ETV Bharat / state

देहरादून में 8 अवैध घरों पर चला 'पीला पंजा', पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हुई तू-तू मैं-मैं - Dehradun Municipal Corporation - DEHRADUN MUNICIPAL CORPORATION

Illegal Constructions Demolition देहरादून की दीपनगर कॉलोनी से एनजीटी के आदेश के बाद 8 अवैध मकानों को जेसीबी मशीन के जरिए ध्वस्त किया गया है. इसी बीच पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच तू-तू मैं-मैं दिखने को मिली. पढ़ें पूरी खबर...

Illegal Constructions Demolition
देहरादून में 8 अवैध घरों पर चला बुल्डोजर (Photo- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 28, 2024, 4:24 PM IST

देहरादून में 8 अवैध घरों पर चला 'पीला पंजा' (video- ETV Bharat)

देहरादून: एनजीटी के आदेश के बाद रिस्पना नदी किनारे किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में आज दूसरे दिन दीपनगर कॉलोनी से अतिक्रमण हटाने के लिए 8 अवैध मकानों पर बुल्डोजर चलाया गया है. हालांकि अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस बल को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा.

एनजीटी के आदेश के तहत नगर निगम में रिस्पना नदी किनारे काठ बांग्ला बस्ती से लेकर मोथरोवाला के बीच 13 किलोमीटर के हिस्से पर 27 मलिन बस्तियों का सर्वे किया गया था. जिसमें साल 2016 के बाद 525 अतिक्रमण पाए गए, जिसमें 89 अतिक्रमण नगर निगम की भूमि पर, 413 एमडीडीए की भूमि पर,12 नगर पालिका मसूरी और 11 राजस्व भूमि पर पाए गए थे. बाकी विभागों को छोड़कर नगर निगम ने आपत्तियों की सुनवाई के बाद 74 अतिक्रमण ध्वस्त किए जाने योग्य पाए गए. एनजीटी ने इस मामले में 30 जून तक हर हाल में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारा घर 13 साल पुराना है, लेकिन उस पर भी बुल्डोजर चलाया जा रहा है. यहां पर उन्होंने घर गांव की जमीन 5 लाख रुपए में बेचकर खरीदी था, लेकिन आज बेघर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तो, कर रहा है, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है.

उपनगर आयुक्त गोपाल बिनवाल ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर 11 मार्च 2016 के बाद हुए अतिक्रमण को चिन्हित किया गया है, जो अलग-अलग विभागों के थे. जिसमें से 413 एमडीडीए और कुछ नगर पालिका मसूरी के थे. मामले में 89 लोगों को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं और कुछ लोगों द्वारा साक्ष्य भी दिए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि जो निर्माण हैं, वह पूर्व के हैं. व

गोपाल बिनवाल ने बताया कि जांच में करीब 15 साक्ष्य उसमें उचित पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि नोटिस के बाद अधिकतर लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटा लिया है और जिन लोगों द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया है, वहां पर पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है.

ये भी पढ़ें-

देहरादून में 8 अवैध घरों पर चला 'पीला पंजा' (video- ETV Bharat)

देहरादून: एनजीटी के आदेश के बाद रिस्पना नदी किनारे किए गए अतिक्रमण को ध्वस्त करने की कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में आज दूसरे दिन दीपनगर कॉलोनी से अतिक्रमण हटाने के लिए 8 अवैध मकानों पर बुल्डोजर चलाया गया है. हालांकि अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस बल को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा.

एनजीटी के आदेश के तहत नगर निगम में रिस्पना नदी किनारे काठ बांग्ला बस्ती से लेकर मोथरोवाला के बीच 13 किलोमीटर के हिस्से पर 27 मलिन बस्तियों का सर्वे किया गया था. जिसमें साल 2016 के बाद 525 अतिक्रमण पाए गए, जिसमें 89 अतिक्रमण नगर निगम की भूमि पर, 413 एमडीडीए की भूमि पर,12 नगर पालिका मसूरी और 11 राजस्व भूमि पर पाए गए थे. बाकी विभागों को छोड़कर नगर निगम ने आपत्तियों की सुनवाई के बाद 74 अतिक्रमण ध्वस्त किए जाने योग्य पाए गए. एनजीटी ने इस मामले में 30 जून तक हर हाल में अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं.

स्थानीय लोगों का कहना है कि हमारा घर 13 साल पुराना है, लेकिन उस पर भी बुल्डोजर चलाया जा रहा है. यहां पर उन्होंने घर गांव की जमीन 5 लाख रुपए में बेचकर खरीदी था, लेकिन आज बेघर हो गए हैं. उन्होंने कहा कि नगर निगम अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तो, कर रहा है, लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गई है.

उपनगर आयुक्त गोपाल बिनवाल ने बताया कि एनजीटी के आदेश पर 11 मार्च 2016 के बाद हुए अतिक्रमण को चिन्हित किया गया है, जो अलग-अलग विभागों के थे. जिसमें से 413 एमडीडीए और कुछ नगर पालिका मसूरी के थे. मामले में 89 लोगों को नोटिस भी जारी किए जा चुके हैं और कुछ लोगों द्वारा साक्ष्य भी दिए गए हैं. जिसमें बताया गया है कि जो निर्माण हैं, वह पूर्व के हैं. व

गोपाल बिनवाल ने बताया कि जांच में करीब 15 साक्ष्य उसमें उचित पाए गए हैं. उन्होंने कहा कि नोटिस के बाद अधिकतर लोगों ने खुद ही अतिक्रमण हटा लिया है और जिन लोगों द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया है, वहां पर पुलिस बल के साथ अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है.

ये भी पढ़ें-

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.