल के टीचर ने उसके पिता से कहा कि यह एथलेटिक्स की अच्छी खिलाड़ी हो सकती है. जिसके बाद उसकी प्रैक्टिस अब्दुल रहीम ने शुरू करवा दी. आयशा के साथ-साथ उसकी बहन शाजिया और भाई जुनैद भी इसमें जुट गया था. तीनों ही एथलेटिक्स के अच्छे खिलाड़ी बन गए. आयशा को कोच विशाल ने ही उसे हिम्मत दी और पिता की मौत के बाद गमगीन माहौल होने पर भी वह 5 दिसंबर को नेशनल टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए उड़ीसा रवाना हो गई, जहां पर उसके हाथ रजत पदक लगा है. उसकी भाई बहन शाजिया और भाई जुनैद के पास भी कई पदक हैं.

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यह हुआ था हादसा, पिता ली हुई थी मौत : यह हादसा 27 नवंबर को कैथून थाना इलाके में झालीपुरा के नजदीक हुआ. जिसमें अब्दुल रहीम अपनी दुकान पर थे, तभी एक ट्रक आया जिसके चालक ने खुद ही टायर में काफी ज्यादा हवा भर ली. चेक करने के लिए अब्दुल रहमान जैसे ही नजदीक पहुंचा वह ब्लास्ट हो गया. जिसके चलते अब्दुल रहमान गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे कोटा के एमबीएस अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक उसने दम तोड़ दिया.

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