सतना/सीहोर: दिल्ली में हुए देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में बतौर अतिथि मध्य प्रदेश से 10 महिला सरपंचों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था. इसके अलावा सीहोर जिले की लखपति दीदी त्रिवेणी शर्मा और ड्रोन दीदी संगीता मालवीय को भी बतौर अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था. महिला सरपंचों में सागर की सबसे युवा सरपंच रागिनी पटेल भी शामिल थीं. यह सभी लाल किले की प्राचीर से तिरंगा फहराए जाने के गौरवपूर्ण पल की साक्षी बनीं.
सरपंच रागिनी पटेल ने दिया धन्यवाद
युवा सरपंच रागिनी पटेल ने स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण समारोह में बतौर अतिथि बुलाए जाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. रागिनी ने बताया कि, "10 दिन पहले हमें भोपाल बुलाया गया था. वहां से सभी को एक साथ दिल्ली लाया गया. मैंने बचपन से टीवी पर 15 अगस्त, 26 जनवरी को लाल किले से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति का भाषण सुनती आई हूं. आज प्रधानमंत्री का देश के नाम संदेश लाइव सुना. बहुत अच्छा लगा." गौरतलब है कि, रागिनी पटेल सतना जिले के अमरपाटन जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत झिरिया कोपरिहान में सबसे कम उम्र में निर्वाचित होने वाली सरपंच हैं. वो न केवल सतना बल्कि पूरे विंध्य क्षेत्र की सबसे कम उम्र की सरपंच हैं. उन्होंने 7 प्रतिद्वंदियों को हराते हुए 20 वोटों से जीत दर्ज की थी.
लखपति दीदी और ड्रोन दीदी भी हुई शामिल
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में सीहोर जिले की आष्टा विकासखंड के सिद्दीकगंज निवासी लखपति दीदी त्रिवेणी शर्मा तथा इछावर विकासखंड के बिछौली निवासी ड्रोन दीदी संगीता मालवीय को भी अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था.
लखपति दीदी त्रिवेणी शर्मा की कहानी
त्रिवेणी शर्मा के पति गणेश शर्मा पान की दुकान चलाते थे, जिससे परिवार का गुजारा मुश्किल से होता था. त्रिवेणी शर्मा अक्टूबर 2018 में शिवशंकर स्व सहायता समूह से जुड़ीं. उन्होंने स्व सहायता समूह से ऋण लेकर जनरल स्टोर व डेयरी के संचालन से अपने काम की शुरुआत की. उन्होंने एक हजार रुपये से ऋण लेना शुरू किया और ऋण चुकाने के बाद फिर से 50 हजार रुपये का ऋण लिया. त्रिवेणी बतातीं हैं कि, 'पति की आमदानी को छोड़कर वे 10 हजार से 12 हजार रुपये तक कमा लेतीं हैं. इस तरह त्रिवेणी शर्मा लखपति दीदी बन गईं.'
ड्रोन दीदी संगीता मालवीय की कहानी
ड्रोन दीदी संगीता मालवीय बताती हैं कि, 'मैंने 25 रुपये की बचत कि साथ समूह से जुड़कर ऋण लेकर अपनी जरूरतें पूरी की. समूह में मेरी सक्रियता को देखते हुए मुझे ग्राम संगठन में चुना गया. मैंने समूह से 6 हजार रुपये का ऋण लेकर तुलसी की औषधि खेती प्रारंभ की, इससे मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति बेहतर होने लगी. अब मेरी आमदनी 1 लाख 20 हजार सालाना हो गई है'. उन्होंने बताया कि, 'मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ड्रोन दीदी योजना अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त किया और अब ड्रोन उड़ाने का कार्य भी कर रही हूं.'