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पटना में डेंगू से एक की मौत, पूरे बिहार में डेंगू के 53 नये मरीज मिले - dengue in Bihar

Death due to dengue बिहार में डेंगू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है. अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. इस जानलेवा बुखार के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग को चिंतित कर दिया है. राज्य में डेंगू के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए प्रभावी कदम उठाने की मांग तेज हो रही है.

पटना में डेंगू
पटना में डेंगू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Aug 31, 2024, 9:05 PM IST

एनएमसीएच के डेंगू वार्ड की स्थिति. (ETV Bharat)

पटना: बिहार में डेंगू से मौत के मामले डराने लगे हैं. प्रदेश में बीते तीन दिनों में डेंगू से दूसरी मौत दर्ज की गई है. पीएमसीएच में डेंगू पीड़ित 40 वर्षीय युवक अशोक गिरी की शुक्रवार देर रात इलाज के क्रम में मौत हो गई है. बीते 72 घंटे में यह दूसरी मौत है. जहानाबाद के रहने वाले अशोक गिरी पीएमसीएच में 25 अगस्त को एडमिट हुए थे. इस जानलेवा बुखार के बढ़ते मामलों ने स्वास्थ्य विभाग को चिंतित कर दिया है. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राहत और उपचार की तेजी से जरूरत महसूस की जा रही है.

एनएमसीएच का डेंगू वार्ड.
एनएमसीएच का डेंगू वार्ड. (ETV Bharat)

प्रदेश में मिले 53 नए मामलेः बीते 24 घंटे में प्रदेश में डेंगू के 53 नए मामले सामने आए हैं. इसमें सर्वाधिक मामले पटना में मिले हैं. पटना में 33 नए मरीज मिले हैं. इसके बाद दरभंगा और बेगूसराय में तीन-तीन मरीज मिले हैं. डेंगू के एडमिट मरीजों की संख्या भी अस्पतालों में बढ़ रहीहै. पटना के सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर 35 मरीज अस्पतालों में एडमिट है, जिनका इलाज चल रहा है. अकेले एनएमसीएच में 15 मरीज एडमिट हैं.

एनएमसीएच का डेंगू वार्ड.
एनएमसीएच का डेंगू वार्ड. (ETV Bharat)

निःशुल्क इलाज की व्यवस्थाः पटना के एनएमसीएच हॉस्पिटल में डेंगू की जांच से इलाज तक की निःशुल्क व्यवस्था है. अस्पताल में 55 बेड का डेंगू वार्ड तैयार किया गया है, जिसमें 20 बेड महिलाओं के लिए है. 20 बेड पुरुषों के लिए हैं. इसके अलावा 10 बेड बच्चों के लिए हैं. पांच बेड इमरजेंसी के लिए रखे गये हैं. अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ अजय कुमार ने बताया कि यहां जीरो ड्रग परचेसिंग पॉलिसी के तहत डेंगू का इलाज चल रहा है. मरीज को कुछ भी बाहर से नहीं खरीदना पड़ता.

एनएमसीएच का डेंगू वार्ड.
एनएमसीएच का डेंगू वार्ड. (ETV Bharat)

"15 डेंगू के मरीज एडमिट हैं. इसमें सात पुरुष और दो महिलाएं हैं. इसके साथ पेडियाट्रिक वार्ड में 6 डेंगू पीड़ित बच्चे एडमिट हैं. यदि किसी का प्लेटलेट्स 60000 से नीचे है, बार-बार उल्टी की शिकायत है या अत्यधिक पेट दर्द हो रहा है तो उन्हें अस्पताल में अवश्य एडमिट हो जाना चाहिए."- डॉ अजय कुमार, एचओडी, मेडिसिन विभाग, NMCH

डॉ अजय कुमार
डॉ अजय कुमार. (ETV Bharat)

किसे होती प्लेटलेट्स की जरूरत: डॉ अजय कुमार ने बताया कि यहां ब्लड बैंक में पर्याप्त संख्या में प्लेटलेट्स की उपलब्धता है. लेकिन डेंगू पीड़ित मरीज के विशेष कंडीशन पर ही उसे प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि वैसे मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है जिनका प्लेटलेट्स 100000 से नीचे जाने लगता है. इसके अलावा किसी मरीज का बीपी बहुत लो हो रहा है और प्लेटलेट्स 25000 के करीब है तो उसे भी प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है. किसी का ब्लड लीकेज होने लगा है उसे प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है.

