रतलाम: मध्य प्रदेश में किसान आजकल अपने खेतों की रखवाली रॉकेट लांचर या किसी तोप नुमा जुगाड़ के साथ कर रहे हैं. थोड़ी-थोड़ी देर में इस हथियार को चलाकर किसान धमाका भी कर रहे हैं. किसानों के लिए परेशानी का सबब बने घोड़ा रोज (नीलगाय) से निपटने के लिए अब किसान तोप तक चला रहे हैं, लेकिन उनका यह जानी दुश्मन फिर भी नहीं डर रहा है. किसानों ने बताया कि घोड़ा रोज और जंगली सूअर ने उनकी खेती पर ही रोक लगा दी है.
जुगाड़ के तोपनुमा हथियार से कर रहे फसलों की सुरक्षा
रतलाम के किसान अपनी फसलों को जंगली जानवरों खासकर घोड़ा रोज और जंगली सूअर से बचने के लिए तरह-तरह के जतन कर रहे हैं. किसान अपने खेतों की फेंसिंग करवाते हैं और झटका मशीन का भी इस्तेमाल फसलों को बचाने के लिए करते हैं. लेकिन घोड़ा रोज और जंगली सूअर का आतंक इससे भी कम नहीं हो पा रहा है. किसानों ने जुगाड़ करके पीवीसी पाईप और गैस लाइटर की मदद से एक धमाका करने वाली तोप बनाई है, जिसमें कार्बेट और पानी का मिश्रण डाल कर जोर से धमाका किया जाता है. जिसकी आवाज से जंगली जानवर डर कर भाग जाते हैं.
'सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही'
करमदी गांव के किसान विनोद पाटीदार बताते हैं कि "अब तो घोड़ा रोज इस तोप से भी नहीं डरते हैं. किसान इनसे बचाव के लिए तरह-तरह के जुगाड़ लगाते हैं, लेकिन यह इतना चालाक जानवर है कि इंसानों के हर जुगाड़ उनके सामने कमतर साबित होते हैं. वहीं सरकार की तरफ से भी किसानों को कोई मदद नहीं मिल पाती है. लंबा चौड़ा खर्च करने के बाद भी हमें जंगली जानवरों की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है."
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किसानों को सरकार से समाधान की उम्मीद
बहरहाल, मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में नीलगाय और जंगली जानवरों की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है और किसानों के सारे प्रयास और जुगाड़ फेल हो रहे हैं. ऐसे में किसानों को अब सरकार से ही इस समस्या के समाधान की उम्मीद है. जिसमें खेतों की फेंसिंग किए जाने के लिए सब्सिडी योजना शुरू किए जाने की मांग यहां के किसान कर रहे हैं.