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दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कौसर इमाम सिद्दीकी की जमानत याचिका पर फैसला टला - DELHI WAQF BOARD MONEY LAUNDERING

-26 नवंबर को फैसला सुनाने का दिया आदेश. -23 नवंबर को कोर्ट ने रखा था फैसला सुरक्षित.

दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती मनी लॉन्ड्रिंग मामला
दिल्ली वक्फ बोर्ड भर्ती मनी लॉन्ड्रिंग मामला (Etv bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 25, 2024, 10:32 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सह आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की जमानत याचिका पर फैसला टाल दिया है. स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने 26 नवंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया. दरअसल, सोमवार को कोर्ट के स्टेनोग्राफर के छुट्टी पर होने की वजह से आदेश तैयार नहीं किया जा सका.

इससे पहले कोर्ट ने 23 नवंबर को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान कौसर इमाम सिद्दीकी की ओर से पेश वकील हेमंत शाह, अक्षय राणा और सौरभ पाल ने कहा कि ये आरोपी की दूसरी जमानत याचिका है. उन्होंने कहा कि आरोपी लंबे समय से जेल में है. ये संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है कि सह आरोपी को इतने लंबे समय तक बिना जमानत के जेल में रखा जाए.

समानता के अधिकार के तहत जमानत का हक: कौसर इमाम सिद्दीकी की ओर से कहा गया कि इस मामले के एक और सह-आरोपी जावेद इमाम सिद्दीकी को हाईकोर्ट जमानत दे चुकी है. ऐसे में समानता के अधिकार के तहत कौसर इमाम सिद्दीकी को जमानत दी जानी चाहिए. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 नवंबर को जावेद इमाम सिद्दीकी को जमानत दी थी.

अमानतुल्लाह खान के रिहाई का आदेश: वहीं 14 नवंबर को ही राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन अमानतुल्लाह खान के बेल बॉन्ड का वेरिफिकेशन नहीं होने की वजह से रिहाई नहीं हो पाई थी. गौरतलब है कि ईडी ने 2 सितंबर को अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था. ईडी के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों में अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपी है. इस मामले में चार लोगों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है, जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

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नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के सह आरोपी कौसर इमाम सिद्दीकी की जमानत याचिका पर फैसला टाल दिया है. स्पेशल जज जीतेंद्र सिंह ने 26 नवंबर को फैसला सुनाने का आदेश दिया. दरअसल, सोमवार को कोर्ट के स्टेनोग्राफर के छुट्टी पर होने की वजह से आदेश तैयार नहीं किया जा सका.

इससे पहले कोर्ट ने 23 नवंबर को मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान कौसर इमाम सिद्दीकी की ओर से पेश वकील हेमंत शाह, अक्षय राणा और सौरभ पाल ने कहा कि ये आरोपी की दूसरी जमानत याचिका है. उन्होंने कहा कि आरोपी लंबे समय से जेल में है. ये संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन है कि सह आरोपी को इतने लंबे समय तक बिना जमानत के जेल में रखा जाए.

समानता के अधिकार के तहत जमानत का हक: कौसर इमाम सिद्दीकी की ओर से कहा गया कि इस मामले के एक और सह-आरोपी जावेद इमाम सिद्दीकी को हाईकोर्ट जमानत दे चुकी है. ऐसे में समानता के अधिकार के तहत कौसर इमाम सिद्दीकी को जमानत दी जानी चाहिए. बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 14 नवंबर को जावेद इमाम सिद्दीकी को जमानत दी थी.

अमानतुल्लाह खान के रिहाई का आदेश: वहीं 14 नवंबर को ही राऊज एवेन्यू कोर्ट ने अमानतुल्लाह खान को रिहा करने का आदेश दिया था, लेकिन अमानतुल्लाह खान के बेल बॉन्ड का वेरिफिकेशन नहीं होने की वजह से रिहाई नहीं हो पाई थी. गौरतलब है कि ईडी ने 2 सितंबर को अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था. ईडी के मुताबिक, दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में गड़बड़ियों में अमानतुल्लाह खान ही मुख्य आरोपी है. इस मामले में चार लोगों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है, जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं.

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