कोटा : राजस्थान में इंजीनियरिंग के काफी अवसर सामने आ रहे हैं, लेकिन नेशनल लेवल के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में इंजीनियरिंग सीट्स के मामले में राजस्थान काफी पिछड़ा हुआ है. राजस्थान इंजीनियरिंग सीट्स के मामले में 15 वें नंबर पर है. यहां पर आईआईटी जोधपुर और एमएनआईटी जयपुर को मिलाकर 1488 सीट हैं, जबकि राजस्थान से छोटे राज्य दिल्ली, ओडिशा, उत्तराखंड, पंजाब, असम, झारखंड व तमिलनाडु तक भी आगे हैं. यहां तक की पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात भी इंजीनियरिंग सीट्स के मामले में आगे है.
एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि इंजीनियर का स्किल्ड व इनोवेटिव होना आज के समय की आवश्यकता है. स्किल्ड और इनोवेटिव इंजीनियर्स शीर्ष इंजीनियरिंग संस्थानों आईआईटी व एनआईटी में ही तैयार हो सकते हैं. ऐसे में कम इंजीनियरिंग सीट्स राजस्थान को अब खलने लगी है.
यूपी, बंगाल और महाराष्ट्र के पास 23 फीसदी सीट्स : उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के पास सर्वाधिक इंजीनियरिंग सीट्स आईआईटी और एनआईटी की हैं. इन तीन स्टेटस के पास 9886 सीट हैं. यह देश में आईआईटी और एनआईटी की इंजीनियरिंग सीट्स का 23 फीसदी है. इनमें उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 3933 सीट हैं. यूपी एकमात्र देश का राज्य है, जहां दो आईआईटी हैं, जबकि एक एनआईटी इलाहाबाद भी है. दूसरे नंबर पर 3652 इंजीनियरिंग सीट्स के साथ पश्चिम बंगाल है. तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र 2301 सीट्स के साथ है.
इन 10 राज्यों के पास 54 फीसदी सीट्स : देश की 23 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (IIT) में 17760 सीट्स हैं. इनमें 16035 जेंडर न्यूट्रल और 1725 सीट गर्ल्स सुपर न्यूमेरी हैं. इसी तरह से 32 NIT में 24229 सीट हैं. इनमें से जेंडर न्यूट्रल 23572 और फीमेल सुपर न्यूमेरी 657 सीट्स हैं. देश के टॉप 10 राज्यों की बात की जाए तो इनमें पहले यूपी, वेस्ट बंगाल और महाराष्ट्र आता है. इनके बाद तमिलनाडु, झारखंड, असम, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में भी अच्छी तादाद में इंजीनियरिंग सीट्स हैं. इन 10 राज्यों में 22648 इंजीनियरिंग सीट हैं, जबकि जोसा काउंसलिंग 2024 के अनुसार देश में IIT और NIT में कुल 41989 सीट्स हैं. ऐसे करीब 54 फीसदी सीट इन 10 स्टेट्स में ही हैं. देव शर्मा का कहना है कि NIT सीट्स में 50 फीसदी तक होम स्टेट कोटा का फायदा कैंडिडेट्स को मिलता है. इन राज्यों के कैंडिडेट को एनआईटी में यह फायदा मिल रहा होगा.
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राजस्थान में भी खुले संस्थान : देव शर्मा का कहना है कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश में दो IIT BHU (वाराणसी) और कानपुर हैं, इसी तरह से पश्चिम बंगाल में दो NIT दुर्गापुर और शिबपुर हैं. क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान काफी बड़ा है और जनसंख्या भी 8.5 करोड़ के आसपास है, जबकि केवल आईआईटी जोधपुर में 600 और एमएनआईटी जयपुर में 888 इंजीनियरिंग सीट्स हैं. ऐसे में राजस्थान में भी दो आईआईटी या दो एनआईटी हो सकती हैं या फिर मौजूद IIT में सीट्स की संख्या बढ़ानी चाहिए. दूसरी तरफ बड़ी संख्या में यहां पर इंजीनियरिंग क्षेत्र के संयंत्र भी स्थापित हो रहे हैं. एंटरप्रेन्योरशिप और स्टार्टअप के लिए भी काफी स्पेस राजस्थान में है, इसीलिए यहां भी IIT और NIT की सीट्स बढ़नी चाहिए.