ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल में भारत बंद को लेकर पुलिस और प्रशासन की कड़ी परीक्षा है. आरक्षण को लेकर सुलग रही चिंगाारी, विरोध और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेशों को देखते हुए पूरे अंचल में पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है. संभावना है कि आरक्षण के विरोध को लेकर कई दल ज्ञापन देने के बहाने जुटेंगे. ऐसे में ये विरोध में कहीं हिंसा का रूप न ले डाले, इसको देखते हुए सभी संवेदनशील स्थानों पर पुलिस फोर्स तैनात किया गया है.
चंबल में 6 साल पहले भड़की थी हिंसा
6 साल पहले 2 अप्रैल 2018 में जिस तरह से आरक्षित वर्ग का आंदोलन हिंसा में तब्दील हुआ था, उसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन की ओर से जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं. कड़ी निगरानी रखी जा रही है. ग्वालियर में लगभग 145 जगहों पर पुलिस पिकेट बनाए गए हैं. 45 पार्टियां तैनात की गई हैं. हालांकि बंद को लेकर पुलिस और प्रशासन इसे ज्ञापन लेने की सामान्य प्रक्रिया बता रहे हैं. आम लोगों की सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसलिए चप्पे-चप्पे पर ग्वालियर और चम्बल अंचल में कड़ी सुरक्षा और निगरानी रखी जा रही है.
जबरदस्ती बंद कराया तो होगी कार्रवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी आरक्षण में क्रीमीलेयर को लेकर फैसला सुनाते हुए कहा था, ''सभी एससी और एसटी जातियां और जनजातियां एक समान वर्ग नहीं हैं. कुछ जातियां अधिक पिछड़ी हो सकती हैं. जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए. इस फैसले पर भारत बंद का ऐलान करने वाले संगठन इसे को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. वहीं, ग्वालियर कलेक्टर रुचिका चौहान का कहना है "यदि आंदोलन करने वाले दल ज्ञापन देने आ रहे हैं तो संविधान सभी को यह अधिकार है. जो लोग स्वेच्छा से बंद का समर्थन करना चाहें वे कर सकते हैं, लेकिन किसी से भी जबरदस्ती बंद कराया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. बंद के दौरान सभी जरूरी सेवाएं जारी रहेंगी."
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भूले नहीं भूलती 6 साल पहले की हिंसा
बंद का आह्वान करने वाली बहुजन समाज पार्टी, भीम आर्मी, OBC महाभारत समेत संगठनों के ज्ञापन देने से पहले ग्वालियर चंबल अंचल में शासन की ओर से पुलिस और प्रशासन के सभी अधिकारियों को जगह-जगह निगरानी के निर्देश दिए गए हैं. क्योंकि प्रशासन को ज्ञापन में आने वाली भीड़ का अंदाजा है. साथ ही 2 अप्रैल 2018 को जिस तरह से अनियंत्रित भीड़ अचानक सड़कों पर निकल आई थी, वैसा न हो इसकी इसकी कोशिश की जा रही है.