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मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मी और पुलिस दोनों ने डाला डेरा, मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रखेंगे आंदोलन - Demonstration of assistant police

Agitating Assitant Policemen. रांची के मोरहाबादी मैदान में अपनी मांगों को लेकर सहायक पुलिसकर्मी एक हफ्ते से डेरा डाले हुए हैं, लेकिन अब तक सहायक पुलिसकर्मियों की मांग को लेकर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है, जिसके कारण उनका आंदोलन जारी है.

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सहायक पुलिसकर्मी (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jul 21, 2024, 5:24 PM IST

रांची: मोरहाबादी मैदान टेंट सिटी के रूप में तब्दील हो गया है. हर दूसरे दिन पुलिस के साथ उनकी तनातनी हो रही है. एक बार पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हो चुकी है, जिसमें दोनों तरफ से दर्जनों पुलिस घायल भी हुए हैं. लेकिन अब तक सहायक पुलिसकर्मियों की मांग को लेकर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है. हजारों की संख्या में सहायक पुलिसकर्मी बारिश के मौसम में भी आंदोलन पर बैठे हैं. आंदोलन का नतीजा क्या निकलेगा इसे लेकर अनिश्चिता बरकरार है. सरकार ने आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध एक साल बढ़ाने, वेतन में 25% की वृद्धि और पुलिस बहाली में आरक्षण देने की बात कही है, लेकिन सहायक पुलिसकर्मियों को यह मंजूर नहीं है.

आंदोलन को लेकर जानकारी देते सहायक पुलिसकर्मी (ETV BHARAT)

सहायक पुलिसकर्मी अपने नौकरी को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि सहायक पुलिसकर्मियों को यह भी कहना है कि वह यह नहीं चाहते हैं कि उन्हें पुलिस के जितना वेतन मिले, लेकिन कम से कम इतना वेतन जरूर मिले जिससे उनका परिवार चल सके. सहायक पुलिसकर्मियों को फिलहाल 10,000 मासिक वेतन मिलता है. इसके अलावा उन्हें पुलिस की तरह कोई भी भत्ता नहीं मिलता है. दरअसल सहायक पुलिस कर्मियों की बहाली ही अनुबंध पर हुई थी. इसी शर्त पर उन्हें पुलिस में बहाल किया गया था लेकिन अब सहायक पुलिसकर्मी यह चाहते हैं कि उन्हें अस्थाई किया जाए जो बेहद मुश्किल कार्य है.

मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रखेंगे आंदोलन: पुलिस

सहायक पुलिसकर्मियों के अनुसार वे अपने आंदोलन में पूरी एकजुटता के साथ डटे हुए हैं. सरकार की कानों तक कोई अपनी आंदोलन की आवाज मजबूती के साथ पहुंचा रहे हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है. सहायक पुलिसकर्मियों के अनुसार जब कश्मीर से धारा 370 हट सकता है, कई नियमों में फेरबदल किया जा सकता है तो फिर उन्हें स्थाई क्यों नहीं किया जा सकता है. सहायक पुलिसकर्मियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

मोरहाबादी मैदान को पुलिस छावनी में किया गया तब्दील

बता दें कि सहायक पुलिसकर्मी एक बार राज भवन और एक बार सीएम आवास घेराव की कोशिश कर चुके हैं. दोनों ही बार पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई. सहायक पुलिसकर्मी अपने आंदोलन के दौरान कोई और बड़ा कदम ना उठा ले इसलिए पूरे मोरहाबादी मैदान को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. रांची पुलिस को कानून व्यवस्था के इतर मोरहाबादी की सुरक्षा के लिए काफी मेहनत करना पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: पुलिस ने सहायक पुलिसकर्मियों पर किया लाठीचार्ज, 12 से अधिक घायल, 6 गंभीर

ये भी पढ़ें: सावन की पहली सोमवारी को लेकर शिवालयों की सुरक्षा बढ़ाई, रांची के पहाड़ी मंदिर में विशेष व्यवस्था

रांची: मोरहाबादी मैदान टेंट सिटी के रूप में तब्दील हो गया है. हर दूसरे दिन पुलिस के साथ उनकी तनातनी हो रही है. एक बार पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच झड़प भी हो चुकी है, जिसमें दोनों तरफ से दर्जनों पुलिस घायल भी हुए हैं. लेकिन अब तक सहायक पुलिसकर्मियों की मांग को लेकर कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका है. हजारों की संख्या में सहायक पुलिसकर्मी बारिश के मौसम में भी आंदोलन पर बैठे हैं. आंदोलन का नतीजा क्या निकलेगा इसे लेकर अनिश्चिता बरकरार है. सरकार ने आंदोलन कर रहे सहायक पुलिसकर्मियों का अनुबंध एक साल बढ़ाने, वेतन में 25% की वृद्धि और पुलिस बहाली में आरक्षण देने की बात कही है, लेकिन सहायक पुलिसकर्मियों को यह मंजूर नहीं है.

आंदोलन को लेकर जानकारी देते सहायक पुलिसकर्मी (ETV BHARAT)

सहायक पुलिसकर्मी अपने नौकरी को स्थायी करने की मांग कर रहे हैं. हालांकि सहायक पुलिसकर्मियों को यह भी कहना है कि वह यह नहीं चाहते हैं कि उन्हें पुलिस के जितना वेतन मिले, लेकिन कम से कम इतना वेतन जरूर मिले जिससे उनका परिवार चल सके. सहायक पुलिसकर्मियों को फिलहाल 10,000 मासिक वेतन मिलता है. इसके अलावा उन्हें पुलिस की तरह कोई भी भत्ता नहीं मिलता है. दरअसल सहायक पुलिस कर्मियों की बहाली ही अनुबंध पर हुई थी. इसी शर्त पर उन्हें पुलिस में बहाल किया गया था लेकिन अब सहायक पुलिसकर्मी यह चाहते हैं कि उन्हें अस्थाई किया जाए जो बेहद मुश्किल कार्य है.

मांगे पूरी नहीं होने तक जारी रखेंगे आंदोलन: पुलिस

सहायक पुलिसकर्मियों के अनुसार वे अपने आंदोलन में पूरी एकजुटता के साथ डटे हुए हैं. सरकार की कानों तक कोई अपनी आंदोलन की आवाज मजबूती के साथ पहुंचा रहे हैं लेकिन सरकार के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है. सहायक पुलिसकर्मियों के अनुसार जब कश्मीर से धारा 370 हट सकता है, कई नियमों में फेरबदल किया जा सकता है तो फिर उन्हें स्थाई क्यों नहीं किया जा सकता है. सहायक पुलिसकर्मियों ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी वह अपना आंदोलन जारी रखेंगे.

मोरहाबादी मैदान को पुलिस छावनी में किया गया तब्दील

बता दें कि सहायक पुलिसकर्मी एक बार राज भवन और एक बार सीएम आवास घेराव की कोशिश कर चुके हैं. दोनों ही बार पुलिस और सहायक पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई. सहायक पुलिसकर्मी अपने आंदोलन के दौरान कोई और बड़ा कदम ना उठा ले इसलिए पूरे मोरहाबादी मैदान को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है. रांची पुलिस को कानून व्यवस्था के इतर मोरहाबादी की सुरक्षा के लिए काफी मेहनत करना पड़ रहा है.

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