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दिल्ली विधानसभा चुनाव : पहले थे आप के फिर हुए पराए, अब  AAP को दे रहे कड़ी चुनौती - DELHI ELECTION 2025

दिल्ली चुनाव में मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी के बीच है, लेकिन कांग्रेस भी अपनी खोई हुई जनाधार को पाने की कोशिश में है

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 23, 2025, 11:22 AM IST

Updated : Jan 23, 2025, 3:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में करीब 09 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को वो टक्कर दे रहे हैं, जो पहले कभी आम आदमी पार्टी में थे और उनकी तूती बोलती थी. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा. नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद अब तमाम प्रत्याशी पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. मुकाबला आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच है. कांग्रेस भी अपनी खोई हुई जनाधार को पाने की कोशिश में जुटी हुई है. ऐसे में पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में हैट्रिक बनाने की कोशिश में आम आदमी पार्टी के सामने इस बार कड़ी चुनौती 'अपने' ही दे रहे हैं.

आप में रहे सहयोगियों से मुकाबले: आम आदमी पार्टी ने इस बार एंटी इनकंबेंसी के खतरे को भांपते हुए पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे के आधार पर 20 विधायकों के टिकट काट दिए. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों के टिकट काटे थे. इस बार इनमें से 10 ऐसे पूर्व आम आदमी पार्टी के नेता हैं जो इस बार कांग्रेस व भाजपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे हैं. यह सब आम आदमी पार्टी में रहे अपने सहयोगियों से मुकाबले के लिए मैदान में हैं. इनमें तेजतर्रार नेता अलका लांबा, कपिल मिश्रा जैसे नाम भी शामिल है. आम आदमी पार्टी में तेजतर्रार महिला नेता अलका लांबा इस बार कालकाजी विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री आतिशी को टक्कर दे रही है. तो वहीं, कपिल मिश्रा दूसरी बार विधानसभा चुनाव में अपने पुराने साथी मनोज त्यागी को खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं.

राजकुमार आनंद जिस पर केजरीवाल ने जताया था भरोसा: करतार सिंह तंवर जो छतरपुर विधानसभा सीट से इस बार बीजेपी के टिकट से उम्मीदवार हैं. कभी बीजेपी से चुनाव लड़ चुके ब्रह्म सिंह तंवर को इस बार टक्कर देंगे. मटिया महल विधानसभा क्षेत्र से असीम अहमद खान आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री भी थे वह शोएब इकबाल के पुत्र आले मोहम्मद को चुनौती देने के लिए कांग्रेस के टिकट से मैदान में उतरे हैं. आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद जिस पर केजरीवाल ने भरोसा जताते हुए उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया और अहम विभाग दिए थे, पिछले साल जून में संपन्न लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजकुमार आनंद आम आदमी पार्टी की सदस्यता व मंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया और उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट से लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था. चुनाव में मिली हार के कुछ समय बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए और इस बार बीजेपी ने उन्हें पटेल नगर विधानसभा सीट जहां से वह पहले भी निर्वाचित हुए थे जो उन्हें टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है. राजकुमार आनंद का मुकाबला आम आदमी पार्टी के अपने पुराने साथी प्रवेश रतन से है.

कालकाजी सीट पर आतिशी को टक्कर: आम आदमी पार्टी में तेजतर्रार महिला नेता अलका लांबा जो विधानसभा में मुखर होकर कभी आम आदमी पार्टी सरकार की पक्ष में अपनी बात रखनी थीं, उनके बोलने के अंदाज को अरविंद केजरीवाल भी खूब तारीफ करते थे, भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा द्वारा की गई एक टिप्पणी को लेकर तब अलका लांबा काफी उग्र हो गई थीं. तब विधानसभा अध्यक्ष से भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. नतीजा रहा की भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा को कई महीनों तक विधानसभा की कार्यवाही से हिस्सा नहीं ले पाए. वही अलका लांबा अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष होने के साथ-साथ इस बार आम आदमी पार्टी की कालकाजी सीट से प्रत्याशी हैं. अलका मुख्यमंत्री आतिशी को टक्कर दे रही हैं.

