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दिल्ली में एक मर्डर से खुला गिरफ्तार बांग्लादेशियों का बड़ा खेल, जानिए कैसे करते थे काम ? - ILLEGAL BANGLADESHI MIGRANTS

-फर्जी दस्तावेज केस -मर्डर केस की जांच में पुलिस इस गैंग तक पहुंची -5 बांग्लादेशी, 6 भारतीय गिरफ्तार -10 रुपये में बनाते थे वोटर कार्ड

illegal bangladeshi migrants in delhi
पुलिस ने 5 अवैध बांग्लादेशियों समेत 11 को दबोचा (Source: Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 13 hours ago

Updated : 13 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. साउथ जिला पुलिस ने 5 बांग्लादेशी नागरिको को गिरफ्तार किया हैं इसी के साथ 6 अन्यों को भी गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों ने नकली सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, वोटर कार्ड बनाने में मदद की थी.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक साउथ दिल्ली के संगम विहार इलाके में एक शख्स शिन्टू शेख का मर्डर हुआ था जिसमें 4 संदिग्ध थे जब उनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि ये सभी बंगलादेशी थे. इनके पास से आधार कार्ड भी थे. जब आगे की जांच की गई तो पता चला मृतक शिन्टू शेख ने इन्हें फर्जी कागजातों के जरिए अवैध रूप से भारत लाने में मदद की थी और दिल्ली में इन्हें अपने ही घर पर ठहराया था. पुलिस की पूछताछ में इन्होंने बताया कि किसी बात को लेकर इनका शिन्टू शेख से झगड़ा हो गया था जिसके बाद इन चारों ने शिन्टू शेख की हत्या कर दी.

मर्डर केस की जांच में पुलिस इस गैंग तक पहुंची

पुलिस को जांच में ये भी पता चाला कि इन आरोपियों को मदद करने वाला एक और शख्स भी था जिसका नाम साहिल बताया जा रहा है. फर्जी कागजात बनाने में साहिल नाम के शख्स ने इनकी मदद की थी. जिसका पूनम कम्प्यूटर सेंटर के नाम से रोहिणी में ऑफिस था, लेकिन ये सारा काम ऑनलाइन ही करते थे. इसके लिए एक वेबसाइट बनाई हुई थी. जिसका नाम Jantaprints.साइट और महज 20 रुपये में फर्जी डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, कोविड सर्टिफिकेट, 2 रुपये में बूस्टर डोज़ 7 रुपये में Driving लाइसेंस, 10 रुपये में वोटर आईडी कार्ड, 5 रुपये में पैन कार्ड, 10 रुपये में कास्ट सर्टिफिकेट, 15 रुपये में UP का कास्ट सर्टिफिकेट बनवा लेते थे. पुलिस के मुताबिक ये लोग साल 2022 से ये वेबसाइट चला रहे थे. एक साइट बंद होने पर ये दूसरी शुरू कर लिया करता थे. दिल्ली पुलिस के मुताबिक इनके पास से अब तक 4 नकली वोटर कार्ड, 21 फर्जी आधार कार्ड और 6 पैन कार्ड मिले थे. फिलहाल दिल्ली पुलिस आगे की जांच कर रही है.

'5-10 रुपये में बन जाते थे फर्जी दस्तावेज'

दिल्ली पुलिस के अनुसार अभी कई पहलुओं पर जांच चल रही है. जांच के बाद कई और लोगों की गिरफ्तारियां हो सकती है. डीसीपी चौहान ने इस मामले में कहा कि आरोपी ऐसे बांग्लादेशियों को पहचान पत्र मुहैया कराते थे, जो अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके थे. ये लोग आमतौर पर जंगलों और एक्सप्रेस ट्रेनों के जरिए भारत में दाखिल होते थे. डीसीपी चौहान ने बताया कि इन आरोपियों ने फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से जाली दस्तावेज तैयार करने का काम किया था, जिससे बांग्लादेशी नागरिकों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के भारतीय पहचान पत्र मिल सके. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, शहर भर में अब तक 1,000 से अधिक अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों की पहचान की गई है. पुलिस अभियान में घर-घर जाकर सत्यापन, दस्तावेजों की जांच और पूछताछ शामिल थी. लक्षित अभियान चलाने के लिए स्थानीय पुलिस और विदेशी सेल सहित विशेष टीमों को तैनात किया गया था.

