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भांडेर BMO और हॉस्पिटल स्टाफ को लगती है गर्मी, इसलिए करा रहे टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी - Datia Delivery Done Torch - DATIA DELIVERY DONE TORCH

सरकारी अस्पतालों में अव्यवस्थाओं का हाल किसी से छिपा नहीं है लेकिन ऑपरेशन और डिलीवरी के मामलों में लापरवाही जानलेवा है. इसके बावजूद दतिया के भांडेर में टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी हो रही है. मरीजों के क्या हाल होंगे अंदाजा लगा सकते हैं.

DATIA DELIVERY DONE TORCH
सरकारी अस्पताल में टॉर्च की रोशनी में हो रहीं डिलीवरी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 4:13 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 4:53 PM IST

दतिया। सरकार के लाख दावे के बावजूद सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो रही हैं. ऑपरेशन हो रहा हो या डिलीवरी बिजली गई तो मरीज की जान जाए या बचे, इससे अस्पताल प्रशासन को कोई लेना देना नहीं है. दतिया के भांडेर में तो ऐसा ही चल रहा है. टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी और ऑपरेशन तक हो रहे हैं. अस्पताल के बीएमओ का जवाब सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.

भांडेर में बिजली कटौती

भांडेर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों बिजली कटौती का सामना कर रहा है. बिजली जाते ही पूरे नगर के साथ भांडेर का सरकारी अस्पताल भी अंधेरे में डूब जाता है. हालत यह है कि टॉर्च की रोशनी में प्रसव हो रहे हैं. प्रसव होने के बाद जब जच्चा और बच्चा वार्ड में शिफ्ट होते हैं तो अटैंडर को आनन-फानन में नए पंखे खरीदकर लाना पड़ते हैं लेकिन लाइट न होने से नए पंखे भी जस के तस रखे रहते हैं. उमस भरी गर्मी में जच्चा और बच्चा, दोनों की ही हालत खराब है.

141 गांव की है जिम्मेदारी

भांडेर अनुभाग मुख्यालय पर सिर्फ एक सरकारी अस्पताल है. इस अस्पताल पर क्षेत्र के 141 गांव के लोगों के इलाज की जिम्मेदारी है. अकेले भांडेर नगर के ही 35 हजार से ज्यादा लोगों की जिम्मेदारी है. हर दिन भांडेर अस्पताल में 150 से 200 मरीज इलाज के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं. गरीब परिवार के लोग ही भांडेर के सरकारी अस्पताल में इलाज कराने जाते हैं, जो संपन्न या मध्यम वर्गीय परिवार के लोग हैं वे भांडेर से सटे झांसी जिले के अस्पतालों में या फिर जिला अस्पताल दतिया में इलाज कराने पहुंचते हैं.

झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार

भांडेर के सरकारी अस्पताल में मरीजों की भीड़ का फायदा झोलाछाप डॉक्टरों को मिल रहा है. यहां झोलाछाप डॉक्टरों के पास भी हजारों लोग इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. इन डॉक्टरों ने कई ऐसे लोगों को सरकारी अस्पताल में फिट कर रखा है कि भीड़ होने और कम खर्च में इलाज का लालच देकर ये लोग मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों तक लाते हैं.

टॉर्च की रोशनी में हो रहे प्रसव

सरकारी अस्पताल के डिलीवरी वार्ड में प्रसूताओं की हालत खराब है. अटेंडर और स्टाफ मोबाइल की टॉर्च जलाते हुए इलाज कर रहे हैं, इंजेक्शन लगा रहे हैं. हद तो तब हो जाती है कि इमरजेंसी के समय महिलाओं की डिलीवरी टॉर्च की रोशनी में ही कराई जाती है. प्रसव कक्ष में कुसौली निवासी देविका आदिवासी का स्टाफ द्वारा सोमवार को टॉर्च की रोशनी में प्रसव कराया गया. 7 माह का गर्भ होने से देविका ने मृत बच्चे को जन्म दिया. इसके तत्काल बाद ग्राम सलेतरा निवासी महिला का प्रसव भी टॉर्च की रोशनी में कराया गया. सलेतरा की महिला ने बच्चे को जन्म दिया.

अस्पताल का सोलर पैनल भी खराब

वैसे तो अस्पताल में बिजली कनेक्शन है और सौलर पैनल भी लगा है लेकिन वर्तमान में दोनों ही दम तोड़ चुके हैं. न तो मैन लाइनों से लाइट सप्लाई हो रही और न सोलर से बिजली निकल रही. भांडेर क्षेत्र में बिजली कटौती की बहुत ज्यादा समस्या है इसलिए भांडेर अस्पताल प्रबंधन ने सोलर पैनल लगा रखा है. उमस भरी गर्मी में जहां खुले आसमान में पेड़ के नीचे बैठना तक मुश्किल हो रहा है.

ये भी पढ़ें:

स्ट्रेचर पर MP की स्वास्थ्य सुविधाएं, कहीं टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी, तो कहीं मरीजों के साथ बर्बरता

छतरपुर अस्पताल की लापरवाही, डिलीवरी के दौरान नवजात बच्चे की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

'हम खुद गर्मी से परेशान'

भांडेर बीएमओ डॉ आर एस परिहार का कहना है कि "पूरे भांडेर क्षेत्र में बिजली की समस्या है. अस्पताल में सोलर पैनल लगा है लेकिन कुछ दिन पहले आकाशीय बिजली गिरने से वह खराब हो गया है. हमने उसके लिए कंपलेन कर दी है, इंजीनियर ने एक दो दिन में आने के लिए बोला है. हम खुद भी गर्मी से परेशान हैं,क्या करें.

