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काशी की काष्ठकला की सात समंदर पार डिमांड: स्पेन और जापान से 4000 मूर्तियों का आर्डर मिला, भगवान महादेव और गणेश की मांग - Kashi woodcraft Demand in foreign

बनारस (Banaras) के काष्ठकला (wood art) की डिमांड अब सात समंदर पार से भी आने लगी है. तभी तो जापान और स्पेन जैसे देशों से भी हजारों मूर्तियों के ऑर्डर आए हैं. जिससे न सिर्फ यहां के कारोबार में बढ़ोतरी हो रही है, बल्कि कारीगरों को भी रोजगार मिल रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 9, 2024, 7:48 PM IST

काशी की काष्ठकला की विदेशों में भारी मांग

वाराणसी: बनारस अब सिर्फ धर्म की नगरी ही नहीं रही. यह अब पर्यटन और व्यापार का भी केंद्र बनता जा रहा है. हर साल लाखों पर्यटक काशी घूमने आते हैं और वह यहां के गांगाघाट, खानपान और काष्ठकला के मुरीद हुए बिना नहीं रह पाते. तभी तो जापान और स्पेन से भी काशी के महादेव और भगवान गणेश की मूर्तियों भी भारी डिमांड है.

स्पेन और जापान से 4000 मूर्तियों का ऑर्डर: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी का नाम और कारोबार दोनों ही आजकल धूम मचा रहा है. जहां एक ओर काशी में रोजाना लाखों पर्यटकों का आना हो रहा है. वहीं दूसरी ओर बनारस में होने वाले काष्ठकला के उत्पादों की भी अच्छी खासी डिमांड हो रही है. लोगों को भगवान शिव और गणेश की मूर्तियां बहुत पसंद आ रही हैं. इन मूर्तियों की मांग सात समंदर पार में भी है. तभी तो बनारस में 4000 पीस मूर्तियों का ऑर्डर मिला है. यह ऑर्डर लकड़ी के खिलौना बनाने वाले कारीगरों के पास आया है. जिसमें भगवान शिव और गणेश की प्रतिमा के साथ नंदी, गाय, हाथी सहित अन्य खिलौनों की डिमांड की गई है.

पीएम की पहल पर काशी की कला पुनर्जीवित: बनारस में आज से 10 साल पहले शुरू हुआ बदलाव अब रंग लाने लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर काशी में बंद हो रही कला और काष्ठकला को फिर से जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस प्रयास के बाद काशी की गुलाबी मीनाकारी, काष्ठ कला, शिल्प कला को दोबारा से शुरू किया गया. बड़े मंचों पर सरकार की ओर से इनका प्रचार-प्रसार किया गया. इसी का परिणाम है कि आज काशी की इन कलाओं की विदेशों में भी मांग बढ़ी है. खासकर बनारस में बनी भगवान की मूर्तियों की खूब डिमांड है.

कारोबार बढ़ने से कारोबारी और कारीगर दोनों खुश: कारोबारी बिहारी लाल अग्रवाल ने बताया कि, विभिन्न देशों में हमारे यहां से तैयार माल जाता है. मगर स्पेन और जापान में भगवान की मूर्तियों की मांग अधिक होती है. भगवान शंकर और गणेश जी को अधिक लोग पसंद करते हैं. ऐसे में हम लोग भगवान शंकर और गणेश जी की मूर्तियां बनाकर भेज रहे हैं. हमारे यहां 80 महिलाएं साथ में मिलकर काम करती हैं. इसके साथ ही साथ बनारस में रहने वाले और भी 22 परिवार हैं, जिन्होंने मिलकर इस काम को पूरा किया है. वहीं महिला कारीगर ने बताया कि, हम लोगों के पास अच्छा-खासा ऑर्डर आ जाता है. जिससे आमदनी भी अच्छी हो जाती है. इस समय हमारे पास गाय, सखा, बकरी, कौआ, हाथी के साथ ही शंकर जी, गणेश जी बनाने के लिए ऑर्डर आते हैं. ज्यादा ऑर्डर आने से हमें काम करने में भी अच्छा लगता है.

