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सिकंदरा में कोयला फैक्ट्री हटाने की मांग, ग्रामीणों का अनशन, तीन महिलाओं की बिगड़ी तबीयत - coal factory in dausa

दौसा जिले के सिकंदरा कस्बे में चल रही कोयला फैक्ट्री से क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है. ग्रामीण इस फैक्ट्री की भट्टियों को बंद करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं.फैक्ट्री संचालक को पर्यावरण प्रदूषण का नोटिस दिया गया है, लेकिन उसका अभी तक जवाब नहीं आया.

Women sitting on strike in Sikandra demanding removal of coal factory
कोल फैक्ट्री हटाने की मांग को लेकर सिंकदरा में धरने पर बैठी महिलाएं (photo etv bharat dausa)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 9, 2024, 6:51 PM IST

दौसा. जिले के सिकंदरा कस्बे में अवैध रूप से संचालित कोयला फैक्ट्री की भट्टियों को बंद करवाने के लिए ग्रामीण पिछले 9 दिनों से धरने और अनशन पर बैठे हैं. इस बीच गुरुवार को अनशन पर बैठी तीन महिलाओं की तबियत खराब हो गई. इसके चलते उन्हें सिकंदरा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इसके बावजूद पुलिस और उपखंड प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की है. इससे ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

सिकंदरा अस्पताल के डॉक्टर विनीत कुंतल ने बताया कि सिकंदरा में कोयला फैक्ट्री को हटाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे लोगों में से कुछ की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी. इसके बाद मेडिकल टीम को मौके पर भेजा गया. वहां तीन महिलाओं की तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें सिकंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनका उपचार किया जा रहा है.

बता दें कि जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र में आबादी क्षेत्र के बीचों-बीच कोयले फैक्ट्री की ​भट्टियां चल रही हैं. इन भट्टियों से निकलने वाले धुएं से आपसास रहने वाले लोगों का सांस लेना तक दूभर हो रहा है. इसके चलते ग्रामीण इन्हें बंद कराने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. ग्रामीण कई बार उच्चाधिकारियों को इसकी लिखित में शिकायत भी दे चुके हैं.

पढ़ें: स्वास्थ्य विभाग की नमकीन बनाने वाली फैक्ट्री पर कार्रवाई, गोदाम सील, सैकड़ों किलो नमकीन जब्त

इस मामले में सिकराय एसडीएम यशवंत मीना ने बताया कि कोयला फैक्ट्री संचालित कर रहे मालिक के पास माइक्रो इंटरप्राइजेज का सर्टिफिकेट है. इसके तहत फैक्ट्री मालिक 3 साल तक कोयला फैक्ट्री को ऑपरेट कर सकता है. हालांकि, फैक्ट्री संचालक के पास पर्यावरण नियंत्रण के कोई दस्तावेज नहीं मिले. इसके लिए फैक्ट्री संचालक को एक नोटिस जारी करवाया गया है. नोटिस पर उसका कोई जवाब नहीं आया है.

कोयला भट्टियां बंद करने पर अड़े ग्रामीण: इस प्रकार की कोयला भट्टियां लंबे समय से चल रही है. ग्रामीण फैक्ट्री को बंद करने की मांग पर अड़े हुए हैं. मामले में सिकंदरा थाना प्रभारी महावीर सिंह ने बताया कि कोयला फैक्ट्री का संचालन कर रहे लोगों के पास पॉल्यूशन का कोई डॉक्यूमेंट्स नहीं है. उन्हें नोटिस जारी किया हुआ है. इसमें 10 मई तक जवाब पेश करने के आदेश है. फिलहाल फैक्ट्री की भट्टियां बंद है, लेकिन ग्रामीण कोयला फैक्ट्री को मौके से हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं. ऐसे में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.

