जयपुर. नौतपा में भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए छोटी काशी के प्रमुख मंदिरों में भगवान को कहीं नौका विहार तो कहीं जल विहार कराया जा रहा है. बुधवार को जयपुर के प्राचीन आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर में भगवान को ऋतु फल और शीतल फल का भोग लगाते हुए जल विहार कराया गया. इसी तरह परकोटे वाले गणेश मंदिर में भगवान को फूल बंगले में विराजमान कराते हुए ठंडी तासीर वाले फल और कुल्फी का भोग लगाया गया और नौका विहार कराया गया.
ठंडे फलों का भोग लगाया गया : ज्येष्ठ माह में रोहिणी नक्षत्र में नौतपा रहता है. नौतपा में सूर्य पृथ्वी के नजदीक होता है. सूर्य की इस तपन से निजात दिलाने के लिए और भगवान को शीतलता प्रदान करने के लिए मंदिरों में जल विहार की झांकी सजाई जा रही है. इस क्रम में बुधवार को आनंद कृष्ण बिहारी मंदिर में जलविहार की झांकी सजाते हुए ठाकुर जी को ठंडे फलों का भोग लगाया गया. ऋतु पुष्पों का शृंगार किया गया. इसके साथ ही शीतल पेय की व्यवस्था की गई.
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भगवान को जलविहार कराया गया : मंदिर के पुजारी मातृ प्रसाद शर्मा ने बताया कि ज्येष्ठ महीने में ही गंगा दशमी, निर्जला एकादशी जैसे बड़े दिन आते हैं, जिनमें दान पुण्य का विशेष महत्व होता है. अभी जो तपिश चल रही है, उसे ध्यान में रखते हुए जहां भगवान को जलविहार कराया गया. साथ ही भक्तों के बीच विभिन्न तरह के शीतल पेय और फलों का वितरण किए गए. इस दौरान महिलाएं भगवान के भजन गाते हुए भक्ति भाव में डूबी नजर आईं.
पुजारी मातृ प्रसाद ने कहा कि भक्तों और ठाकुर जी के बीच भाव और सखी का संबंध है. यही वजह है कि आज आयोजन के दौरान भक्तों ने अपने भगवान को रिझाते हुए भजन गाए और ठाकुरजी पर चढ़ा हुआ शीतल जल गंगा रूप और बैकुंठ धाम का जल मानते हुए उनकी बौछारों का आनंद लेते हुए खुद को कृतार्थ माना. बता दें कि अब 2 जून और 18 जून को ज्येष्ठ माह की एकादशी पर जल यात्रा उत्सव के तहत विशेष जल विहार की झांकी सजेगी. इस दौरान शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर सहित भगवान श्री कृष्ण के सभी मंदिरों में भगवान को जलविहार कराया जाएगा.