नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को लोकायुक्त को आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक दिनेश मोहनिया के खिलाफ दायर भ्रष्टाचार की शिकायत पर शीघ्रता से विचार करने का निर्देश दिया है. मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ (जिसमें न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला भी शामिल हैं) ने यह आदेश एक याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया. याचिका में लोकायुक्त को मोहनिया के खिलाफ शिकायत पर विचार करने का निर्देश देने की मांग की गई थी.
एंटी-करप्शन फोरम द्वारा दायर इस याचिका में बताया गया है कि 30 जनवरी, 2020 को याचिकाकर्ता/सोसायटी ने लोकायुक्त के समक्ष एक शिकायत प्रस्तुत की थी, जिसमें आप विधायक दिनेश मोहनिया और उनके साथ मिलीभगत करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच का अनुरोध किया गया था. याचिका में यह भी उल्लेख किया गया कि शिकायत की उचित कानूनी कार्रवाई के लिए सक्षम प्राधिकारी को रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आग्रह किया गया था.
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संगम विहार के निवासियों का आरोप
शिकायत में विधायक पर संगम विहार के निवासियों से पानी के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. कहा गया है कि मोहनिया के सहयोगी स्थानीय निवासियों से पैसे एकत्र करके उन्हें विधायक को सौंपते हैं. शिकायतकर्ता ने इस संबंध में वीडियो और अन्य सबूतों का दावा किया है, जिसमें भ्रष्टाचार के स्पष्ट उदाहरण प्रस्तुत किए गए हैं, साथ ही दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष और अध्यक्ष सहित सरकारी अधिकारियों द्वारा कर्तव्य की उपेक्षा भी दिखाई गई है.
इसके अलावा, शिकायत में यह भी कहा गया है कि संगम विहार के निवासियों को दिल्ली सरकार द्वारा स्थापित सार्वजनिक बोरवेल का उपयोग करने और दिल्ली जल बोर्ड के टैंकरों से पानी प्राप्त करने के लिए दोनों को भुगतान करना पड़ता है. ऐसे में यह स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक तंत्र में कितना भ्रष्टाचार व्याप्त है.
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