देवघर: एक तरफ देवघर स्टेशन से लगातार नई ट्रेनों का परिचालन हो रहा है, वंदे भारत ट्रेनें चलने लगी हैं, लेकिन दूसरी तरफ देवघर जिले में स्थित बैद्यनाथ धाम स्टेशन अभी भी विकास से कोसों दूर है. बैद्यनाथ धाम स्टेशन काफी पुराना स्टेशन है. यह स्टेशन वर्ष 1922 से चालू है, वहीं वर्ष 1900 से बैद्यनाथ धाम स्टेशन पर पटरियां बिछी हुई हैं. लेकिन इसके बावजूद यह स्टेशन आज भी एक प्लेटफॉर्म वाला स्टेशन बना हुआ है.
देवघर का बैद्यनाथ धाम स्टेशन लोगों के लिए काफी महत्वपूर्ण है. भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा बैद्यनाथ धाम इसी स्टेशन के पास स्थित है. देशभर से श्रद्धालु यहां भगवान के दर्शन के लिए आते हैं. हालांकि देवघर स्टेशन के विकास के बाद अब इस स्टेशन पर बहुत कम ट्रेनों का परिचालन होता है. इस वजह से लोगों की आवाजाही भी कम हो गई है. रेलवे अधिकारियों के अनुसार देवघर का बैद्यनाथ धाम स्टेशन वर्ष 1922 से चालू है.
बैद्यनाथ धाम स्टेशन बनेगा विश्वस्तरीय : डीआरएम
देवघर का बैद्यनाथ धाम स्टेशन आसनसोल रेल मंडल के अंतर्गत आता है. आसनसोल मंडल के डीआरएम चेतनानंद सिंह का कहना है कि बैद्यनाथ धाम स्टेशन का इतिहास काफी पुराना है. लेकिन रेलवे के निरंतर विकास के संदर्भ में इस स्टेशन की गति धीमी हो गई है. लेकिन देश के ऐतिहासिक रेलवे स्टेशनों में शुमार बैद्यनाथ धाम स्टेशन का पूर्ण विकास किया जाएगा. आने वाले समय में अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी और इस स्टेशन को भी विश्वस्तरीय बनाया जाएगा.
स्टेशन को किया जाएगा संरक्षित : सांसद
फिलहाल देवघर रेलवे स्टेशन के निर्माण के बाद बैद्यनाथ धाम स्टेशन पर बहुत कम ट्रेनें रुकती हैं और आज भी इसे एक ही प्लेटफॉर्म वाले स्टेशन के रूप में जाना जाता है. इस क्षेत्र के सांसद भी इस स्टेशन को विकसित करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि यह स्टेशन देवघर वासियों के लिए बहुत ही गौरव की बात है. इस स्टेशन से कई धार्मिक परंपराएं और मान्यताएं जुड़ी हुई हैं. सांसद ने बताया कि सबसे पहले संत श्री अनुकूलचंद्र जी बैद्यनाथ धाम स्टेशन पर उतरे थे. इसी परंपरा का पालन करते हुए आज भी उनके सभी भक्त इसी स्टेशन से पूजा-अर्चना शुरू करते हैं. इसलिए इस स्टेशन को संरक्षित किया जाएगा.
सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि आने वाले समय में यहां ट्रैक और प्लेटफॉर्म की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. उन्होंने कहा कि बैद्यनाथ धाम स्टेशन के पूरी तरह सक्रिय नहीं होने के कारण आसपास के लोग रेलवे की जमीन पर अतिक्रमण कर रहे हैं. बैद्यनाथ धाम की सैकड़ों एकड़ जमीन को भू-माफिया अपनी कमाई का जरिया बना रहे हैं. इसलिए रेलवे विभाग की हजारों एकड़ सरकारी जमीन को बचाने के लिए इस स्टेशन को विकसित किया जाएगा.
जल्द धरातल पर दिखने लगेगा काम : सांसद
उन्होंने यह भी कहा कि अगर भविष्य में सारवां के रास्ते चितरा रेलवे लाइन से जुड़ने की जरूरत पड़ी तो उस समय बैद्यनाथ धाम स्टेशन काफी उपयोगी होगा. इसीलिए बैद्यनाथ धाम को संरक्षित करने के लिए रेल मंत्रालय और रेलवे के अधिकारियों से बात की गई है. कुछ ही दिनों में बैद्यनाथ धाम स्टेशन के विकास का काम धरातल पर दिखने लगेगा.
मालूम हो कि सावन के महीने के साथ-साथ पूरे साल बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालु बैद्यनाथ धाम स्टेशन आते थे, लेकिन छोटी लाइन और कम व्यवस्था के कारण अब ज्यादातर ट्रेनें देवघर और जसीडीह आती हैं. इसीलिए बैद्यनाथ धाम स्टेशन पर श्रद्धालुओं और यात्रियों की संख्या में कमी आई है.
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