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डीएचएफएल फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी कपिल वधावन की जमानत याचिका पर सीबीआई को हाईकोर्ट का नोटिस - DHFL FRAUD CASE

डीएचएफएल के 34 हजार करोड़ रुपये के फर्जीवाड़ा मामले में आरोपी कपिल वधावन की जमानत याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस भेजा है.

डीएचएफएल फर्जीवाड़ा मामला
डीएचएफएल फर्जीवाड़ा मामला (Etv bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 14, 2024, 8:38 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएचएफल के 34 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जीवाड़े मामले में कपिल वधावन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया है. जस्टिस चंद्रधारी सिंह की बेंच ने सीबीआई को 10 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी.

वधावन की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने 2022 में केस दर्ज किया था. वह करीब छह सौ दिन से हिरासत में हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में अब केवल कपिल वधावन ही हिरासत में हैं शेष सह-आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. वधावन की ओर से कहा गया कि ट्रायल कोर्ट ने उन्हें इस मामले में डिफॉल्ट जमानत दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे निरस्त कर दिया था. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जमानत याचिका सीधे हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिकाकर्ता को पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए था.

ये भी पढ़ें: DHFL प्रमोटर वधावन भाइयों को विशेष सुविधा देने वाले 7 पुलिसकर्मी निलंबित

सीबीआई ने 15 अक्टूबर 2022 को 55 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट पर ट्रायल कोर्ट ने संज्ञान लिया था. इस चार्जशीट को आरोपियों की ओऱ से अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत अधूरा बताया गया था. सीबीआई ने कपिल वधावन और उसके भाई धीरज वधावन को जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया था. इस मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत 17 दूसरे बैंकों से करीब 42 हजार करोड़ का लोन लेकर उसे डीएचएफएल व दूसरी कंपनियों में अवैध तरीके से ट्रांसफर किया गया था.

ये भी पढ़ें: लोन घोटाला मामले में SC ने DHFL वधावन को दी गई जमानत रद्द कर दी

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएचएफल के 34 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा के फर्जीवाड़े मामले में कपिल वधावन की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीबीआई को नोटिस जारी किया है. जस्टिस चंद्रधारी सिंह की बेंच ने सीबीआई को 10 दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर को होगी.

वधावन की ओर से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में सीबीआई ने 2022 में केस दर्ज किया था. वह करीब छह सौ दिन से हिरासत में हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में अब केवल कपिल वधावन ही हिरासत में हैं शेष सह-आरोपियों को जमानत मिल चुकी है. वधावन की ओर से कहा गया कि ट्रायल कोर्ट ने उन्हें इस मामले में डिफॉल्ट जमानत दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे निरस्त कर दिया था. सुनवाई के दौरान सीबीआई ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि जमानत याचिका सीधे हाईकोर्ट में दायर की गई है. याचिकाकर्ता को पहले ट्रायल कोर्ट जाना चाहिए था.

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सीबीआई ने 15 अक्टूबर 2022 को 55 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट पर ट्रायल कोर्ट ने संज्ञान लिया था. इस चार्जशीट को आरोपियों की ओऱ से अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 173 के तहत अधूरा बताया गया था. सीबीआई ने कपिल वधावन और उसके भाई धीरज वधावन को जुलाई 2022 में गिरफ्तार किया था. इस मामले में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया समेत 17 दूसरे बैंकों से करीब 42 हजार करोड़ का लोन लेकर उसे डीएचएफएल व दूसरी कंपनियों में अवैध तरीके से ट्रांसफर किया गया था.

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