दतिया। सरकार के लाख दावे के बावजूद सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो रही हैं. ऑपरेशन हो रहा हो या डिलीवरी बिजली गई तो मरीज की जान जाए या बचे, इससे अस्पताल प्रशासन को कोई लेना देना नहीं है. दतिया के भांडेर में तो ऐसा ही चल रहा है. टॉर्च की रोशनी में डिलीवरी और ऑपरेशन तक हो रहे हैं. अस्पताल के बीएमओ का जवाब सुनकर आप हैरान रह जाएंगे.

भांडेर में बिजली कटौती

भांडेर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन दिनों बिजली कटौती का सामना कर रहा है. बिजली जाते ही पूरे नगर के साथ भांडेर का सरकारी अस्पताल भी अंधेरे में डूब जाता है. हालत यह है कि टॉर्च की रोशनी में प्रसव हो रहे हैं. प्रसव होने के बाद जब जच्चा और बच्चा वार्ड में शिफ्ट होते हैं तो अटैंडर को आनन-फानन में नए पंखे खरीदकर लाना पड़ते हैं लेकिन लाइट न होने से नए पंखे भी जस के तस रखे रहते हैं. उमस भरी गर्मी में जच्चा और बच्चा, दोनों की ही हालत खराब है.

141 गांव की है जिम्मेदारी

भांडेर अनुभाग मुख्यालय पर सिर्फ एक सरकारी अस्पताल है. इस अस्पताल पर क्षेत्र के 141 गांव के लोगों के इलाज की जिम्मेदारी है. अकेले भांडेर नगर के ही 35 हजार से ज्यादा लोगों की जिम्मेदारी है. हर दिन भांडेर अस्पताल में 150 से 200 मरीज इलाज के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं. गरीब परिवार के लोग ही भांडेर के सरकारी अस्पताल में इलाज कराने जाते हैं, जो संपन्न या मध्यम वर्गीय परिवार के लोग हैं वे भांडेर से सटे झांसी जिले के अस्पतालों में या फिर जिला अस्पताल दतिया में इलाज कराने पहुंचते हैं.

झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार

भांडेर के सरकारी अस्पताल में मरीजों की भीड़ का फायदा झोलाछाप डॉक्टरों को मिल रहा है. यहां झोलाछाप डॉक्टरों के पास भी हजारों लोग इलाज कराने के लिए पहुंचते हैं. इन डॉक्टरों ने कई ऐसे लोगों को सरकारी अस्पताल में फिट कर रखा है कि भीड़ होने और कम खर्च में इलाज का लालच देकर ये लोग मरीजों को झोलाछाप डॉक्टरों तक लाते हैं.

टॉर्च की रोशनी में हो रहे प्रसव

सरकारी अस्पताल के डिलीवरी वार्ड में प्रसूताओं की हालत खराब है. अटेंडर और स्टाफ मोबाइल की टॉर्च जलाते हुए इलाज कर रहे हैं, इंजेक्शन लगा रहे हैं. हद तो तब हो जाती है कि इमरजेंसी के समय महिलाओं की डिलीवरी टॉर्च की रोशनी में ही कराई जाती है. प्रसव कक्ष में कुसौली निवासी देविका आदिवासी का स्टाफ द्वारा सोमवार को टॉर्च की रोशनी में प्रसव कराया गया. 7 माह का गर्भ होने से देविका ने मृत बच्चे को जन्म दिया. इसके तत्काल बाद ग्राम सलेतरा निवासी महिला का प्रसव भी टॉर्च की रोशनी में कराया गया. सलेतरा की महिला ने बच्चे को जन्म दिया.

अस्पताल का सोलर पैनल भी खराब

वैसे तो अस्पताल में बिजली कनेक्शन है और सौलर पैनल भी लगा है लेकिन वर्तमान में दोनों ही दम तोड़ चुके हैं. न तो मैन लाइनों से लाइट सप्लाई हो रही और न सोलर से बिजली निकल रही. भांडेर क्षेत्र में बिजली कटौती की बहुत ज्यादा समस्या है इसलिए भांडेर अस्पताल प्रबंधन ने सोलर पैनल लगा रखा है. उमस भरी गर्मी में जहां खुले आसमान में पेड़ के नीचे बैठना तक मुश्किल हो रहा है.

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'हम खुद गर्मी से परेशान'

भांडेर बीएमओ डॉ आर एस परिहार का कहना है कि "पूरे भांडेर क्षेत्र में बिजली की समस्या है. अस्पताल में सोलर पैनल लगा है लेकिन कुछ दिन पहले आकाशीय बिजली गिरने से वह खराब हो गया है. हमने उसके लिए कंपलेन कर दी है, इंजीनियर ने एक दो दिन में आने के लिए बोला है. हम खुद भी गर्मी से परेशान हैं,क्या करें.

Last Updated : Jul 17, 2024, 4:53 PM IST
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