ग्रामीणों की चेतावनी: इस मामले में अनशन पर बैठे ग्रामीणों का आरोप है कि पिछली बार जब फैक्ट्री को बंद करने की मांग उठाई गई थी, तब प्रशासन ने इसे बंद करवाने का आश्वासन दिया था. उसके बाद भी अवैध रूप से कोयला फैक्ट्री संचालित हो रही है. इससे क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि सिकंदरा से कोयला फैक्ट्री का संचालन बंद नहीं किया तो आंदोलन उग्र किया जाएगा.

दौसा. जिले के सिकंदरा कस्बे में अवैध रूप से संचालित कोयला फैक्ट्री की भट्टियों को बंद करवाने के लिए ग्रामीण पिछले 9 दिनों से धरने और अनशन पर बैठे हैं. इस बीच गुरुवार को अनशन पर बैठी तीन महिलाओं की तबियत खराब हो गई. इसके चलते उन्हें सिकंदरा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. इसके बावजूद पुलिस और उपखंड प्रशासन ने कोई सुनवाई नहीं की है. इससे ग्रामीणों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है.

सिकंदरा अस्पताल के डॉक्टर विनीत कुंतल ने बताया कि सिकंदरा में कोयला फैक्ट्री को हटाने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे लोगों में से कुछ की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिली थी. इसके बाद मेडिकल टीम को मौके पर भेजा गया. वहां तीन महिलाओं की तबियत ज्यादा खराब होने पर उन्हें सिकंदरा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. उनका उपचार किया जा रहा है.

बता दें कि जिले के सिकंदरा थाना क्षेत्र में आबादी क्षेत्र के बीचों-बीच कोयले फैक्ट्री की ​भट्टियां चल रही हैं. इन भट्टियों से निकलने वाले धुएं से आपसास रहने वाले लोगों का सांस लेना तक दूभर हो रहा है. इसके चलते ग्रामीण इन्हें बंद कराने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं. ग्रामीण कई बार उच्चाधिकारियों को इसकी लिखित में शिकायत भी दे चुके हैं.

पढ़ें: स्वास्थ्य विभाग की नमकीन बनाने वाली फैक्ट्री पर कार्रवाई, गोदाम सील, सैकड़ों किलो नमकीन जब्त

इस मामले में सिकराय एसडीएम यशवंत मीना ने बताया कि कोयला फैक्ट्री संचालित कर रहे मालिक के पास माइक्रो इंटरप्राइजेज का सर्टिफिकेट है. इसके तहत फैक्ट्री मालिक 3 साल तक कोयला फैक्ट्री को ऑपरेट कर सकता है. हालांकि, फैक्ट्री संचालक के पास पर्यावरण नियंत्रण के कोई दस्तावेज नहीं मिले. इसके लिए फैक्ट्री संचालक को एक नोटिस जारी करवाया गया है. नोटिस पर उसका कोई जवाब नहीं आया है.

कोयला भट्टियां बंद करने पर अड़े ग्रामीण: इस प्रकार की कोयला भट्टियां लंबे समय से चल रही है. ग्रामीण फैक्ट्री को बंद करने की मांग पर अड़े हुए हैं. मामले में सिकंदरा थाना प्रभारी महावीर सिंह ने बताया कि कोयला फैक्ट्री का संचालन कर रहे लोगों के पास पॉल्यूशन का कोई डॉक्यूमेंट्स नहीं है. उन्हें नोटिस जारी किया हुआ है. इसमें 10 मई तक जवाब पेश करने के आदेश है. फिलहाल फैक्ट्री की भट्टियां बंद है, लेकिन ग्रामीण कोयला फैक्ट्री को मौके से हटाने की मांग पर अड़े हुए हैं. ऐसे में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है.

ग्रामीणों की चेतावनी: इस मामले में अनशन पर बैठे ग्रामीणों का आरोप है कि पिछली बार जब फैक्ट्री को बंद करने की मांग उठाई गई थी, तब प्रशासन ने इसे बंद करवाने का आश्वासन दिया था. उसके बाद भी अवैध रूप से कोयला फैक्ट्री संचालित हो रही है. इससे क्षेत्र में पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि सिकंदरा से कोयला फैक्ट्री का संचालन बंद नहीं किया तो आंदोलन उग्र किया जाएगा.

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