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सावधान! जागरूक नहीं हुए तो आप भी हो जायेंगे साइबर ठगी का शिकार, जाल में फंसाने के लिए अपना रहे पैंतरे - CYBER FRAUD IN UTTARAKHAND

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 30, 2024, 12:26 PM IST

Updated : Aug 30, 2024, 12:32 PM IST

Cyber ​​Fraud In Uttarakhand उत्तराखंड में तेजी से साइबर ठगी की घटनाओं में इजाफा हो रहा है. लेकिन जानकारी से आप साइबर ठगी का शिकार होने से बच सकते हैं. वहीं देहरादून नगर निगम के नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को साइबर ठगों ने शिकार बनाने की कोशिश की. लेकिन वो तुरंत फ्रॉड कॉल को पहचान गए और पुलिस के पास पहुंचे.

Incidents of cyber fraud increased in Uttarakhand
उत्तराखंड में बढ़ी साइबर ठगी की घटनाएं (Photo- ETV Bharat)

देहरादून: साइबर ठगी के नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं और लोगों को अपने जाल में फंसा कर लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे हैं. इसी कड़ी में देहरादून नगर निगम के नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अविनाश खन्ना के ठगी का शिकार होने से बच गए, उन्होंने जागरूक होने से फ्रॉड कॉल को समय रहते पहचान लिया. ठगों ने बेटी के लखनऊ सदर थाने से छुड़वाने की एवज में रुपयों की मांग थी. ऐसे में उनकी जागरूकता ने ठगी का शिकार होने से बचा लिया और उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में की है.

नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अविनाश खन्ना ने बताया है कि वह 29 अगस्त को नगर निगम कार्यालय के अपने ऑफिस में बैठे हुए थे. उसी दौरान उनके पास +923196055255 नंबर से कॉल आता है और फोनकर्ता अपने आप को यूपी पुलिस से बताता है. फोनकर्ता कहता है कि उनकी बेटी को अरेस्ट किया गया है और फिलहाल वह लखनऊ सदर थाने में है. अविनाश खन्ना ने अरेस्टिंग का कारण पूछा तो वह बातों को घुमाने लगा. अविनाश खन्ना ने पूछा कि अब क्या करना है? फोनकर्ता ने कहा कि समझौता करके मामला सुलझाया जा सकता है.

इसलिए अगर बेटी को जेल नहीं भेजना है तो एसबीआई के खाता में 80 हजार रुपए ट्रांसफर कर दो या फिर दिए गए मोबाइल नंबर पर ट्रांसफर कर दें. खाता के बारे में जानकारी करने पर पता चला की वह खाता सद्दाम हुसैन के नाम के व्यक्ति का था. लेकिन अविनाश खन्ना तब तक समझ चुके थे कि यह साइबर फ्राड कॉल है और जिस नंबर से उनके पास फोन आया था वह नंबर पाकिस्तान का था. उसके बाद अविनाश खन्ना ने फोन काट दिया.

साइबर सेल थाना सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया है कि नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अविनाश खन्ना द्वारा शिकायत मिली है और मामले की जांच की जा रही है. जिस तरह से मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने जागरूक होकर साइबर ठगों के जाल में नहीं फंसे, ऐसे ही सभी आम जनता को जागरूक होना पड़ेगा. जिससे साइबर ठगों से बचा जा सके. साथ ही बताया कि अगर आपके पास इस तरह की कोई कॉल आती है तो सबसे पहले आप पूरी तरह से जानकारी जुटाएं और उसके पास अपने नजदीक थाना,चौकी या साइबर सेल थाने में शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

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देहरादून: साइबर ठगी के नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं और लोगों को अपने जाल में फंसा कर लाखों रुपए की धोखाधड़ी कर रहे हैं. इसी कड़ी में देहरादून नगर निगम के नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अविनाश खन्ना के ठगी का शिकार होने से बच गए, उन्होंने जागरूक होने से फ्रॉड कॉल को समय रहते पहचान लिया. ठगों ने बेटी के लखनऊ सदर थाने से छुड़वाने की एवज में रुपयों की मांग थी. ऐसे में उनकी जागरूकता ने ठगी का शिकार होने से बचा लिया और उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में की है.

नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अविनाश खन्ना ने बताया है कि वह 29 अगस्त को नगर निगम कार्यालय के अपने ऑफिस में बैठे हुए थे. उसी दौरान उनके पास +923196055255 नंबर से कॉल आता है और फोनकर्ता अपने आप को यूपी पुलिस से बताता है. फोनकर्ता कहता है कि उनकी बेटी को अरेस्ट किया गया है और फिलहाल वह लखनऊ सदर थाने में है. अविनाश खन्ना ने अरेस्टिंग का कारण पूछा तो वह बातों को घुमाने लगा. अविनाश खन्ना ने पूछा कि अब क्या करना है? फोनकर्ता ने कहा कि समझौता करके मामला सुलझाया जा सकता है.

इसलिए अगर बेटी को जेल नहीं भेजना है तो एसबीआई के खाता में 80 हजार रुपए ट्रांसफर कर दो या फिर दिए गए मोबाइल नंबर पर ट्रांसफर कर दें. खाता के बारे में जानकारी करने पर पता चला की वह खाता सद्दाम हुसैन के नाम के व्यक्ति का था. लेकिन अविनाश खन्ना तब तक समझ चुके थे कि यह साइबर फ्राड कॉल है और जिस नंबर से उनके पास फोन आया था वह नंबर पाकिस्तान का था. उसके बाद अविनाश खन्ना ने फोन काट दिया.

साइबर सेल थाना सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया है कि नगर मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर अविनाश खन्ना द्वारा शिकायत मिली है और मामले की जांच की जा रही है. जिस तरह से मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी ने जागरूक होकर साइबर ठगों के जाल में नहीं फंसे, ऐसे ही सभी आम जनता को जागरूक होना पड़ेगा. जिससे साइबर ठगों से बचा जा सके. साथ ही बताया कि अगर आपके पास इस तरह की कोई कॉल आती है तो सबसे पहले आप पूरी तरह से जानकारी जुटाएं और उसके पास अपने नजदीक थाना,चौकी या साइबर सेल थाने में शिकायत दर्ज कर सकते हैं.

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Last Updated : Aug 30, 2024, 12:32 PM IST
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