नई दिल्ली: दिल्ली के डॉ बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय (एयूडी) ने शुक्रवार को कश्मीरी गेट परिसर में 13वां वार्षिक दीक्षांत समारोह आयोजित किया. इस दौरान समारोह को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सभी डिग्रीधारियों और विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई दी और विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों को अनुसंधान, नवाचार के क्षेत्र में उत्कृष्टता के कार्य तथा देश के बेहतर भविष्य हेतु कार्य करने के लिए प्रेरित किया.
उपराज्यपाल ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 और भारतीय ज्ञान परम्परा के दृष्टिकोण से सार्थक शैक्षणिक कार्य करने हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन और सदस्यों की सराहना की. एलजी ने विकसित भारत के पक्ष और विश्वविद्यालय में उसकी भूमिका निर्धारित करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपनी प्रतिभा और अवसरों का रचनात्मक उपयोग करें. उन्होंने कहा कि यह आपका दीक्षांत समारोह है, जहां आज से आपकी दीक्षा का अंत और शिक्षा की शुरुआत होगी और यही जीवन पर्यंत चलेगी.
13th Annual Convocation of Dr. BR Ambedkar University at Kashmere Gate. https://t.co/WYjEBkfzLC
— LG Delhi (@LtGovDelhi) December 13, 2024
विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने कहा कि ज्ञान वही है जो आपका व्यवहार दर्शाता है. भाग्यशाली वो होते हैं जिन्हें अवसर मिलता है. प्रतिभाशाली वो होते हैं जो अवसर पैदा करते हैं और विजेता वो होते हैं जो अवसर का बेहतर उपयोग करते हैं. विद्यार्थियों को अवसर और प्रतिभा का प्रयोग करते हुए नए रोजगार के अवसर बनाने चाहिए. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन को हमेशा बेहतर कार्य करने का प्रयास करते रहना चाहिए.
शिक्षा किसी के भी जीवन को बदल देती है: दीपक मिश्रा
मुख्य अतिथि देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि बाबा साहब अंबेडकर को पता था कि भारत की संरचना कैसी होनी चाहिए. उन्होंने अंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली को प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय बताते हुए कहा कि समाज में शिक्षकों की भूमिका अहम होती है. दीक्षांत समारोह विद्यार्थियों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है. उन्होंने विद्यार्थियों के लिए मानवता और सकारात्मक विचार को महत्वपूर्ण बताया. उनका कहना था कि शिक्षा किसी के भी जीवन को बदल देती है.
1134 छात्र-छात्राओं को दी गईं डिग्रियां: कुलपति
कुलपति प्रोफेसर अनु सिंह लाठर ने बताया कि आज 13वें दीक्षांत समारोह की खास बात यह है कि हमने पिछले साल की तुलना में इस साल और अधिक पीएचडी की डिग्रियां प्रदान की हैं. दीक्षांत समारोह के दौरान शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के दौरान 1134 छात्रों को पुरातत्व और विरासत प्रबंधन जैसे अध्ययन के विभिन्न क्षेत्रों में पीएचडी, एमफिल, एमबीए, एमए और यूजी डिग्री से सम्मानित किया. पीएचडी की डिग्री और पीजी की डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स में छात्राओं की संख्या अधिक है. उन्होंने कहा कि यह भविष्य के लिए एक अच्छा संकेत है कि अब रिसर्च के क्षेत्र में शोधार्थियों की संख्या बढ़ रही है. पीएचडी के 28 स्टूडेंट में 19 छात्राएं और नौ छात्र शामिल हैं. इसी तरह पीजी में 519 स्टूडेंट्स में 320 छात्राएं और 199 छात्र शामिल हैं.
वहीं, एमफिल के 15 स्टूडेंट्स में 13 छात्राएं और तीन छात्र शामिल हैं. सोशल इंटरप्राइजेज मैनेजमेंट के विषय पर पीएचडी की डिग्री पूरी करने वाले शोधार्थी दिवाकर सिंह ने बताया कि उन्होंने एयरफोर्स में 20 साल सर्विस करने के बाद रिटायरमेंट लेकर अब अंबेडकर यूनिवर्सिटी में गेस्ट फैकल्टी के रूप में पढ़ाना शुरू किया और अब यहीं से पीएचडी की डिग्री पूरी की है. अब आगे एकेडमिक के क्षेत्र में जाने का प्लान है.
बता दें कि विश्वविद्यालय ने वर्ष 2012 में आयोजित अपने पहले दीक्षांत समारोह के बाद से अब तक 9701 डिग्री और पीजी डिप्लोमा प्रदान किए हैं. सभी विद्यार्थियों के अकादमिक डॉक्यूमेंट डिजीलॉकर पर अपलोड कर और विद्यार्थियों को कर्तव्य निष्ठा की शपथ दिलवाकर वार्षिक दीक्षांत समारोह के समापन की घोषणा की गई.
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