कैलाश गहलोत से आप का मुकाबला: बीजेपी में शामिल कपिल मिश्रा अपने तेवर के लिए कभी आम आदमी पार्टी में अलग पहचान रखते थे. पार्टी ने भी उन पर भरोसा जताते हुए केजरीवाल मंत्रिमंडल में स्थान दिया और उन्हें पर्यटन, कानून मंत्री बनाया. मगर अचानक उन्होंने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और फिर वह भाजपा से जुड़ गए. भाजपा ने उन्हें दूसरी बार विधानसभा का टिकट दिया है. इस बार वह करावल नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कुछ महीने पहले तक केजरीवाल सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल कैलाश गहलोत अहम विभाग जैसे कि राजस्व, परिवहन का कामकाज देख रहे थे. दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी के बेड़े में पर्याप्त बसें लाने की जिम्मेदारी उनके जिम्मे ही थी, वह इस कोशिश में भी जुटे हुए थे कि उन्होंने अचानक मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी भी छोड़ दी. अब वह इस विधानसभा चुनाव में बिजवासन विधानसभा सीट से ही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सुरेंद्र भारद्वाज को टक्कर दे रहे हैं.


आम आदमी पार्टी से बागी होकर अन्य पार्टी से चुनाव लड़ने वाले नेता

  • पटेल नगर - राजकुमार आनंद (बीजेपी) - प्रवेश रतन (आप)
  • छतरपुर - करतार सिंह तंवर (बीजेपी) - ब्रह्म सिंह तंवर (आप)
  • करावल नगर - कपिल मिश्रा (बीजेपी) - मनोज त्यागी (आप)
  • बिजवासन - कैलाश गहलोत (बीजेपी) - सुरेंद्र भारद्वाज (आप)
  • मटिया महल - असीम अहमद खान (कांग्रेस) - आले मोहम्मद (आप)
  • बिजवासन - देवेंद्र सहरावत (कांग्रेस) - सुरेंद्र भारद्वाज (आप)
  • कालकाजी - अलका लांबा (कांग्रेस) - आतिशी (आप)
  • सीलमपुर - अब्दुल रहमान (कांग्रेस) - जुबैर अहमद (आप)
  • बाबरपुर - इशराक खान (कांग्रेस) - गोपाल राय (आप)
  • बदरपुर - नारायण दत्त शर्मा (भाजपा)- रामसिंह नेताजी (आप)

दिल्ली विधानसभा चुनाव और मतगणना की तारीख : गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनान 2025 के लिए 5 फरवरी को मतदान किया जाएगा. वहीं 8 फरवरी को मतगणना की जाएगी. चुनाव की तारीखों की घोषणा निर्वाचन आयोग द्वारा 7 जनवरी को घोषणा की गई थी.

दिल्ली विधानसभा चुनाव
दिल्ली विधानसभा चुनाव (ETV Bharat)

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव में करीब 09 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशियों को वो टक्कर दे रहे हैं, जो पहले कभी आम आदमी पार्टी में थे और उनकी तूती बोलती थी. दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा. नामांकन प्रक्रिया खत्म होने के बाद अब तमाम प्रत्याशी पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुट गए हैं. मुकाबला आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच है. कांग्रेस भी अपनी खोई हुई जनाधार को पाने की कोशिश में जुटी हुई है. ऐसे में पूर्ण बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में हैट्रिक बनाने की कोशिश में आम आदमी पार्टी के सामने इस बार कड़ी चुनौती 'अपने' ही दे रहे हैं.

आप में रहे सहयोगियों से मुकाबले: आम आदमी पार्टी ने इस बार एंटी इनकंबेंसी के खतरे को भांपते हुए पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे के आधार पर 20 विधायकों के टिकट काट दिए. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में भी आम आदमी पार्टी ने अपने विधायकों के टिकट काटे थे. इस बार इनमें से 10 ऐसे पूर्व आम आदमी पार्टी के नेता हैं जो इस बार कांग्रेस व भाजपा के टिकट से चुनाव मैदान में उतरे हैं. यह सब आम आदमी पार्टी में रहे अपने सहयोगियों से मुकाबले के लिए मैदान में हैं. इनमें तेजतर्रार नेता अलका लांबा, कपिल मिश्रा जैसे नाम भी शामिल है. आम आदमी पार्टी में तेजतर्रार महिला नेता अलका लांबा इस बार कालकाजी विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री आतिशी को टक्कर दे रही है. तो वहीं, कपिल मिश्रा दूसरी बार विधानसभा चुनाव में अपने पुराने साथी मनोज त्यागी को खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे हैं.

