प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने परिवहन निगम मुख्यालय को निर्देश दिया है कि यदि अलीगढ़ परिवहन निगम के वरिष्ठ लेखाकार हर्ष गौतम को एक हफ्ते के अन्दर कार सेक्शन लखनऊ परिवहन निगम मुख्यालय में ज्वाइन कर लेते हैं तो उनके विरुद्ध समस्त विभागीय कार्यवाही, आरोप पत्र एवं निलम्बन आदेश निरस्त कर दिया जाए. यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने अलीगढ़ परिवहन निगम के वरिष्ठ लेखाकार हर्ष गौतम की याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम को सुन कर पारित किया है. हाईकोर्ट ने यह भी आदेश दिया है कि निलम्बन अवधि के भत्ते व अन्य लाभों को देने के सम्बन्ध में भी परिवहन निगम मुख्यालय लखनऊ उचित आदेश तीन सप्ताह के अन्दर पारित करें.
याची हर्ष गौतम सेन्ट्रल रीजनल वर्कशाप कर्मचारी संघ, उप्र परिवहन निगम मान्यता प्राप्त संगठन के प्रदेश महामंत्री है. जिनका तबादला अलीगढ़ क्षेत्र से कार सेक्शन, लखनऊ यूपीएसआरटीसी में 30 जून 2023 को कर दिया गया था. याची द्वारा आपत्ति जताते हुए 30 जुलाई 2023 को प्रत्यावेदन आलाधिकारियों को प्रेषित किया कि वह मान्यता प्राप्त संगठन का प्रदेश महामंत्री है. यूपीएसआरटीसी लखनऊ द्वारा जारी स्थानान्तरण नीति दिनांक 28 जून 2019 में यह व्यवस्था है कि परिवहन निगम के मान्यता प्राप्त श्रमिक संगठनों के प्रान्तीय/ क्षेत्रीय एवं डिपो के अध्यक्ष, मंत्री का स्थानान्तरण नहीं किया जायेगा. फिर भी हर्ष गौतम को 7 जुलाई 2023 को कार्यमुक्त कर दिया गया.
अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि याची ने कई प्रत्यावेदन आला अधिकारियों को प्रेषित किये. याची द्वारा स्थानान्तरण स्थान कार सेक्शन लखनऊ में ज्वाईन न करने की वजह से मुख्य प्रधान प्रबन्धक परिवहन निगम मुख्यालय द्वारा याची को निलम्बित कर दिया गया. निलम्बन आदेश में यह आरोप लगाया गया था कि स्थानान्तरण स्थान कार सेक्शन लखनऊ में स्थानान्तरण आदेश के अनुपालन में ज्वाइन नहीं किया. इसके बाद निलम्बन अवधि में दिनांक 18 सितंबर 2023 को मुख्य प्रधान प्रबन्धक (प्राविधिक) परिवहन निगम मुख्यालय लखनऊ से सम्बद्ध कर दिया गया.
इस अटैचमेन्ट आदेश 18 सितंबर 2023 के अनुपालन में हर्ष गौतम ने 29 सितंबर 2023 को अटैचमेन्ट स्थान लखनऊ में ज्वाइन कर लिया. 30 नवंबर 2023 को परिवहन निगम मुख्यालय द्वारा पत्र प्रेषित करते हुए यह आदेशित किया गया कि हर्ष को पूर्व में आरोप पत्र दिनांक 04 अक्टूबर 2023 को जारी किया गया है, जिसका जवाब याची द्वारा नहीं दाखिल किया गया है. अतः आरोप पत्र का उत्तर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें जिससे विभागीय जांच की कार्यवाही की जा सके.
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