एनएमसीएच का डेंगू वार्ड.
एनएमसीएच का डेंगू वार्ड. (ETV Bharat)

डेंगू के मरीज बरतें सावधानीः डॉक्टर अजय ने बताया कि डेंगू मच्छर के काटने से होता है. डेंगू पीड़ित को हमेशा मच्छरदानी के भीतर रहना चाहिए और आराम करना चाहिए. इसके साथ ही प्रचुर मात्रा में पानी और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए. यदि दिक्कत और बेचैनी महसूस हो रही है तो घर में ना रहें. अस्पताल पहुंचे और एडमिट हो. सरकारी केंद्रों में डेंगू के इलाज की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है.

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एनएमसीएच के डेंगू वार्ड की स्थिति. (ETV Bharat)

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एनएमसीएच का डेंगू वार्ड.
एनएमसीएच का डेंगू वार्ड. (ETV Bharat)

प्रदेश में मिले 53 नए मामलेः बीते 24 घंटे में प्रदेश में डेंगू के 53 नए मामले सामने आए हैं. इसमें सर्वाधिक मामले पटना में मिले हैं. पटना में 33 नए मरीज मिले हैं. इसके बाद दरभंगा और बेगूसराय में तीन-तीन मरीज मिले हैं. डेंगू के एडमिट मरीजों की संख्या भी अस्पतालों में बढ़ रहीहै. पटना के सरकारी और निजी अस्पतालों को मिलाकर 35 मरीज अस्पतालों में एडमिट है, जिनका इलाज चल रहा है. अकेले एनएमसीएच में 15 मरीज एडमिट हैं.

एनएमसीएच का डेंगू वार्ड.
एनएमसीएच का डेंगू वार्ड. (ETV Bharat)

निःशुल्क इलाज की व्यवस्थाः पटना के एनएमसीएच हॉस्पिटल में डेंगू की जांच से इलाज तक की निःशुल्क व्यवस्था है. अस्पताल में 55 बेड का डेंगू वार्ड तैयार किया गया है, जिसमें 20 बेड महिलाओं के लिए है. 20 बेड पुरुषों के लिए हैं. इसके अलावा 10 बेड बच्चों के लिए हैं. पांच बेड इमरजेंसी के लिए रखे गये हैं. अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ अजय कुमार ने बताया कि यहां जीरो ड्रग परचेसिंग पॉलिसी के तहत डेंगू का इलाज चल रहा है. मरीज को कुछ भी बाहर से नहीं खरीदना पड़ता.

एनएमसीएच का डेंगू वार्ड.
एनएमसीएच का डेंगू वार्ड. (ETV Bharat)

"15 डेंगू के मरीज एडमिट हैं. इसमें सात पुरुष और दो महिलाएं हैं. इसके साथ पेडियाट्रिक वार्ड में 6 डेंगू पीड़ित बच्चे एडमिट हैं. यदि किसी का प्लेटलेट्स 60000 से नीचे है, बार-बार उल्टी की शिकायत है या अत्यधिक पेट दर्द हो रहा है तो उन्हें अस्पताल में अवश्य एडमिट हो जाना चाहिए."- डॉ अजय कुमार, एचओडी, मेडिसिन विभाग, NMCH

डॉ अजय कुमार
डॉ अजय कुमार. (ETV Bharat)

किसे होती प्लेटलेट्स की जरूरत: डॉ अजय कुमार ने बताया कि यहां ब्लड बैंक में पर्याप्त संख्या में प्लेटलेट्स की उपलब्धता है. लेकिन डेंगू पीड़ित मरीज के विशेष कंडीशन पर ही उसे प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है. उन्होंने बताया कि वैसे मरीज को प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है जिनका प्लेटलेट्स 100000 से नीचे जाने लगता है. इसके अलावा किसी मरीज का बीपी बहुत लो हो रहा है और प्लेटलेट्स 25000 के करीब है तो उसे भी प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है. किसी का ब्लड लीकेज होने लगा है उसे प्लेटलेट्स चढ़ाया जाता है.

एनएमसीएच का डेंगू वार्ड.
एनएमसीएच का डेंगू वार्ड. (ETV Bharat)

डेंगू के मरीज बरतें सावधानीः डॉक्टर अजय ने बताया कि डेंगू मच्छर के काटने से होता है. डेंगू पीड़ित को हमेशा मच्छरदानी के भीतर रहना चाहिए और आराम करना चाहिए. इसके साथ ही प्रचुर मात्रा में पानी और पौष्टिक आहार का सेवन करना चाहिए. यदि दिक्कत और बेचैनी महसूस हो रही है तो घर में ना रहें. अस्पताल पहुंचे और एडमिट हो. सरकारी केंद्रों में डेंगू के इलाज की निशुल्क व्यवस्था उपलब्ध है.

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