राजकुमार आनंद जिस पर केजरीवाल ने जताया था भरोसा: करतार सिंह तंवर जो छतरपुर विधानसभा सीट से इस बार बीजेपी के टिकट से उम्मीदवार हैं. कभी बीजेपी से चुनाव लड़ चुके ब्रह्म सिंह तंवर को इस बार टक्कर देंगे. मटिया महल विधानसभा क्षेत्र से असीम अहमद खान आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री भी थे वह शोएब इकबाल के पुत्र आले मोहम्मद को चुनौती देने के लिए कांग्रेस के टिकट से मैदान में उतरे हैं. आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे राजकुमार आनंद जिस पर केजरीवाल ने भरोसा जताते हुए उन्हें अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया और अहम विभाग दिए थे, पिछले साल जून में संपन्न लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजकुमार आनंद आम आदमी पार्टी की सदस्यता व मंत्री पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया और उन्होंने बहुजन समाज पार्टी के टिकट से लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था. चुनाव में मिली हार के कुछ समय बाद वह बीजेपी में शामिल हो गए और इस बार बीजेपी ने उन्हें पटेल नगर विधानसभा सीट जहां से वह पहले भी निर्वाचित हुए थे जो उन्हें टिकट देकर उम्मीदवार बनाया है. राजकुमार आनंद का मुकाबला आम आदमी पार्टी के अपने पुराने साथी प्रवेश रतन से है.

कालकाजी सीट पर आतिशी को टक्कर: आम आदमी पार्टी में तेजतर्रार महिला नेता अलका लांबा जो विधानसभा में मुखर होकर कभी आम आदमी पार्टी सरकार की पक्ष में अपनी बात रखनी थीं, उनके बोलने के अंदाज को अरविंद केजरीवाल भी खूब तारीफ करते थे, भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा द्वारा की गई एक टिप्पणी को लेकर तब अलका लांबा काफी उग्र हो गई थीं. तब विधानसभा अध्यक्ष से भाजपा विधायक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. नतीजा रहा की भाजपा विधायक ओम प्रकाश शर्मा को कई महीनों तक विधानसभा की कार्यवाही से हिस्सा नहीं ले पाए. वही अलका लांबा अब कांग्रेस की राष्ट्रीय महिला मोर्चा की अध्यक्ष होने के साथ-साथ इस बार आम आदमी पार्टी की कालकाजी सीट से प्रत्याशी हैं. अलका मुख्यमंत्री आतिशी को टक्कर दे रही हैं.

कैलाश गहलोत से आप का मुकाबला: बीजेपी में शामिल कपिल मिश्रा अपने तेवर के लिए कभी आम आदमी पार्टी में अलग पहचान रखते थे. पार्टी ने भी उन पर भरोसा जताते हुए केजरीवाल मंत्रिमंडल में स्थान दिया और उन्हें पर्यटन, कानून मंत्री बनाया. मगर अचानक उन्होंने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और फिर वह भाजपा से जुड़ गए. भाजपा ने उन्हें दूसरी बार विधानसभा का टिकट दिया है. इस बार वह करावल नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कुछ महीने पहले तक केजरीवाल सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल कैलाश गहलोत अहम विभाग जैसे कि राजस्व, परिवहन का कामकाज देख रहे थे. दिल्ली की सड़कों पर डीटीसी के बेड़े में पर्याप्त बसें लाने की जिम्मेदारी उनके जिम्मे ही थी, वह इस कोशिश में भी जुटे हुए थे कि उन्होंने अचानक मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और पार्टी भी छोड़ दी. अब वह इस विधानसभा चुनाव में बिजवासन विधानसभा सीट से ही आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी सुरेंद्र भारद्वाज को टक्कर दे रहे हैं.


आम आदमी पार्टी से बागी होकर अन्य पार्टी से चुनाव लड़ने वाले नेता

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  • छतरपुर - करतार सिंह तंवर (बीजेपी) - ब्रह्म सिंह तंवर (आप)
  • करावल नगर - कपिल मिश्रा (बीजेपी) - मनोज त्यागी (आप)
  • बिजवासन - कैलाश गहलोत (बीजेपी) - सुरेंद्र भारद्वाज (आप)
  • मटिया महल - असीम अहमद खान (कांग्रेस) - आले मोहम्मद (आप)
  • बिजवासन - देवेंद्र सहरावत (कांग्रेस) - सुरेंद्र भारद्वाज (आप)
  • कालकाजी - अलका लांबा (कांग्रेस) - आतिशी (आप)
  • सीलमपुर - अब्दुल रहमान (कांग्रेस) - जुबैर अहमद (आप)
  • बाबरपुर - इशराक खान (कांग्रेस) - गोपाल राय (आप)
  • बदरपुर - नारायण दत्त शर्मा (भाजपा)- रामसिंह नेताजी (आप)

दिल्ली विधानसभा चुनाव और मतगणना की तारीख : गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा चुनान 2025 के लिए 5 फरवरी को मतदान किया जाएगा. वहीं 8 फरवरी को मतगणना की जाएगी. चुनाव की तारीखों की घोषणा निर्वाचन आयोग द्वारा 7 जनवरी को घोषणा की गई थी.

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Last Updated : Jan 23, 2025, 3:32 PM IST
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