नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीजेपी के निलंबित विधायकों से पूछा है कि क्या वे विधानसभा के स्पीकर से मुलाकात कर और उप-राज्यपाल (LG) से माफी मांग सकते हैं. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच ने बीजेपी विधायकों की ओर से पेश वकील जयंत मेहता को निर्देश दिया कि वे बीजेपी विधायकों से निर्देश लेकर कोर्ट को सूचित करें. इसके बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई कल यानी बुधवार तक के लिए टाल दिया.
मंगलवार को सुनवाई के दौरान विधानसभा स्पीकर ने सुझाव दिया कि अगर बीजेपी विधायक उनसे मुलाकात करें और उपराज्यपाल से माफी मांग ले तो इस विवाद का हल निकाला जा सकता है. उसके बाद हाईकोर्ट ने जयंत मेहता से विधानसभा स्पीकर के सुझाव पर बीजेपी विधायकों से निर्देश लेने को कहा. इस मामले पर हाईकोर्ट ने 19 जनवरी को भी सुनवाई की थी. इन विधायकों की ओर से वकील जयंत मेहता ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ये पहले ही कह चुका है कि आप अनिश्चित काल तक किसी को निलंबित नहीं रख सकते हैं.
मेहता ने कहा था कि पहली घटना पर किसी विधायक को तीन दिनों की अधिकतम सजा दी जा सकती है और दूसरी बार सात दिनों की अधिकतम सजा दी जा सकती है. इस मामले में इन विधायकों की ये पहली सजा है, ऐस में उन्हें तीन दिन से ज्यादा की सजा नहीं दी जा सकती है.
दरअसल, 15 फरवरी को दिल्ली विधानसभा में उपराज्यपाल वीके सक्सेना के अभिभाषण के दौरान कथित तौर पर बाधा डालने के आरोप में 7 बीजेपी विधायकों को निलंबित कर दिया गया था. आप विधायक दिलीप पांडेय ने विधानसभा में सातों विधायकों के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसे पारित कर दिया गया. स्पीकर रामनिवास गोयल ने विधायकों की ओर से बाधा डालने के मामले को विशेषाधिकार समिति को सौंप दिया. जिन सात विधायकों को निलंबित किया गया, उनमें मोहन सिंह बिष्ट, अजय महावर, ओपी शर्मा, अभय वर्मा, अनिल वाजपेयी, जीतेंद्र महाजन और विजेंद्र गुप्ता शामिल हैं.