शिमला: हिमाचल प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों पर हो उपचुनाव के लिए सोमवार को प्रचार थम चुका है. अब 10 जुलाई को वोटर्स उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे. तीन विधानसभा सीटों हमीरपुर, नालागढ़ और देहरा में कुल 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं, लेकिन मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी प्रत्याशियों के बीच ही माना जा रहा है.
यहां से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर चुनाव लड़ रही हैं. इससे पहले कमलेश ठाकुर राजनीति में गुमनाम थीं. एकदम से उनका नाम देहरा से उछाला गया और सीएम हाईकमान से उनके नाम पर मुहर लगाने में भी कामयाब रहे. अब कमलेश ठाकुर के आगे सीएम सुक्खू खुद चल रहे हैं. मुकाबला अब सीएम बनाम होशियार सिंह हो गया है. सीएम समेत कांग्रेस की प्रदेश स्तर की बड़े नेता यहां चुनाव प्रचार में डटे थे. कांग्रेस ने यहां देहरा की बेटी का कार्ड खेला है. कांग्रेस ने चुनाव में ये बात जोर-शोर से कही 'कमलेश ठाकुर का मायका देहरा में है. इस बार यहां से देहरा की बेटी को चुनाव जीतवाओ और विधायक के साथ सीएम पाओ.'
दो बार निर्दलीय विधायक रह चुके हैं होशियार सिंह
बीजेपी ने होशियार सिंह को मैदान में उतारा है. बता दें कि भाजपाई होने के लिए होशियार सिंह ने 2022 में भाजपा के आंचल में अपना सिर छिपाने की कोशिश की थी, लेकिन 2022 में न सही 2024 में उनकी ये हसरत पूरी हो गई. 2008 में परिसीमन के बाद देहरा सीट अस्तित्व में आई थी. 2012 में रविंद्र रवि ने इस पर जीत हासिल की थी. इसके बाद इस सीट पर होशियार सिंह ने बतौर निर्दलीय प्रत्याशी 2017 और 2022 में लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीतकर इतिहास रचा था. 2017 में उन्होंने देहरा से बीजेपी के रविंद्र रवि, कांग्रेस की विप्लव ठाकुर और 2022 में बीजेपी के रमेश धवाला जैसे बड़े चेहरों को भी पटखनी दे दी थी. इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने डॉ. राजेश शर्मा को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन इस बार कांग्रेस हाईकमान ने उनका टिकट काटकर सीएम सुक्खू की पत्नी पर भरोसा जताया है. कांग्रेस ने जहां देहरा की बेटी का नारा दिया है, बीजेपी ने होशियार सिंह के लिए धरतीपुत्र का नारा दिया है. बीजेपी का कहना है कि कमलेश ठाकुर बाहरी हैं और देहरा में उनका मायका नहीं है.
किसका पक्ष मजबूत
देहरा इस बार किसे अपनाएगा ये तो कहना मुश्किल है. इसका फैसला जनता ही करेगी, लेकिन प्रदेश में कांग्रेस सरकार होने के चलते कमलेश ठाकुर का पक्ष मजबूत दिखता है, दूसरा उनके पति खुद सीएम की कुर्सी पर बैठे हैं. ऐसे में कांग्रेस को देहरा में दोहरा लाभ मिल सकता है, लेकिन होशियार सिंह को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. होशियार सिंह लगातार दो बार निर्दलीय चुनाव जीत चुके हैं, लेकिन समस्या देहरा उपमंडल में बीजेपी नेताओं के मन के तार उलझे हुए हैं. धवाला, रविंद्र रवि जैसे बड़े भाजपाई नेताओं यहां अपने हाथ पीछे खींच लिए हैं. लंबे समय से दोनों भाजपाई नेता सियासत में कोने में पड़े हुए हैं. संगठन के तार ऐसे उलझे हैं अगर ये आमने सामने भी आ जाएं 440 वोल्ट का धमाका होने की संभावना है. हालांकि होशियार सिंह रमेश धवाला को मनाने भी गए थे.
क्यों हो रहे उपचुनाव
राज्यसभा चुनाव के दौरान तीन निर्दलीय विधायकों ने बीजेपी का समर्थन करते हुए विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी. विधायकों के इस्तीफे के बाद तीनों सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. अब तीन सीटों में से किसके खाते में कितनी सीटें आती हैं ये फैसला अब जनता करेगी, लेकिन कांग्रेस के लिए देहरा सीट नाक का सवाल है. ये सीएम के संसदीय क्षेत्र में आती है, दूसरा सीएम की पत्नी चुनाव लड़ रही हैं. ऐसे में कांग्रेस हार का ठप्पा अपने ऊपर नहीं लगाना चाहती है.
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