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दिल्ली जल बोर्ड घोटाला में AAP पर कसा शिकंजा, ED ने कुर्क की आरोपी इंजीनियरों की करोड़ों की संपत्ति - Delhi Jal Board scam case - DELHI JAL BOARD SCAM CASE

Delhi Jal Board scam case: दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है.ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड के पूर्व मुख्य इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा, उनकी पत्नी अलका अरोड़ा समेत अन्य की 8.80 करोड़ रुपये की कुल अचल और चल संपत्तियों को जब्त कर लिया है.

दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई
दिल्ली जल बोर्ड में घोटाले में ED की बड़ी कार्रवाई
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 3, 2024, 3:58 PM IST

नई दिल्ली: ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा और उनकी पत्नी अलका अरोड़ा, इंटीग्रल स्क्रू इंडस्ट्रीज के मालिक अनिल कुमार अग्रवाल की 8.80 करोड़ रुपये की कुल कीमत वाली विभिन्न अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. ईडी ने कहा है कि जगदीश अरोड़ा और अन्य के मामले में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत उप-ठेकेदार और एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीजेबी के ठेकेदार) अचल संपत्तियां दिल्ली में स्थित हैं, जिन्हें कुर्क किया गया है.

इसी मामले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली ने धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत राजिंदर कुमार गुप्ता, पूर्व-सीएमडी, डब्ल्यूएपीसीओएस लिमिटेड, उनकी पत्नी रीमा सिंगल और उनके पुत्र गौरव सिंगल से संबंधित कुल 3.27 करोड़ रुपए कीमत की गुड़गांव स्थित अचल संपत्तियों को कुर्क किया है. दिल्ली जल बोर्ड घोटाले की सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की. इसमें दिल्ली जल बोर्ड में कथित भ्रष्टाचार और रिश्वत से संबंधित मामले शामिल है.

FIR में आरोप लगाया गया है कि जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने जल बोर्ड के फ्लो मीटर कॉन्ट्रैक्ट को एनकेजी कंपनी को 38 करोड़ रुपए की बढ़ी हुई लागत पर दिए. जबकि, कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को भी पूरा नहीं करती थी. ईडी की जांच में यह भी पता लगा है कि कंपनी ने जाली, नकली और झूठे दस्तावेज जमा करके बीड प्राप्त की थी.

जल बोर्ड द्वारा प्राप्त 24 करोड़ रुपए की भुगतान में केवल 14 करोड़ रुपए की अनुबंध कार्य पर खर्च किए गए. बाकी बची राशि को रिश्वत के लिए निकाल लिया गया. आरोप है कि जगदीश कुमार अरोड़ा ने 3 करोड़ 19 लाख रुपए की रिश्वत ली. Fसमें से उन्होंने दो करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों और आम आदमी पार्टी को इलेक्शन फंड के रूप में दिए थे.

ईडी ने इससे पहले 24 जुलाई 2023 और 17 नवंबर 2023 को इस संबंध में रेड किया था और मामले से संबंधित दस्तावेज और सबूत को जब्त किए थे. Fसके बाद ईडी ने इस वर्ष 31 जनवरी को जगदीश अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया. वह दोनों अभी तिहाड़ जेल में बंद है.

ये भी पढ़ें : जानिए क्या है दिल्ली जल बोर्ड का मामला, ED ने भेजा अरविंद केजरीवाल को नोटिस

क्या है दिल्ली जल बोर्ड घोटालाः दिल्ली जल बोर्ड मामले में सबसे पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. इसके बाद इस मामले को आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस को टेकओवर किया था. सीबीआई ने 9 जुलाई 2022 को कई लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन किया और इस सर्च ऑपरेशन में कई महत्वपूर्ण सबूत मिले. इसके ईडी ने 23 जुलाई 2023 को नोएडा, हरियाणा के गुरुग्राम के साथ-साथ केरल, चेन्नई में भी आरोपियों से जुड़े अन्य लोकेशन पर छापेमारी की, जिसमें कई महत्वपूर्ण सबूत मिले.

केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर किया था. जांच एजेंसी पिछले काफी समय से इस मामले की जांच कर रही थी. इस केस में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था और कई अन्य आरोपियों का बयान दर्ज किया गया था और उसी के आधार पर चार्जशीट दायर की गई.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में पानी और सीवर कनेक्शन लेना हुआ महंगा, जानिए अब कितना करना पड़ेगा खर्च - New Water Sevrage Connection Rate

नई दिल्ली: ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड घोटाले में बड़ी कार्रवाई की है. तत्कालीन मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा और उनकी पत्नी अलका अरोड़ा, इंटीग्रल स्क्रू इंडस्ट्रीज के मालिक अनिल कुमार अग्रवाल की 8.80 करोड़ रुपये की कुल कीमत वाली विभिन्न अचल और चल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया है. ईडी ने कहा है कि जगदीश अरोड़ा और अन्य के मामले में पीएमएलए, 2002 के प्रावधानों के तहत उप-ठेकेदार और एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (डीजेबी के ठेकेदार) अचल संपत्तियां दिल्ली में स्थित हैं, जिन्हें कुर्क किया गया है.

इसी मामले से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), दिल्ली ने धन-शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधानों के तहत राजिंदर कुमार गुप्ता, पूर्व-सीएमडी, डब्ल्यूएपीसीओएस लिमिटेड, उनकी पत्नी रीमा सिंगल और उनके पुत्र गौरव सिंगल से संबंधित कुल 3.27 करोड़ रुपए कीमत की गुड़गांव स्थित अचल संपत्तियों को कुर्क किया है. दिल्ली जल बोर्ड घोटाले की सीबीआई जांच कर रही है. सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर ईडी ने भी जांच शुरू की. इसमें दिल्ली जल बोर्ड में कथित भ्रष्टाचार और रिश्वत से संबंधित मामले शामिल है.

FIR में आरोप लगाया गया है कि जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने जल बोर्ड के फ्लो मीटर कॉन्ट्रैक्ट को एनकेजी कंपनी को 38 करोड़ रुपए की बढ़ी हुई लागत पर दिए. जबकि, कंपनी तकनीकी पात्रता मानदंडों को भी पूरा नहीं करती थी. ईडी की जांच में यह भी पता लगा है कि कंपनी ने जाली, नकली और झूठे दस्तावेज जमा करके बीड प्राप्त की थी.

जल बोर्ड द्वारा प्राप्त 24 करोड़ रुपए की भुगतान में केवल 14 करोड़ रुपए की अनुबंध कार्य पर खर्च किए गए. बाकी बची राशि को रिश्वत के लिए निकाल लिया गया. आरोप है कि जगदीश कुमार अरोड़ा ने 3 करोड़ 19 लाख रुपए की रिश्वत ली. Fसमें से उन्होंने दो करोड़ रुपए दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों और आम आदमी पार्टी को इलेक्शन फंड के रूप में दिए थे.

ईडी ने इससे पहले 24 जुलाई 2023 और 17 नवंबर 2023 को इस संबंध में रेड किया था और मामले से संबंधित दस्तावेज और सबूत को जब्त किए थे. Fसके बाद ईडी ने इस वर्ष 31 जनवरी को जगदीश अरोड़ा और अनिल कुमार अग्रवाल को गिरफ्तार किया. वह दोनों अभी तिहाड़ जेल में बंद है.

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क्या है दिल्ली जल बोर्ड घोटालाः दिल्ली जल बोर्ड मामले में सबसे पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था. इसके बाद इस मामले को आधार पर ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस को टेकओवर किया था. सीबीआई ने 9 जुलाई 2022 को कई लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन किया और इस सर्च ऑपरेशन में कई महत्वपूर्ण सबूत मिले. इसके ईडी ने 23 जुलाई 2023 को नोएडा, हरियाणा के गुरुग्राम के साथ-साथ केरल, चेन्नई में भी आरोपियों से जुड़े अन्य लोकेशन पर छापेमारी की, जिसमें कई महत्वपूर्ण सबूत मिले.

केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड से जुड़े मामले में एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दायर किया था. जांच एजेंसी पिछले काफी समय से इस मामले की जांच कर रही थी. इस केस में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था और कई अन्य आरोपियों का बयान दर्ज किया गया था और उसी के आधार पर चार्जशीट दायर की गई.

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