देहरादून: अपर जिलाधिकारी रामजी शरण शर्मा को हटाने का मामला अभी ठंडा भी नही हुआ था कि देहरादून के ही एक और अधिकारी के तबादले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. देहरादून जिले से लेकर शासन तक में हर कोई यह बात जानने के लिए उत्सुक दिखाई दिया कि आखिरकार तहसीलदार सदर मोहम्द शादाब को यूं अचानक क्यों हटा दिया गया. चर्चाएं रही कि तहसीलदार सदर की पूर्व में कुछ शिकायतें हुई थी, लेकिन हकीकत में आचार संहिता हटते ही अचानक तहसीलदार सदर को देहरादून से हटाकर टिहरी भेजने की क्या वजह रही इसकी सही जानकारी किसी के पास नहीं है.
खास बात यह है कि देहरादून के तहसीलदार सदर को देहरादून जिले से हटाते हुए टिहरी ट्रांसफर किया गया है, जबकि टिहरी के तहसीलदार विकास अवस्थी को देहरादून लाया गया है. तबादले का यह आदेश गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने जारी किया है. तबादला आदेश में इस बदलाव की वजह राजकीय कार्यहित/ प्रशासनिक आधार बताया गया है. जिले के अधिकारी भी इस बात को लेकर हैरान थे कि ऐसे अचानक आचार संहिता हटते ही तहसीलदार सदर का तबादला क्यों कर दिया गया, जबकि जिला स्तर पर उनकी कोई गंभीर शिकायत का कोई प्रकरण संज्ञान में नहीं है.
इस मामले को लेकर ईटीवी भारत ने गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडे से बात की. जिसमें उन्होंने बताया देहरादून के तहसीलदार सदर का तबादला सामान्य प्रक्रिया है. इसमें शिकायत जैसी कोई बात नहीं है. हालांकि, ऐसे अचानक आचार संहिता हटने के 24 घंटे में ही तहसीलदार सदर को टिहरी स्थानांतरित किया जाना सामान्य नहीं दिखाई देता. देहरादून तहसीलदार सदर के तबादले की वजह को जानने के लिए इसलिए भी हर कोई उत्सुक दिखाई दिया क्योंकि हाल ही में अपर जिलाधिकारी रामजी शरण को भी इसी तरह अचानक हटाने के आदेश हुए थे, लेकिन बाद में पता चला कि अपर जिलाधिकारी को शिकायत के बाद हटाया गया है. निलंबन के भी आदेश हुए हैं.