नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के न्यू फ्रेंड्स कालोनी में अनाधिकृत निर्माण से जुड़े मामले में लापरवाही बरतने पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के कमिश्नर को फटकार लगाई है. उन्होंने पूछा है कि आप पर अवमानना की कार्यवाही करते हुए जेल क्यों न भेजा जाए. हाईकोर्ट ने एमसीडी कमिश्नर को निर्देश दिया कि वो छह दिनों के अंदर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. मामले की अगली सुनवाई 5 अगस्त को होगी.
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार से पूछा कि उन्हें इस गलती के लिए जेल क्यों न भेजा जाए. दरअसल हाईकोर्ट ने एमसीडी कमिश्नर को तलब किया था. कोर्ट ने कमिश्नर के बदले एक्जीक्यूटिव इंजीनियर की ओर से हलफनामा दाखिल करने पर भी नाराजगी जताई. कोर्ट ने कमिश्नर से सवाल किया की अगर एक्जीक्यूटिव इंजीनियर से ही जवाब लेना होता तो आपकी क्या जरूरत. आखिर किस अधिकार से एक्जीक्यूटिव इंजीनियर ने हलफनामा दाखिल किया है. हम यहीं हाईकोर्ट के बाहर आपका दफ्तर बना देते हैं और फिर आपसे काम कराते हैं.
यह भी पढ़ें- दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने 15 वर्षीय किशोरी से रेप करने के आरोपी को सुनाई 20 साल की सजा, कही ये बात
सुनवाई के दौरान एमसीडी की तरफ से पेश वकील ने कहा कि इस मामले में याचिका दायर की गई है. तब कोर्ट ने पूछा कि आप कितनी याचिकाएं दायर करेंगे. हर रोज हाईकोर्ट में एमसीडी या एनडीएमसी के खिलाफ केस लगे रहते हैं. अगर हर मामले में एमसीडी पर सवाल उठे तो क्या सारे मामलों में याचिका दायर करेंगे. हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वो स्टेटस रिपोर्ट की जांच कर तथ्यों को हाईकोर्ट के सामने रखें. दरअसल हाईकोर्ट, विकास चौधरी नामक शख्स की याचिका पर सुनवाई कर रहा है. याचिका में न्यू फ्रेंड्स कालोनी में अवैध निर्माण की शिकायत की गई है और यह मांग की गई है कि अवैध निर्माण के लिए जिम्मेदार एमसीडी अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हो.
यह भी पढ़ें- भलस्वा से सभी डेयरियों को घोघा डेयरी कॉलोनी में चार हफ्ते के अंदर शिफ्ट करने का आदेश