नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ऑफिस वर्क को ज्यादा सुचारू और जवाबदेह बनाने के लिए दफ्तरों में ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने की कवायद में जुट गई है. दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी के आदेशों के बाद कई दफ्तरों में इस सिस्टम को लागू कर काम भी शुरू हो गया है. बाकी में अब इसको तेजी से लागू करने पर जोर दिया जा रहा है. दिल्ली सरकार के सामान्य प्रशासनिक विभाग (जीएडी) में इस सिस्टम को 8 जुलाई से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं.
सामान्य प्रशासनिक विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी प्रदीप तायल की ओर से ई-ऑफिस को फंक्शनल कराने को लेकर हाल ही में एक सर्कुलर जारी किया गया. इसमें जीएडी स्टॉप को साफ और स्पष्ट किया गया कि दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार की अध्यक्षता में 14 जून को सीनियर ऑफिसर्स के साथ विभागों में ई-ऑफिस सिस्टम लागू करने को लेकर मीटिंग हुई थी. मीटिंग में ई-ऑफिस व्यवस्था को लागू करने की डेडलाइन 8 जुलाई, 2024 निर्धारित की गई थी. इसमें विभाग को ट्रेनिंग आयोजित करने के अलावा सभी दूसरी जरूरतों को पूरा करने के निर्देश भी दिए गए थे.
जीएडी की ओर से निकाले गए ताजा सर्कुलर में अब सभी संबंधित सेक्शन से आग्रह किया गया है कि एक निर्धारित समय सीमा के भीतर ई-ऑफिस सिस्टम को सफलतापूर्वक लागू करने पर काम किया जाए. अभी तक फाइल को एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर तक भेजा जाता रहा है. इससे कागज की बर्बादी भी ज्यादा होती है. इलेक्ट्रानिक फाइलिंग होने से समय और कागज की बर्बादी भी कम हो सकेगी. अधिकांश फाइल को फिजिकली दफ्तर में प्रस्तुत करने से भी बचा जा सकेगा.
यह भी पढ़ें- अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी में AAP, जल्द कांग्रेस नेताओं से बातचीत का दावा
विभाग में ई-ऑफिस लागू करने का मकसद: दिल्ली सरकार अपने विभागों के कामकाज को ज्यादा रफ्तार देने और स्टॉफ को दफ्तरों के चक्कर काटने से बचाने के लिए इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर रही है. साथ ही इस तरह की व्यवस्था स्थापित होने से सभी संबंधित स्टॉफ और आला अफसरों की किसी भी मामले पर जवाबदेही तय हो सकेगी. आमतौर पर किसी कामकाज से जुड़ी फाइल पर लेटलतीफी होने पर एक दूसरे पर मामला टाल दिया जाता है. इस व्यवस्था को अब ऑनलाइन चेक करना आसान हो सकेगा, जिससे कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी.
कैसे काम करेगा ई-ऑफिस: दिल्ली सरकार के जिस विभाग में ई-ऑफिस सिस्टम को लागू किया जाएगा, उसमें संबंधित स्टॉफ की अपनी ऑफिशियल पर्सनल ईमेल आईडी होगी जिसके जरिए वह सभी कार्य करेंगे. डाक आदि रिसीव होने का काम भी ई-ऑफिस के जरिए किया जा सकेगा. अक्सर कई अहम मामलों में दफ्तरों में फाइल वर्क लटका रहता है और इस मामले पर एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ा जाता रहा है. इस सिस्टम के अमल में आने के बाद इस तरह की समस्या कम होने की संभावना रहेगी. दिल्ली सरकार के अधीनस्थ 72 विभाग हैं जिनमें से कई ऐसे हैं जिन पर इस पर काम किया जा रहा है. खासकर ट्रेड एंड टैक्स, जीएसटी, एक्साइज डिपार्टमेंट आदि में ई-ऑफिस वर्क हो रहा है.
ये भी पढ़ें: सवालों के घेरे में मंत्री भारद्वाज के सेक्रेटरी, नोटिस जारी कर मांगा सात दिनों के भीतर जवाब, जानिए पूरा मामला