नई दिल्लीः दिल्ली विश्वविद्यालय (DU ADMISSION 2024) की दाखिला प्रक्रिया के दौरान हर साल किसी न किसी मामले को लेकर टकराव की स्थिति पैदा होती दिखती है. इस साल डीयू का सेंट स्टीफेंस कॉलेज चर्चा में बना हुआ है. पिछले साल सीयूईटी के अलावा अल्पसंख्यक छात्रों के दाखिले के लिए इंटरव्यू लेने पर अड़ने के कारण कॉलेज चर्चा में रहा था. अब इस बार सिंगल गर्ल चाइल्ड कोटे के तहत 12 छात्राओं को दाखिला देने से इनकार करने के साथ ही कॉलेज ने डीयू द्वारा सीट आवंटित करने के बाद छह अन्य छात्र-छात्राओं का भी दाखिला अप्रूव नहीं किया. जिससे वे पहली सूची में फीस जमा करके अपना दाखिला सुनिश्चित नहीं कर सके. मजबूर होकर इन विद्यार्थियों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
- विद्यार्थियों के स्कोर और चॉइस के अनुसार डीयू ने पहली ही सूची में आवंटित की थी सीटें
- जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज को याचिका का निपटारा होने तक सभी के लिए एक-एक सीट रिजर्व रखने का दिया आदेश
- सभी छह विद्यार्थियों की फीस जमा होने के लिए शनिवार (आज) विशेष रूप से खुलेगी फीस डिपोजिट विंडो
इन छह विद्यार्थियों की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करते हुए जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने सेंट स्टीफेंस कॉलेज को सभी के लिए उनके द्वारा चुने गए कोर्स में आवंटित की गई एक-एक सीट देने का आदेश दिया. साथ ही जब तक इनकी याचिका का निस्तारण नहीं हो जाता है. तब तक दिल्ली विश्वविद्यालय भी इन्हें दूसरी सूची में अन्य कॉलेज और कोर्स चुनने की छूट देने का भी आदेश दिया.
बता दें कि डीयू के स्नातक कोर्सेज में दाखिले के इच्छुक तीन छात्रों और तीन छात्राओं हरगुन सिंह अहलूवालिया, अलीना इमरान, गुरसंजन सिंह नट्ट, आलोक रंजन सिंह, निशिका साहू और प्रिशा तायल ने एनटीए द्वारा आयोजित 800 नंबर की प्रवेश परीक्षा सीयूईटी में सभी ने 740 से लेकर 776 तक अंक प्राप्त किए थे. अपने अंकों और 12वीं के विषयों के आधार पर उन्होंने अपनी पसंद के कॉलेज और कोर्स की वरीयताएं भरी थीं. जिसके बाद इन सभी को सेंट स्टीफेंस कॉलेज के अलग-अलग कोर्सेज में पहली सूची में ही डीयू द्वारा सीट आवंटित हो गईं.
इनमें अलीना इमराना को बी.कॉम ऑनर्स में और बाकी पांच को बीए प्रोग्राम के अलग-अलग कोर्स में सीट आवंटित हो गई. लेकिन, कॉलेज द्वारा दाखिला अप्रूव करने की अंतिम तिथि 20 अगस्त तक इनका दाखिला अप्रूव नहीं किया गया. जिसकी वजह से ये छात्र-छात्राएं अपनी फीस भी जमा नहीं कर सके. फीस जमा न होने की वजह से इन्हें दूसरी सूची के लिए भी अपग्रेड का विकल्प नहीं मिला. इस तरह खुद को योग्य होने और सीट आवंटित होने के बावजूद दाखिले से वंचित होता देख इन विद्यार्थियों ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा दिया. जिसके बाद अब हाईकोर्ट ने इन विद्यार्थियों को अंतरिम राहत देते हुए इनकी याचिका का निपटारा नहीं होने तक कॉलेज और विश्वविद्यालय दोनों को इनके लिए एक-एक सीट सुरक्षित रखने का आदेश दिया है.
आज इन विद्यार्थियों की फीस जमा करने के लिए विशेष रूप से खुलेगी फी डिपोजिट विंडो
शनिवार को सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक इनकी फीस जमा करने के लिए विशेष रूप से फी डिपोजिट विंडो को भी खुलवाने का आदेश दिया है. कल फीस जमा होने के बाद याचिका का निपटारा होने तक कोर्ट ने कहा है कि कॉलेज न इनके दाखिले को रद्द करेगा और नहीं स्वीकार करेगा. साथ ही मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को होगी.
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