दौसा: जिले में इन दिनों कई जगह पैंथर के मूवमेंट से ग्रामीण भयभीत नजर आ रहे हैं, लेकिन विभागीय कर्मचारी पैंथर को पकड़ने के बजाय विभाग में संसाधनों और स्टाफ की कमी बताकर अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं, जिसका खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है. मेहंदीपुर बालाजी क्षेत्र में स्थित मीना सीमला गांव में पैंथर का मुवमेंट देखा गया है, जहां के ग्रामीण कहते हैं कि गांव में पैंथर के मूवमेंट के चलते ग्रामीणों की जिंदगी थम सी गई है, लेकिन वन विभाग और प्रशासन इसको लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है.
बंद पिंजरे में कैसे कैद हो पैंथर : ग्रामीण पवन कुमार मीना ने बताया कि लोग यहां पिछले एक सप्ताह से पैंथर के आतंक से ग्रामीण भय के साए में रात गुजारने को मजबूर हैं. वहीं, वन अधिकारी तीन दिन पहले एक बंद पिंजरा गांव में रखकर चले गए. पिंजरा रखने के बाद तीन दिन बाद भी विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर जाकर सुध तक नहीं ली. ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर बंद पिंजरे में पैंथर कैसे कैद होगा.
पैंथर के भय से घरों में लगवाया जाल : ग्रामीण महिला लोटन देवी ने बताया कि पैंथर के भय के चलते घर में जाल लगवाया है. रात के समय मन में पैंथर के आने का भय बना रहता है. घर के अंदर पैंथर के पैरों के निशान भी मिले हैं. हालांकि वन विभाग के अधिकारियों ने इन निशानों को जरख के पैरों के निशान बताया है. उसने कहा कि घर की एक महिला का अभी कुछ समय पहले ही प्रसव हुआ है. ऐसे में रात के समय हल्की सी भी आहट होने पर घबराहट होने लगती है.
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शाम होते ही घरों में छुप जाते है ग्रामीण : ग्रामीण पवन कुमार मीना का कहना है कि पैंथर के मूवमेंट के चलते गांव में कभी भी बड़ी जनहानि घटित हो सकती है. तीन दिन पहले वनकर्मियों ने पैंथर को पकड़ने के लिए जाल लगाया था, लेकिन जाल बंद पड़ा है, और कोई भी वनकर्मी मौके पर नहीं आया है. ग्रामीण, शोभाराम मीना ने बताया कि जिस रास्ते में विभाग ने जाल लगा रखा है, वहां से दिन में भी निकलने में अब डर लगने लगा है. वहीं महिलाएं पशुओं के लिए खेतों में चारा लेने जाने से भी कतराने लगी है.
वहीं, मामले में स्थानीय फॉरेस्टर दिनेश मीना का कहना है कि हमारे पास पैंथर को पकड़ने के लिए संसाधनों और स्टाफ की कमी है. इसके बारे में उच्चाधिकारियों को कई बार बता दिया, लेकिन उच्चाधिकारी हमारी सुनते नहीं है. ऐसे में क्या हाथों से पैंथर को पकड़ें? वहीं रेंजर राकेश मीना का कहना है कि विभाग के पास किसी भी प्रकार के संसाधनों की कमी नहीं है. पैंथर को पकड़ने के लिए बांदीकुई से एक और पिंजरा मंगवाया गया है. जल्द ही पैंथर को पकड़कर अन्य स्थान पर छोड़ा जाएगा.