नई दिल्ली: दिल्ली के सुंदर नगरी इलाके में झुग्गी बस्ती पर तोड़फोड़ की कार्रवाई करने पहुंची दिल्ली सरकार के डयूसिब एवं दिल्ली नगर निगम की टीम को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. झुग्गी बस्ती वालों के समर्थन में दिल्ली भाजपा महामंत्री विष्णु मित्तल के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ स्थानीय वीर सिंह पवार ने मिलकर विरोध जताया. इस बीच मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तोड़फोड़ की कार्रवाई पर रोक लगा दी है.
इस पूरे मामले पर दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, "दिल्ली भाजपा के महामंत्री विष्णु मित्तल के नेतृत्व में आज नवीन शाहदरा जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी एवं झुग्गी प्रकोष्ठ संयोजक सुशील चौहान और बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर पूर्वी दिल्ली की सुंदर नगरी में झुग्गियां तोड़ने के लिए आये दिल्ली सरकार के डयूसिब एवं दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों का विरोध कर उन्हें झुग्गी बस्ती तोड़ने से रोका."
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'केजरीवाल ने अपनी राजनीतिक भूमि को दिया धोखा': सचदेवा ने कहा, "दिल्ली सरकार के बुलडोज़र के सामने भाजपा कार्यकर्ता डट गये. झुग्गी क्लस्टर को तोड़ने की कार्रवाई को ना सिर्फ रोका बल्कि न्यायालय से झुग्गी तोड़ने का आदेश लाने में सहयोग भी किया. दुखद है कि अरविंद केजरीवाल ने जिस सुंदर नगरी से दिल्ली में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी, आज उसी सुंदर नगरी पर उनकी सरकार बुलडोजर चलवा रही है. केजरीवाल ने पहले अपने राजनीतिक गुरु को, अपने प्रारंभिक साथियों को धोखा दिया और आज राजनीतिक भूमि देने वाली सुंदर नगरी को भी धोखा दिया है."
दिल्ली भाजपा महामंत्री श्री @visshnumittal एवं कार्यकर्ताओं ने बुलडोज़र के आगे अड़ कर सुंदर नगर में डयूसिब एवं दिल्ली नगर निगम द्वारा झुग्गियां तोड़ने से रोका।
— BJP Delhi (@BJP4Delhi) September 25, 2024
खेदपूर्ण है कि अरविंद केजरीवाल ने जिस सुंदर नगरी से दिल्ली में अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की थी आज उसी सुंदर नगरी पर… pic.twitter.com/GGyzJizQo6
हाईकोर्ट ने डयूसिब के पक्ष में सुनाया था फैसला: बता दें, सुंदर नगरी इलाके की झुग्गी बस्ती में 42 झुग्गियां है. इस ज़मीन पर डयूसिब का दावा है. हाईकोर्ट ने भी डयूसिब के पक्ष में फैसला सुनाया था. इसके बाद झुग्गी को तोड़ने की कार्रवाई की जा रही थी. झुग्गी में रहने वाले लोगों का कहना है कि दशकों से इस जमीन पर रह रहे हैं. झुग्गी में रहने वाले लोग इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट गए हैं, जहां से उन्हें राहत मिली है.
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