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मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब 13 मई को सुनवाई , हाईकोर्ट ने ED को दिया 4 दिन का समय - Manish Sisodai Bail - MANISH SISODAI BAIL

Manish sisodia bail: दिल्ली हाईकोर्ट में आज मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई. HC ने सिसोदिया की याचिका पर ED और CBI से जवाब मांगा था. जिस पर ईडी ने आज सुनवाई के दौरान एक हफ्ते और समय की मांग की. कोर्ट की ओर से ईडी को 4 दिन दिए गए हैं. मामले में अगली सुनवाई 13 मई को होगी.

Etv Bharatमनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर HC ने ईडी को दिया 4 दिन का समय
Etv Bharatमनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर HC ने ईडी को दिया 4 दिन का समय (Source: Etv Bharat Desk)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 8, 2024, 12:28 PM IST

Updated : May 8, 2024, 2:13 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में ये सुनवाई की गई, इस दौरान ईडी ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक और हफ्ते के समय की मांग की थी. इस मांग पर सिसौदिया के वकील ने आपत्ति जताई, उन्होंने कहा कि ''वे डेढ़ साल से अधिक समय से इसकी जांच कर रहे हैं. जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को 4 दिन का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होनी है.

दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ

सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कहा कि 'हमें जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय चाहिए. जांच अधिकारी व्यस्त हैं. आईओ पूरी जांच में लगे हुए हैं. अभियोजन शिकायत में व्यस्त है. हम सुप्रीमकोर्ट के समक्ष एक अन्य सह-अभियुक्त के मामले से भी निपट रहे हैं. हमें एक सप्ताह का समय दीजिए” मनीष सिसौदिया के वकील ने समय मांगे जाने के अनुरोध पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि ''वे डेढ़ साल से अधिक समय से इसकी जांच कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के सामने उन्होंने कहा था कि हम 6 महीने के अंदर ट्रायल खत्म कर देंगे. ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका को कई बार स्थगित भी किया गया था.

जिस पर कोर्ट ने 4 दिन का ही समय दिया है और मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख मुकर्रर की है.

बता दें कि कोर्ट ने 3 मई को ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी किया था, हाईकोर्ट ने सिसोदिया को अपनी पत्नी से हफ्ते में एक बार मिलने की अनुमति का ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रखने का आदेश दिया था. बता दें कि 30 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज केस में सिसोदिया की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. इसी आदेश को सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि प्रॉफिट मार्जिन को सात फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने को सही ठहराने को लेकर कोई बैठक या चर्चा नहीं की गई. ये नीति कुछ थोक विक्रेताओं के पक्ष में थी.

सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया के वकील सिर्फ ट्रायल में देरी को लेकर जमानत के लिए दबाव बना रहे हैं. उसके लिए उनको हलफनामा दाखिल करना चाहिए, क्योंकि इस मामले मे बड़ी संख्या में अलग-अलग अर्जियां दाखिल की गई थीं. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि मुकदमा धीमी गति से चल रहा है. ईडी ने कहा कि ''प्रॉफिट मार्जिन को सात फीसदी बढ़ाकर 12 फीसदी करने को सही ठहराने को लेकर कोई बैठक या चर्चा नहीं हुई. इनका तर्क है कि पहले भी बैठक और चर्चा नहीं हुई थी अब भी नहीं है इसलिए हमने भी ऐसा किया है. तीन दिनों के भीतर, बिना किसी बैठक या चर्चा के 12 प्रतिशत का प्रॉफिट मार्जिन पेश किया गया. ''

ईडी ने कहा कि ''अपराध की गंभीरता बेहद गंभीर है क्योंकि एक नीति बनाई गई जो कुछ थोक विक्रेताओं के पक्ष में थी. पॉलिसी वापस लेने का एकमात्र वजह जांच थी और शराब की नई नीति मतलब अवैध लाभ प्राप्त करने का एक जरिया''. ईडी ने कहा था कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि ''थोक कारोबार का हिस्सा सरकार को दिया जाए. इस बात पर कोई चर्चा नहीं की गई और थोक कारोबार निजी कंपनियों को क्यों दे दिया गया. ईडी ने कहा था कि साउथ ग्रुप के साथ ओबेरॉय होटल में मीटिंग हुई थी जहां सभी सह-आरोपी मीटिंग में उपस्थित थे. उनमें से कुछ अब सरकारी गवाह बन गए हैं''.

