श्रीनगर: पौड़ी जिले के थलीसैंण के बैजरो क्षेत्र में डडोली पुल कभी भी ढह सकता है. नदी के कटाव से पुल का एक पिलर क्षतिग्रस्त हो चुका है. जिस पर आवाजाही करना अब किसी खतरे से खाली नहीं है. वहीं, प्रशासन की टीमों ने आपदाग्रस्त 17 गांवों का दौरा कर नुकसान का आकलन कर लिया है. साथ ही धनराशि का भी वितरण किया जा चुका है.
दरअसल, बैजरो-बुंगीधार-नागचुलाखाल मोटर मार्ग पर बना पुल कई ग्रामीण क्षेत्र को थलीसैंण ब्लॉक से जोड़ता है, लेकिन पुल की हालत बेहद खस्ता है. पुल की नींव भी कमजोर हो चुकी है. ऐसे में पुल कभी भी गिर सकता है. पुल के नीचे लगातार भूकटाव हो रहा है. जिससे लोग आवाजाही करने से भी कतरा रहे हैं.
बताया जा रहा है कि पुल की मरम्मत के लिए सरकार पर्याप्त बजट लोक निर्माण विभाग को दे चुकी है, लेकिन बावजूद इसके पुल की हालत सुधारने की जहमत नहीं उठाई जा रही है. वहीं, मामले में पौड़ी डीएम आशीष चौहान का कहना है कि लोक निर्माण विभाग को जल्द ही पुल की मरम्मत करने को कहा गया है.
प्रशासन की टीमों ने आपदाग्रस्त इलाकों का किया दौरा: दूसरी ओर बीती 31 जुलाई को थलीसैंण तहसील क्षेत्र में अतिवृष्टि के कारण प्रभावित 17 गांवों को एसडीआरएफ मद के तहत 9 लाख 93 हजार 520 रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है. लोनिवि, जल संस्थान, विकास विभाग, विद्युत विभाग और सिंचाई विभाग क्षतिग्रस्त योजनाओं का आकलन कर चुकी है.
वहीं, मामले में श्रीनगर उपजिलाधिकारी नूपूर वर्मा ने बताया कि प्रभावित 17 गांवों में से 10 गांवों में आंशिक क्षति पर गृह अनुदान के रूप में 2 लाख 1 हजार 500 की धनराशि का वितरण किया गया है. जबकि, 4 गांवों में अनुग्रह अनुदान के रूप में 1 लाख 28 हजार 500 की धनराशि का वितरण किया जा चुका है.
वहीं, जैंती डांग गांव में अहेतुक सहायता के रूप में 1 लाख 25 हजार रुपए की धनराशि का वितरण और 7 गावों में कृषि उपज की क्षति पर 5 लाख 38 हजार 520 रुपए की धनराशि का वितरण किया तय समय सीमा के भीतर कर लिया गया है. इस तरह से 178 प्रभावितों को आर्थिक सहायता के साथ दैनिक रूप से अन्य मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है.
उन्होंने बताया कि विभागीय परिसंपत्तियों में लोनिवि बैजरो की थलीसैंण-पीठसैंण-बुंगीधार मोटर मार्ग पर हुई विभिन्न क्षति, जल संस्थान की 22 पेयजल योजनाएं, विकास विभाग की 9 योजनाएं, सिंचाई विभाग की 5 योजनाएं क्षतिग्रस्त हुई है. जबकि, विद्युत विभाग की ओर से सभी क्षेत्र के प्रभावित सभी गांवों में विद्युत आपूर्ति सुचारू कर दी गई है.
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