देहरादून: तीन दशक पुराने संगठन उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद मलिन बस्ती के निवासियों को मालिकाना हक नहीं दिए जाने को लेकर मुखर हो गया हैं. सुभाष रोड स्थित एक वेडिंग पॉइंट में परिषद के आह्वान पर आयोजित सभा में परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने ऐलान किया कि हमेशा की तरह उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद मलिन बस्तियों को उजाड़ने के खिलाफ और बस्ती वासियों को मालिकाना हक दिए जाने की मांग को लेकर संघर्ष करेगा.
सरकार पर साधा निशाना: उन्होंने सभा में मौजूद विभिन्न बस्तियों से आए प्रतिनिधियों की सहमति से आगामी 22 मई को कांग्रेस मुख्यालय से नगर निगम कूच किए जाने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि मलिन बस्तियों में रहने वाले परिवारों के उत्पीड़न को रोकने और बस्तियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया को लेकर रणनीति तैयार की गई है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मलिन बस्ती वालों को मालिकाना हक दिए जाने की बात हर चुनाव में करती आई है.
मलिन बस्तियों के ऊपर लटक रही तलवार: लेकिन भाजपा बस्ती वासियों को उजाड़ने की साजिश रच रही है. इसके लिए सड़कों पर उतरकर संघर्ष किया जाएगा. सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि जब-जब राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनी उसका सबसे पहले निशाना गरीबों के आशियाने और मलिन बस्तियां होती हैं. साल 2018 में त्रिवेंद्र सरकार के समय मलिन बस्तियों को हटाने के आदेश जारी किए गए थे, जिसके बाद उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद ने सबसे पहले आवाज उठाई थी.तब जाकर प्रदेश सरकार को अध्यादेश लाना पड़ा और आज तक वह तलवार मलिन बस्तियों के ऊपर लटक रही है.
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