ये भी पढ़ें- अवैध बांग्लादेशी प्रवासी बच्चों को नहीं मिलेगा दाखिला, दिल्ली के स्कूलों को सख्त निर्देश

ये भी पढ़ें- बांग्लादेशी घुसपैठियों के बन रहे थे वोटर और आधार कार्ड, 11 आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली: दिल्ली में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. साउथ जिला पुलिस ने 5 बांग्लादेशी नागरिको को गिरफ्तार किया हैं इसी के साथ 6 अन्यों को भी गिरफ्तार किया गया है. इन लोगों ने नकली सर्टिफिकेट, आधार कार्ड, वोटर कार्ड बनाने में मदद की थी.

दिल्ली पुलिस के मुताबिक साउथ दिल्ली के संगम विहार इलाके में एक शख्स शिन्टू शेख का मर्डर हुआ था जिसमें 4 संदिग्ध थे जब उनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि ये सभी बंगलादेशी थे. इनके पास से आधार कार्ड भी थे. जब आगे की जांच की गई तो पता चला मृतक शिन्टू शेख ने इन्हें फर्जी कागजातों के जरिए अवैध रूप से भारत लाने में मदद की थी और दिल्ली में इन्हें अपने ही घर पर ठहराया था. पुलिस की पूछताछ में इन्होंने बताया कि किसी बात को लेकर इनका शिन्टू शेख से झगड़ा हो गया था जिसके बाद इन चारों ने शिन्टू शेख की हत्या कर दी.

मर्डर केस की जांच में पुलिस इस गैंग तक पहुंची

पुलिस को जांच में ये भी पता चाला कि इन आरोपियों को मदद करने वाला एक और शख्स भी था जिसका नाम साहिल बताया जा रहा है. फर्जी कागजात बनाने में साहिल नाम के शख्स ने इनकी मदद की थी. जिसका पूनम कम्प्यूटर सेंटर के नाम से रोहिणी में ऑफिस था, लेकिन ये सारा काम ऑनलाइन ही करते थे. इसके लिए एक वेबसाइट बनाई हुई थी. जिसका नाम Jantaprints.साइट और महज 20 रुपये में फर्जी डेट ऑफ बर्थ सर्टिफिकेट, इनकम सर्टिफिकेट, कोविड सर्टिफिकेट, 2 रुपये में बूस्टर डोज़ 7 रुपये में Driving लाइसेंस, 10 रुपये में वोटर आईडी कार्ड, 5 रुपये में पैन कार्ड, 10 रुपये में कास्ट सर्टिफिकेट, 15 रुपये में UP का कास्ट सर्टिफिकेट बनवा लेते थे. पुलिस के मुताबिक ये लोग साल 2022 से ये वेबसाइट चला रहे थे. एक साइट बंद होने पर ये दूसरी शुरू कर लिया करता थे. दिल्ली पुलिस के मुताबिक इनके पास से अब तक 4 नकली वोटर कार्ड, 21 फर्जी आधार कार्ड और 6 पैन कार्ड मिले थे. फिलहाल दिल्ली पुलिस आगे की जांच कर रही है.

'5-10 रुपये में बन जाते थे फर्जी दस्तावेज'

दिल्ली पुलिस के अनुसार अभी कई पहलुओं पर जांच चल रही है. जांच के बाद कई और लोगों की गिरफ्तारियां हो सकती है. डीसीपी चौहान ने इस मामले में कहा कि आरोपी ऐसे बांग्लादेशियों को पहचान पत्र मुहैया कराते थे, जो अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके थे. ये लोग आमतौर पर जंगलों और एक्सप्रेस ट्रेनों के जरिए भारत में दाखिल होते थे. डीसीपी चौहान ने बताया कि इन आरोपियों ने फर्जी वेबसाइटों के माध्यम से जाली दस्तावेज तैयार करने का काम किया था, जिससे बांग्लादेशी नागरिकों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के भारतीय पहचान पत्र मिल सके. दिल्ली पुलिस के सूत्रों के अनुसार, शहर भर में अब तक 1,000 से अधिक अवैध बांग्लादेशी अप्रवासियों की पहचान की गई है. पुलिस अभियान में घर-घर जाकर सत्यापन, दस्तावेजों की जांच और पूछताछ शामिल थी. लक्षित अभियान चलाने के लिए स्थानीय पुलिस और विदेशी सेल सहित विशेष टीमों को तैनात किया गया था.

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Last Updated : 13 hours ago
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