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गाड़ी चोरी होने की फर्जी एफआईआर दर्ज कराता था शातिर, जांच के दौरान दिल्ली पुलिस ने दबोचा - Delhi auto lifter arrested - DELHI AUTO LIFTER ARRESTED

दिल्ली के आउटर जिला पुलिस ने वाहन चोरी के एक दिलचस्प मामले का खुलासा किया है, जिसमें खुद आरोपी पहले अपनी गाड़ी बेच देता है. फिर उसके चोरी होने की फर्जी एफआईआर दर्ज कराता था.

आउटर जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया ऑटो लिफ्टर
आउटर जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया ऑटो लिफ्टर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 5, 2024, 8:12 PM IST

नई दिल्ली: आउटर जिले के एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड की टीम ने एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है, जो पहले अपनी ही गाड़ी को बेच दिया करता था. फिर दिल्ली के अलग अलग थाने में गाड़ी चोरी होने की नकली एफआईआर दर्ज करवाता था, ताकि उस पर इंश्योरेंस क्लेम लिया जा सके.

बाहरी जिले के डीसीपी जिमी चिरम ने इस मामले में एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड के अधिकारियों को लगाया. 18 जुलाई को पश्चिम विहार ईस्ट थाना इलाके में एक वाहन चोरी की ई-एफआईआर दर्ज हुई. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान पता चला कि ई-एफआईआर करने वाले मनोज शर्मा ने अपने 4 अन्य कमर्शियल वाहनों की चोरी के संबंध में पहले से ही 4 अन्य ई-एफआईआर दर्ज कराई हुई है.

टीम ने प्रत्येक मामले में वारदात वाली जगह के सीसीटीवी फुटेज की जांच की. फिर पीड़ित से जब इस मामले में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसने तीन जेसीबी और दो ट्रैक्टर खरीदे थे. इसमें से एक ट्रैक्टर वेस्ट जिले के विकासपुरी थाना इलाके से 1 फरवरी को चोरी हो गई. जबकि, दूसरा ट्रैक्टर 10 अगस्त को मुंडका थाना इलाके से चोरी हो गया. इस संबंध में पुलिस को कुछ क्लू मिले जिससे शक पीड़ित पर ही जा रहा था.

इसके बाद पुलिस ने जब पीड़ित से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारी कहानी बताई. आउटर जिले के डीसीपी जिमी चिरम के अनुसार, पहले पीड़ित और अब आरोपी मनोज शर्मा ने पुलिस को बताया कि उसने जेसीबी और दो ट्रैक्टर दिल्ली से बाहर के इलाके में बेच दिया. फिर पश्चिम विहार ईस्ट थाना इलाके में चोरी की एफआईआर दर्ज कराई. जबकि, दूसरे वाहन चोरी की मुंडका और विकासपुरी थाना में एफआईआर दर्ज कराई, ताकि उस पर इंश्योरेंस क्लेम लिया जा सके. बाद में उसकी निशानदेही पर पुलिस ने लद्दाख से जेसीबी बरामद की. जबकि दोनों ट्रैक्टर उत्तराखंड और यूपी से बरामद किए गए.

पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था इसलिए उसके दिमाग में यह आइडिया आया कि पहले अपने वाहनों को बेच दिया जाए. फिर उसकी ई एफआईआर कर उस पर इंश्योरेंस क्लेम ले लिया जाए. लेकिन पुलिस के सामने उसका यह दाव फेल हो गया. फिलहाल पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपी से पूछताछ के बाद तीन मामले को सुलझाया गया है.

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नई दिल्ली: आउटर जिले के एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वायड की टीम ने एक ऐसे चोर को गिरफ्तार किया है, जो पहले अपनी ही गाड़ी को बेच दिया करता था. फिर दिल्ली के अलग अलग थाने में गाड़ी चोरी होने की नकली एफआईआर दर्ज करवाता था, ताकि उस पर इंश्योरेंस क्लेम लिया जा सके.

बाहरी जिले के डीसीपी जिमी चिरम ने इस मामले में एंटी ऑटो थेफ्ट स्क्वाड के अधिकारियों को लगाया. 18 जुलाई को पश्चिम विहार ईस्ट थाना इलाके में एक वाहन चोरी की ई-एफआईआर दर्ज हुई. पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान पता चला कि ई-एफआईआर करने वाले मनोज शर्मा ने अपने 4 अन्य कमर्शियल वाहनों की चोरी के संबंध में पहले से ही 4 अन्य ई-एफआईआर दर्ज कराई हुई है.

टीम ने प्रत्येक मामले में वारदात वाली जगह के सीसीटीवी फुटेज की जांच की. फिर पीड़ित से जब इस मामले में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि उसने तीन जेसीबी और दो ट्रैक्टर खरीदे थे. इसमें से एक ट्रैक्टर वेस्ट जिले के विकासपुरी थाना इलाके से 1 फरवरी को चोरी हो गई. जबकि, दूसरा ट्रैक्टर 10 अगस्त को मुंडका थाना इलाके से चोरी हो गया. इस संबंध में पुलिस को कुछ क्लू मिले जिससे शक पीड़ित पर ही जा रहा था.

इसके बाद पुलिस ने जब पीड़ित से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारी कहानी बताई. आउटर जिले के डीसीपी जिमी चिरम के अनुसार, पहले पीड़ित और अब आरोपी मनोज शर्मा ने पुलिस को बताया कि उसने जेसीबी और दो ट्रैक्टर दिल्ली से बाहर के इलाके में बेच दिया. फिर पश्चिम विहार ईस्ट थाना इलाके में चोरी की एफआईआर दर्ज कराई. जबकि, दूसरे वाहन चोरी की मुंडका और विकासपुरी थाना में एफआईआर दर्ज कराई, ताकि उस पर इंश्योरेंस क्लेम लिया जा सके. बाद में उसकी निशानदेही पर पुलिस ने लद्दाख से जेसीबी बरामद की. जबकि दोनों ट्रैक्टर उत्तराखंड और यूपी से बरामद किए गए.

पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था इसलिए उसके दिमाग में यह आइडिया आया कि पहले अपने वाहनों को बेच दिया जाए. फिर उसकी ई एफआईआर कर उस पर इंश्योरेंस क्लेम ले लिया जाए. लेकिन पुलिस के सामने उसका यह दाव फेल हो गया. फिलहाल पुलिस का दावा है कि पकड़े गए आरोपी से पूछताछ के बाद तीन मामले को सुलझाया गया है.

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