दुर्ग : दुर्ग एसएसपी रामगोपाल गर्ग वर्ष 2022 में सरगुजा में थे. वहां लोगों को साइबर ठगी से बचने और उनमें जागरुकता लाने कवायद शुरु की. रामगोपाल ने साइबर प्रहरी ग्रुप बनाकर जनता को सोशल मीडिया से जोड़ना शुरु किया. धीरे-धीरे 2 लाख 50 हजार लोग साइबर प्रहरी ग्रुप से जुड़े. जहां लोगों को लूट,चोरी,गुम इंसान,अज्ञात शव की पहचान करने में मदद मिलने लगी. एक्सीडेंट की समय पर जानकारी मिलने पर 10 लोगों की जान बचाई गई. जुलाई 2023 में जब रामगोपाल जिला रायगढ़ पहुंचे. वहां दो महीने ही रहे. वहां भी साइबर प्रहरी की शुरुआत की. अक्टूबर 2023 में दुर्ग में चुनाव दौरान उन्हें भेजा गया. इसके बाद साइबर प्रहरी की शुरुआत दुर्ग जिले में की गई. यहां 46 हजार से ज्यादा लोग साइबर प्रहरी ग्रुप से जुड़े हैं.
केस-1 नेवई में 4 वर्ष का बच्चा अभिभावकों से बिछड़ गया. लोगों ने रिसाली कृष्णा टॉकीज रोड पर भटकते बच्चे को नेवई टीआई प्रशांत मिश्रा को सौंपा. एसएसपी के आदेश पर बच्चे की फोटो साइबर प्रहरी ग्रुप में पोस्ट किया. उसके परिजन प्रहरी ग्रुप से जुड़े थे.जिसके कारण परिवार को बच्चा मिल गया.
केस-2 30 जनवरी को अनजान व्यक्ति ने एम्स रायपुर में मेडिकल ऑफिसर को कॉल किया. खुद को दिल्ली पुलिस का अधिकारी बताते हुए उनके नाम का पार्सल मिलने का झांसा देकर ठगने का प्रयास कर रहा था. महिला साइबर प्रहरी से जुड़े होने के चलते ठगी से बच गई.
केस-3 एक व्यक्ति को अज्ञात ने फेक लेटरपेड(बीएसएनएल) के माध्यम से के.वाय.सी करने संबंधी फ्रॉड करने की कोशिश की. व्यक्ति साइबर प्रहरी से जुड़ा था लिहाजा ठगी की घटना से बच गया.
साइबर प्रहरी ने कई लोगों को ठगी से बचाया : उपनिरीक्षक नोडल अधिकारी साइबर प्रहरी डॉ संकल्प राय के मुताबिक दुर्ग एसएसपी रामगोपाल गर्ग ने जो साइबर प्रहरी शुरु किया उसका लाभ मिल रहा है.कई लोग ठगी से बच गए. आने वाले समय में यह ग्रुप और भी बेहतर काम करेगा. बीते दिनों वाल ऑफ साइबर अवेयरनेस बनाकर जन जागरूकता की पहल भिलाई नगर कंट्रोल रूम में किया गया था.