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बसपा से खिसक रहे दलित; सपा अपने साथ लाने के लिए चलाएगी अभियान, PDA पर अखिलेश यादव का ज्यादा फोकस - Akhilesh Yadav BSP Mayawati

अखिलेश के पीडीए के अंतर्गत दलितों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा. दलित समाज में आने वाली पासी बिरादरी पर अखिलेश की नजर है. संगठन में भी ज्यादा तवज्जो दी जाएगी. अखिलेश ने संसद में अयोध्या से जीते दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद को फ्रंट फुट पर रखकर इसके संकेत दे दिए हैं.

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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 6, 2024, 1:49 PM IST

लखनऊ: समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली अच्छी सफलता और बसपा से दलित वोटरों के खिसकने के बाद दलितों को सपा के साथ जोड़ने के लिए पार्टी कई तरह के अभियान चलाएगी. अखिलेश के पीडीए के अंतर्गत दलितों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा. दलित समाज में आने वाली पासी बिरादरी पर अखिलेश की नजर है. संगठन में भी ज्यादा तवज्जो दी जाएगी. अखिलेश ने संसद में अयोध्या से जीते दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद को फ्रंट फुट पर रखकर इसके संकेत दे दिए हैं.

दरअसल, समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में पीडीएफ फार्मूले से काफी सफलता मिली. बहुजन समाज पार्टी से जुड़ा दलित समाजवादी पार्टी की तरफ जरूर आ गया लेकिन अब इस दलितट बैंक को अपने साथ बनाए रखने में पार्टी काफी संजीदा नजर आ रही है.

अखिलेश यादव को इस दलित वोट बैंक को अपने साथ बरकरार रखने में किसी बड़ी चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा. भारतीय जनता पार्टी भी दलित वोट बैंक को लेकर काफी सक्रिय हो चुकी है और तमाम स्तर पर अभियान चलाए जाने की बात कही गई है. समाजवादी पार्टी दलित वोट बैंक खासकर पासी बिरादरी को अपने साथ बनाए रखने के लिए बड़े काम करने वाली है.

समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय संगठन से लेकर प्रदेश संगठन और समाजवादी पार्टी के अन्य फ्रंटल संगठनों में दलित समाज के अंतर्गत पासी बिरादरी से आने वाले नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने वाले हैं. इसको लेकर उन्होंने अवधेश प्रसाद के साथ-साथ सपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श भी किया है.

सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव से भी अखिलेश यादव ने इसको लेकर बातचीत की है. तमाम जिलों में वरिष्ठ दलित समाज के नेताओं से बातचीत करके अच्छे नए युवा कार्यकर्ताओं और नेताओं को जिम्मेदारी दिए जाने के संकेत दिए हैं.

समाजवादी पार्टी अपने फ्रंटल संगठनों में दलित समाज के आने वाले नेताओं को और अधिक भागीदारी देने का मन बना चुकी है. बूथ कमेटियों से लेकर मंडल कमेटी जिला कमेटी ब्लॉक स्तरीय कमेटी में दलित समाज के नेताओं को और अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.

साथ ही अखिलेश यादव के नेतृत्व में जिला स्तरीय सम्मेलन किए जाएंगे और पासी बिरादरी से आने वाले समाज के लोगों को जोड़ने के लिए अभियान चलाए जाएंगे. इसके लिए सभी फ्रंटल संगठनों और अन्य पदाधिकारी को दिशा निर्देश दिए गए हैं कि जिला स्तर पर होने वाले सम्मेलनों की तैयारी की जाए.

अगस्त से समाजवादी पार्टी बड़े स्तर पर अभियान चलाएगी और दलित समाज खासकर पसारी बिरादरी से आने वाले नेताओं पर मेहरबानी दिखाने वाली है. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं की पार्टी समाज के सभी वर्ग के लोगों को लेकर चलने वाली है. अखिलेश यादव ने पिछड़े दलित अल्पसंख्यक का फार्मूला दिया था और समाजवादी पार्टी इसी फार्मूले को लेकर अपने संगठन और अभियानों को भी चलाने का काम करेगी.

जहां तक दलित समाज की बात है तो उनसे जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को संगठन में अधिक भागीदारी देने के संकेत दिए गए हैं, जिससे समाज के जो निचले स्तर के लोग हैं उन्हें और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा.

