हमीरपुर: जिला हमीरपुर राधा स्वामी सत्संग ब्यास के चैरिटेबल अस्पताल भोटा में मरीजों के सभी वार्ड खाली हो गए हैं. अस्पताल के चार डॉक्टर सत्संग ब्यास के चैरिटेबल अस्पताल सिरसा के लिए रवाना हो गए हैं. इन चारों डॉक्टरों ने शनिवार को ओपीडी में भी सेवाएं नहीं दीं. हालांकि अस्पताल के चीफ मेडिकल ऑफिसर सहित दो डॉक्टरों ने ओपीडी में मरीजों को देखा. सरकार की उच्च स्तरीय समिति की बैठक से पहले अस्पताल प्रबंधन ने सामान समेटना शुरू कर दिया है.
वहीं इस अस्पताल में 100 से अधिक डॉक्टर और पैरा मेडिकल कर्मचारियों का स्टाफ सेवाएं दे रहा है, जिसमें से चार डॉक्टर सहित 60 लोगों का स्टाफ सिकंदरपुर के लिए भेजा जा रहा है. बाकी स्टाफ को डेरा ब्यास शिफ्ट करने की योजना है. शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल सेवानिवृत्त एसडीओ रविंद्र खन्ना का कहना है कि 25 नवंबर के बाद से वार्ड में मरीजों को दाखिल करना बंद कर दिया गया था. सरकार तुरंत इस मसले का हल निकाले, ताकि अस्पताल बंद न हो.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुवाई में आज डेरा ब्यास प्रबंधन और अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक में मंथन होगा. अस्पताल बहाली के समर्थन में लोग लगातार पांचवें दिन प्रदर्शन में डटे रहे. बता दें कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास की सिस्टर ऑर्गेनाइजेशन महाराज जगत सिंह रिलीफ सोसायटी के नाम जमीन स्वामित्व हस्तांतरण के इस मुद्दे के चलते अस्पताल को बंद किए जाने के ब्यास प्रबंधन के आदेशों से लोग आक्रोशित हैं, जबकि सरकार ने आज इस पर बातचीत करने के लिए बैठक बुलाई है.
जानकारी के लिए बता दें कि अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उन्हें अस्पताल में उपकरणों की खरीद के लिए जीएसटी देना पड़ता है. डेरा ब्यास प्रबंधन चाहता है कि वर्तमान में राधास्वामी सत्संग ब्यास के तहत चल रहे चैरिटेबल ट्रस्ट के भोटा अस्पताल को ब्यास डेरा की ही सिस्टर कंसर्न या ऑर्गेनाइजेशन महाराज जगत सिंह मेडिकल रिलीफ सोसायटी को ट्रांसफर किया जाए. इसके लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है साथ ही लैंड सीलिंग एक्ट में बदलाव करना पड़ेगा. हाल ही में अस्पताल प्रबंधन ने गेट पर 1 दिसबंर 2024 को अस्पताल बंद करने का नोटिस भी गेट पर लगा दिया था.
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