बस्तर: नक्सली संगठन युवाओं की विचारधारा को प्रभावित कर सालों से उनको हिंसा के रास्ते पर जाते रहे हैं. युवाओं को हिंसा के रास्ते पर जाने से रोकने के लिए सरकार ने बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया है. सरकार की कोशिश है कि खेलों के जरिए युवाओं में समपर्ण और देश सेवा की भावना जागृत हो. युवा खेल के जरिए अपना भविष्य संवारे. अब बस्तर ओलंपिक को लेकर सियासत भी शुरु हो चुकी है. कांग्रेस ने बस्तर ओलंपिक को लूट का अड़्डा करार दिया है.
बस्तर ओलंपिक पर सियासत: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि बस्तर ओलंपिक लूट का ठिकाना है. खेलों का आयोजन जान बूझकर बस्तर में कराया जा रहा है ताकि सरकारी पैसों की लूट की जा सके. दीपक बैज के बयान पर डिप्टी सीएम और प्रदेश के गृहमंत्री विजय शर्मा ने पलटवार किया है. डिप्टी सीएम ने कहा कि ऐसा बयान शर्मनाक है. बस्तर के युवाओं को ये बयान अपमान है.
रायपुर या सरगुजा में ओलंपिक क्यों नहीं कराया जा रहा है. खेल के नाम पर केवल भ्रष्टाचार और कमीशन का काम हो रहा है. :दीपक बैज, पीसीसी चीफ
बहुत दुख की बात है कि पीसीसी चीफ इस तरह की सोच रखते हैं. कांग्रेस को बस्तर की पीड़ा नजर ही नहीं आती है. ये क्रोध का नहीं अफसोस वाला बयान है. :विजय शर्मा, डिप्टी सीएम
हजारों खिलाड़ी करा चुके हैं रजिस्ट्रेशन: बस्तर ओलंपिक में हजारों खिलाड़ी अपना जौहर दिखा रहे हैं. बस्तर ओलंपिक में नक्सल विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा में शामिल हुए नक्सली भी शामिल हो रहे हैं. सरेंडर कर चुके नक्सली भी अपनी प्रतिभा का लोहा बस्तर ओलंपिक में मनवा रहे हैं.