ईडी ने 10 अप्रैल को सुनवाई के दौरान कहा था कि कोर्ट को ये तय करने की जरूरत है कि क्या मुकदमा काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है. ईडी ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि कोर्ट अभी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता कि सिसोदिया दोषी नहीं है. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों का हवाला देते हुए कहा था कि कोर्ट को मामले में मेरिट के आधार पर विचार करना होगा. ईडी ने कहा कि सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 की दोहरी शर्तें को पूरा नहीं कर रहे हैं. ईडी ने कहा कि कोर्ट अभी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता कि सिसोदिया दोषी नहीं है और ये मानने के उचित आधार हैं. ईडी ने कहा था कि टटसिसोदिया ने एक्सपर्ट की रिपोर्ट से भटकाने का दिखावा करने के लिए ईमेल प्लांट किए. इसके लिए हमारे पास दस्तावेजी प्रमाण, व्हाट्सएप चैट और ईमेल भी हैं''.

बता दें कि 6 अप्रैल को ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा था कि ''मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका में ट्रायल में देरी को आधार बनाया जा रहा है जबकि देरी आरोपियों की ओर से की जा रही है. मनीष सिसोदिया की ओर से कहा गया था कि ट्रायल कछुआ गति से चल रही है. जबकि सुप्रीम कोर्ट जमानत याचिका पर अपने फैसले में जल्द ट्रायल करने को कह चुका है.''

ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था.

ये भी पढ़ें-केजरीवाल, सिसोदिया और के. कविता की न्यायिक हिरासत फिर बढ़ी, दिल्ली शराब घोटाले में हैं आरोपी

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नई दिल्ली: दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआई और ईडी दोनों मामलों में ये सुनवाई की गई, इस दौरान ईडी ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए एक और हफ्ते के समय की मांग की थी. इस मांग पर सिसौदिया के वकील ने आपत्ति जताई, उन्होंने कहा कि ''वे डेढ़ साल से अधिक समय से इसकी जांच कर रहे हैं. जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी को 4 दिन का समय दिया है. मामले की अगली सुनवाई 13 मई को होनी है.

दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान क्या हुआ

सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कहा कि 'हमें जवाब दाखिल करने के लिए एक हफ्ते का समय चाहिए. जांच अधिकारी व्यस्त हैं. आईओ पूरी जांच में लगे हुए हैं. अभियोजन शिकायत में व्यस्त है. हम सुप्रीमकोर्ट के समक्ष एक अन्य सह-अभियुक्त के मामले से भी निपट रहे हैं. हमें एक सप्ताह का समय दीजिए” मनीष सिसौदिया के वकील ने समय मांगे जाने के अनुरोध पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि ''वे डेढ़ साल से अधिक समय से इसकी जांच कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट के सामने उन्होंने कहा था कि हम 6 महीने के अंदर ट्रायल खत्म कर देंगे. ट्रायल कोर्ट के समक्ष जमानत याचिका को कई बार स्थगित भी किया गया था.

जिस पर कोर्ट ने 4 दिन का ही समय दिया है और मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 मई की तारीख मुकर्रर की है.

बता दें कि कोर्ट ने 3 मई को ईडी और सीबीआई को नोटिस जारी किया था, हाईकोर्ट ने सिसोदिया को अपनी पत्नी से हफ्ते में एक बार मिलने की अनुमति का ट्रायल कोर्ट का आदेश जारी रखने का आदेश दिया था. बता दें कि 30 अप्रैल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से दर्ज केस में सिसोदिया की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया था. इसी आदेश को सिसोदिया ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. राऊज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान ईडी ने सिसोदिया की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि प्रॉफिट मार्जिन को सात फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी करने को सही ठहराने को लेकर कोई बैठक या चर्चा नहीं की गई. ये नीति कुछ थोक विक्रेताओं के पक्ष में थी.

सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा था कि सिसोदिया के वकील सिर्फ ट्रायल में देरी को लेकर जमानत के लिए दबाव बना रहे हैं. उसके लिए उनको हलफनामा दाखिल करना चाहिए, क्योंकि इस मामले मे बड़ी संख्या में अलग-अलग अर्जियां दाखिल की गई थीं. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि मुकदमा धीमी गति से चल रहा है. ईडी ने कहा कि ''प्रॉफिट मार्जिन को सात फीसदी बढ़ाकर 12 फीसदी करने को सही ठहराने को लेकर कोई बैठक या चर्चा नहीं हुई. इनका तर्क है कि पहले भी बैठक और चर्चा नहीं हुई थी अब भी नहीं है इसलिए हमने भी ऐसा किया है. तीन दिनों के भीतर, बिना किसी बैठक या चर्चा के 12 प्रतिशत का प्रॉफिट मार्जिन पेश किया गया. ''

ईडी ने कहा कि ''अपराध की गंभीरता बेहद गंभीर है क्योंकि एक नीति बनाई गई जो कुछ थोक विक्रेताओं के पक्ष में थी. पॉलिसी वापस लेने का एकमात्र वजह जांच थी और शराब की नई नीति मतलब अवैध लाभ प्राप्त करने का एक जरिया''. ईडी ने कहा था कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट में कहा गया था कि ''थोक कारोबार का हिस्सा सरकार को दिया जाए. इस बात पर कोई चर्चा नहीं की गई और थोक कारोबार निजी कंपनियों को क्यों दे दिया गया. ईडी ने कहा था कि साउथ ग्रुप के साथ ओबेरॉय होटल में मीटिंग हुई थी जहां सभी सह-आरोपी मीटिंग में उपस्थित थे. उनमें से कुछ अब सरकारी गवाह बन गए हैं''.

ईडी ने 10 अप्रैल को सुनवाई के दौरान कहा था कि कोर्ट को ये तय करने की जरूरत है कि क्या मुकदमा काफी धीमी गति से आगे बढ़ रहा है. ईडी ने राऊज एवेन्यू कोर्ट में कहा कि कोर्ट अभी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता कि सिसोदिया दोषी नहीं है. ईडी ने सुप्रीम कोर्ट के पहले के फैसलों का हवाला देते हुए कहा था कि कोर्ट को मामले में मेरिट के आधार पर विचार करना होगा. ईडी ने कहा कि सिसोदिया मनी लॉन्ड्रिंग कानून की धारा 45 की दोहरी शर्तें को पूरा नहीं कर रहे हैं. ईडी ने कहा कि कोर्ट अभी इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकता कि सिसोदिया दोषी नहीं है और ये मानने के उचित आधार हैं. ईडी ने कहा था कि टटसिसोदिया ने एक्सपर्ट की रिपोर्ट से भटकाने का दिखावा करने के लिए ईमेल प्लांट किए. इसके लिए हमारे पास दस्तावेजी प्रमाण, व्हाट्सएप चैट और ईमेल भी हैं''.

बता दें कि 6 अप्रैल को ईडी की ओर से पेश वकील जोहेब हुसैन ने कहा था कि ''मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका में ट्रायल में देरी को आधार बनाया जा रहा है जबकि देरी आरोपियों की ओर से की जा रही है. मनीष सिसोदिया की ओर से कहा गया था कि ट्रायल कछुआ गति से चल रही है. जबकि सुप्रीम कोर्ट जमानत याचिका पर अपने फैसले में जल्द ट्रायल करने को कह चुका है.''

ईडी ने इस मामले में मनीष सिसोदिया को 9 मार्च 2023 को पूछताछ के बाद तिहाड़ जेल से गिरफ्तार किया था। सिसोदिया को पहले सीबीआई ने 26 फरवरी 2023 को गिरफ्तार किया था.

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Last Updated : May 8, 2024, 2:13 PM IST
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