यह भी पढ़ें :तीसरी बार कैंडिटेट बनाए जाने के बाद पीएम मोदी का बनारस में आज मेगा रोड शो, 25 किमी तक पुष्पवर्षा; 38 जगह होगा स्वागत

काशी की काष्ठकला की विदेशों में भारी मांग

वाराणसी: बनारस अब सिर्फ धर्म की नगरी ही नहीं रही. यह अब पर्यटन और व्यापार का भी केंद्र बनता जा रहा है. हर साल लाखों पर्यटक काशी घूमने आते हैं और वह यहां के गांगाघाट, खानपान और काष्ठकला के मुरीद हुए बिना नहीं रह पाते. तभी तो जापान और स्पेन से भी काशी के महादेव और भगवान गणेश की मूर्तियों भी भारी डिमांड है.

स्पेन और जापान से 4000 मूर्तियों का ऑर्डर: बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी का नाम और कारोबार दोनों ही आजकल धूम मचा रहा है. जहां एक ओर काशी में रोजाना लाखों पर्यटकों का आना हो रहा है. वहीं दूसरी ओर बनारस में होने वाले काष्ठकला के उत्पादों की भी अच्छी खासी डिमांड हो रही है. लोगों को भगवान शिव और गणेश की मूर्तियां बहुत पसंद आ रही हैं. इन मूर्तियों की मांग सात समंदर पार में भी है. तभी तो बनारस में 4000 पीस मूर्तियों का ऑर्डर मिला है. यह ऑर्डर लकड़ी के खिलौना बनाने वाले कारीगरों के पास आया है. जिसमें भगवान शिव और गणेश की प्रतिमा के साथ नंदी, गाय, हाथी सहित अन्य खिलौनों की डिमांड की गई है.

पीएम की पहल पर काशी की कला पुनर्जीवित: बनारस में आज से 10 साल पहले शुरू हुआ बदलाव अब रंग लाने लगा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर काशी में बंद हो रही कला और काष्ठकला को फिर से जीवित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस प्रयास के बाद काशी की गुलाबी मीनाकारी, काष्ठ कला, शिल्प कला को दोबारा से शुरू किया गया. बड़े मंचों पर सरकार की ओर से इनका प्रचार-प्रसार किया गया. इसी का परिणाम है कि आज काशी की इन कलाओं की विदेशों में भी मांग बढ़ी है. खासकर बनारस में बनी भगवान की मूर्तियों की खूब डिमांड है.

कारोबार बढ़ने से कारोबारी और कारीगर दोनों खुश: कारोबारी बिहारी लाल अग्रवाल ने बताया कि, विभिन्न देशों में हमारे यहां से तैयार माल जाता है. मगर स्पेन और जापान में भगवान की मूर्तियों की मांग अधिक होती है. भगवान शंकर और गणेश जी को अधिक लोग पसंद करते हैं. ऐसे में हम लोग भगवान शंकर और गणेश जी की मूर्तियां बनाकर भेज रहे हैं. हमारे यहां 80 महिलाएं साथ में मिलकर काम करती हैं. इसके साथ ही साथ बनारस में रहने वाले और भी 22 परिवार हैं, जिन्होंने मिलकर इस काम को पूरा किया है. वहीं महिला कारीगर ने बताया कि, हम लोगों के पास अच्छा-खासा ऑर्डर आ जाता है. जिससे आमदनी भी अच्छी हो जाती है. इस समय हमारे पास गाय, सखा, बकरी, कौआ, हाथी के साथ ही शंकर जी, गणेश जी बनाने के लिए ऑर्डर आते हैं. ज्यादा ऑर्डर आने से हमें काम करने में भी अच्छा लगता है.

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