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DDU अस्पताल इस मामले में देशभर में बना नंबर वन, मिला क्वालिटी सर्टिफिकेट - QUALITY CERTIFICATE TO DDU HOSPITAL

डीडीयू बेहतर गुणवत्ता वाली सेवाओं में 500 से अधिक बेड वाली अस्पताल केटेगरी में दिल्ली ही नहीं बल्कि देशभर में सबसे अव्वल आया है.

नंबर वन अस्पताल है डीडीयू
नंबर वन अस्पताल है डीडीयू (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 12, 2025, 2:03 PM IST

नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल को क्वालिटी सर्टिफिकेट मिला है. अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार क्वालिटी सर्टिफिकेशन भारत सरकार द्वारा 16 अलग-अलग डिपार्टमेंट की सेवाओं साफ सफाई वगैरह को लेकर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ आई डोनेशन में भी डीडीयू ने एम्स को पछाड़ दिया है.

डीडीयू अस्पताल को मिला क्वालिटी सर्टिफिकेशन: जानकारी की मुताबिक वेस्ट दिल्ली का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल है. अस्पताल की 16 डिपार्मेंट की बेहतर गुणवत्ता वाली सेवाओं में 500 से अधिक बेड वाली अस्पताल केटेगरी में दिल्ली ही नहीं बल्कि देश भर में सबसे अव्वल अस्पताल आया है. और यही वजह है कि अस्पताल को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन मिला है.

डीडीयू अस्पताल बना नंबर वन (ETV Bharat)

अस्पताल के एमडी डॉ बी एल चौधरी ने बताया कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्कीम भारत सरकार की एक स्कीम है, जिसके द्वारा 500 से अधिक बेड वाले अस्पताल की कैटेगरी में यह प्रतिस्पर्धा होती है जिसमे अलग-अलग स्टेट से टीम आती है. अस्पताल के अलग-अलग डिपार्टमेंट में दी जाने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से देखते हैं और फिर तसल्ली होने के बाद ही उसमें मार्किंग की जाती है.

डीडीयू ने आई डोनेशन में एम्स को भी पीछे छोड़ा: डीडीयू अस्पताल का चाहे लेबर डिपार्टमेंट हो या फिर बच्चों का वार्ड या फिर ओपीडी और ऑपरेशन थिएटर, इन तमाम कैटेगरी के साथ-साथ कुल 16 कैटेगरी में यह अस्पताल गुणवत्ता मामले में सबसे अव्वल रहा और इसे यह सर्टिफिकेट मिला. उन्होंने कहा कि यह बेहद ही गौरव की बात है. इतना ही नहीं आई डोनेशन के मामले में डीडीयू अस्पताल तो एम्स को भी पीछे छोड़ चुका है. एक साल में कुल 800 आई डोनेशन किए गए जो अब तक का सर्वाधिक आई डोनेशन है.

आई डोनेशन के प्रति जागरूकता की जरूरत: एम्स को पीछे छोड़ने के मामले को लेकर भी अस्पताल प्रशासन पूरी तरह उत्साहित है. साथ ही अस्पताल के एमडी ने कहा कि आई डोनेशन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़नी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग आई डोनेट करें और वैसे लोगों को रोशनी मिले जो आंखों की अलग-अलग तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं और दुनिया देख नहीं पाते.

किन बिंदुओं को ध्यान में रखकर दिया जाता है क्वालिटी सर्टिफिकेशन
किन बिंदुओं को ध्यान में रखकर दिया जाता है क्वालिटी सर्टिफिकेशन (ETV Bharat GFX)

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नई दिल्ली: वेस्ट दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल को क्वालिटी सर्टिफिकेट मिला है. अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार क्वालिटी सर्टिफिकेशन भारत सरकार द्वारा 16 अलग-अलग डिपार्टमेंट की सेवाओं साफ सफाई वगैरह को लेकर दिया गया है. वहीं दूसरी तरफ आई डोनेशन में भी डीडीयू ने एम्स को पछाड़ दिया है.

डीडीयू अस्पताल को मिला क्वालिटी सर्टिफिकेशन: जानकारी की मुताबिक वेस्ट दिल्ली का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल है. अस्पताल की 16 डिपार्मेंट की बेहतर गुणवत्ता वाली सेवाओं में 500 से अधिक बेड वाली अस्पताल केटेगरी में दिल्ली ही नहीं बल्कि देश भर में सबसे अव्वल अस्पताल आया है. और यही वजह है कि अस्पताल को नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन मिला है.

डीडीयू अस्पताल बना नंबर वन (ETV Bharat)

अस्पताल के एमडी डॉ बी एल चौधरी ने बताया कि नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्कीम भारत सरकार की एक स्कीम है, जिसके द्वारा 500 से अधिक बेड वाले अस्पताल की कैटेगरी में यह प्रतिस्पर्धा होती है जिसमे अलग-अलग स्टेट से टीम आती है. अस्पताल के अलग-अलग डिपार्टमेंट में दी जाने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से देखते हैं और फिर तसल्ली होने के बाद ही उसमें मार्किंग की जाती है.

डीडीयू ने आई डोनेशन में एम्स को भी पीछे छोड़ा: डीडीयू अस्पताल का चाहे लेबर डिपार्टमेंट हो या फिर बच्चों का वार्ड या फिर ओपीडी और ऑपरेशन थिएटर, इन तमाम कैटेगरी के साथ-साथ कुल 16 कैटेगरी में यह अस्पताल गुणवत्ता मामले में सबसे अव्वल रहा और इसे यह सर्टिफिकेट मिला. उन्होंने कहा कि यह बेहद ही गौरव की बात है. इतना ही नहीं आई डोनेशन के मामले में डीडीयू अस्पताल तो एम्स को भी पीछे छोड़ चुका है. एक साल में कुल 800 आई डोनेशन किए गए जो अब तक का सर्वाधिक आई डोनेशन है.

आई डोनेशन के प्रति जागरूकता की जरूरत: एम्स को पीछे छोड़ने के मामले को लेकर भी अस्पताल प्रशासन पूरी तरह उत्साहित है. साथ ही अस्पताल के एमडी ने कहा कि आई डोनेशन के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़नी चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग आई डोनेट करें और वैसे लोगों को रोशनी मिले जो आंखों की अलग-अलग तरह की बीमारियों से पीड़ित हैं और दुनिया देख नहीं पाते.

किन बिंदुओं को ध्यान में रखकर दिया जाता है क्वालिटी सर्टिफिकेशन
किन बिंदुओं को ध्यान में रखकर दिया जाता है क्वालिटी सर्टिफिकेशन (ETV Bharat GFX)

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