ये भी पढ़ेंः सूरजपाल के भोले बाबा बनने की कहानी; बसपा-सपा सरकार में था भोकाल, मिली थी लाल बत्ती

लखनऊ: समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में मिली अच्छी सफलता और बसपा से दलित वोटरों के खिसकने के बाद दलितों को सपा के साथ जोड़ने के लिए पार्टी कई तरह के अभियान चलाएगी. अखिलेश के पीडीए के अंतर्गत दलितों पर ज्यादा फोकस किया जाएगा. दलित समाज में आने वाली पासी बिरादरी पर अखिलेश की नजर है. संगठन में भी ज्यादा तवज्जो दी जाएगी. अखिलेश ने संसद में अयोध्या से जीते दलित समाज से आने वाले अवधेश प्रसाद को फ्रंट फुट पर रखकर इसके संकेत दे दिए हैं.

दरअसल, समाजवादी पार्टी को लोकसभा चुनाव में पीडीएफ फार्मूले से काफी सफलता मिली. बहुजन समाज पार्टी से जुड़ा दलित समाजवादी पार्टी की तरफ जरूर आ गया लेकिन अब इस दलितट बैंक को अपने साथ बनाए रखने में पार्टी काफी संजीदा नजर आ रही है.

अखिलेश यादव को इस दलित वोट बैंक को अपने साथ बरकरार रखने में किसी बड़ी चुनौती का भी सामना करना पड़ेगा. भारतीय जनता पार्टी भी दलित वोट बैंक को लेकर काफी सक्रिय हो चुकी है और तमाम स्तर पर अभियान चलाए जाने की बात कही गई है. समाजवादी पार्टी दलित वोट बैंक खासकर पासी बिरादरी को अपने साथ बनाए रखने के लिए बड़े काम करने वाली है.

समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अखिलेश यादव पार्टी के राष्ट्रीय संगठन से लेकर प्रदेश संगठन और समाजवादी पार्टी के अन्य फ्रंटल संगठनों में दलित समाज के अंतर्गत पासी बिरादरी से आने वाले नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने वाले हैं. इसको लेकर उन्होंने अवधेश प्रसाद के साथ-साथ सपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श भी किया है.

सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव से भी अखिलेश यादव ने इसको लेकर बातचीत की है. तमाम जिलों में वरिष्ठ दलित समाज के नेताओं से बातचीत करके अच्छे नए युवा कार्यकर्ताओं और नेताओं को जिम्मेदारी दिए जाने के संकेत दिए हैं.

समाजवादी पार्टी अपने फ्रंटल संगठनों में दलित समाज के आने वाले नेताओं को और अधिक भागीदारी देने का मन बना चुकी है. बूथ कमेटियों से लेकर मंडल कमेटी जिला कमेटी ब्लॉक स्तरीय कमेटी में दलित समाज के नेताओं को और अधिक प्रतिनिधित्व दिया जाएगा.

साथ ही अखिलेश यादव के नेतृत्व में जिला स्तरीय सम्मेलन किए जाएंगे और पासी बिरादरी से आने वाले समाज के लोगों को जोड़ने के लिए अभियान चलाए जाएंगे. इसके लिए सभी फ्रंटल संगठनों और अन्य पदाधिकारी को दिशा निर्देश दिए गए हैं कि जिला स्तर पर होने वाले सम्मेलनों की तैयारी की जाए.

अगस्त से समाजवादी पार्टी बड़े स्तर पर अभियान चलाएगी और दलित समाज खासकर पसारी बिरादरी से आने वाले नेताओं पर मेहरबानी दिखाने वाली है. सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं की पार्टी समाज के सभी वर्ग के लोगों को लेकर चलने वाली है. अखिलेश यादव ने पिछड़े दलित अल्पसंख्यक का फार्मूला दिया था और समाजवादी पार्टी इसी फार्मूले को लेकर अपने संगठन और अभियानों को भी चलाने का काम करेगी.

जहां तक दलित समाज की बात है तो उनसे जुड़े नेताओं और कार्यकर्ताओं को संगठन में अधिक भागीदारी देने के संकेत दिए गए हैं, जिससे समाज के जो निचले स्तर के लोग हैं उन्हें और अधिक सशक्त बनाया जा सकेगा.

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