दमोह। कहते हैं कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी. दुर्घटना घटने के बाद सिर्फ सांप निकलने के बाद लकीर पीटने जैसा रह जाता है. अपनों को खो जाने का परिजन को जो दंश झेलना पड़ता है उसका दर्द वही जानते हैं. जिले के चंडी चौपरा ग्राम में एक युवक की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद परिजन ने एक नई पहल की है. बेटे की मौत से सीख लेते हुए उन्होंने लोगों को हेलमेट बांटे हैं. उनका मानना है कि अगर बेटा उस दिन हेलमेट पहने होता तो शायद उसकी जान बच जाती.
हादसे में हुई थी बेटे की मौत
मामला जिले के जबेरा ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम चंडी चौपरा का है. दरअसल यहां के निवासी दौलत सिंह के बेटे संकेत सिंह का 15 जून को सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था. दिवंगत आत्मा की शांति के लिए पूजन पाठ के अलावा दौलत सिंह द्वारा एक अनूठी पहल प्रारंभ की गई. दौलत सिंह ने बताया कि ''अगर मेरे बेटे ने हेलमेट पहना होता तो शायद उसकी जान बच सकती थी. आज बेटा नहीं है और उसकी कमी मुझे और परिजन को पूरी जिंदगी खलती रहेगी. हम अपना दर्द किससे कहें. लेकिन हम यह चाहते हैं कि जिस तरह हमारे बेटे की मौत हुई है वैसे असमय कोई नौजवान काल के गाल में न समाए.''
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युवाओं को बांटे हेलमेट
परिवार ने मृतक बेटे की तेरहवीं पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन चंडी माता मंदिर प्रांगण चंडी चौपरा में किया. जिसमें क्षेत्र के लगभग 20 ग्राम के चयनित युवाओं को हेलमेट बांटकर उन्हें वाहन चलाने के दौरान हेलमेट पहने रखने का संकल्प दिलाया. दौलत सिंह के मित्र सचिन मोदी ने बताया कि ''यह एक अच्छी पहल है और सभी को इस तरह की पहल करना चाहिए. नौजवानों को भी यह बात समझना चाहिए कि वह हेलमेट पहनकर ही गाड़ी चलाएं, क्योंकि आपकी जरा सी लापरवाही पूरे परिवार पर भारी पड़ सकती है.'' कार्यक्रम में मुख्य रूप से संतोष भारती, डॉक्टर अभिषेक जैन शास्त्री, दीवान चंद्रभान सिंह, रजनी ठाकुर जिला पंचायत सदस्य मौजूद रहे.