लखनऊ: साइबर अपराध पूरे देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन कर उभरा है. राज्य कोई भी हो, साइबर अपराधी आम से लेकर खास को चुना लगा रहे है. वर्ष 2023 में सबसे अधिक साइबर क्राइम उत्तर प्रदेश में हुआ है. जहां, वित्तीय वर्ष में 2 लाख लोगों के साथ साइबर फ्रॉड हुआ था. इसके बाद महाराष्ट्र और गुजरात में साइबर क्राइम सबसे अधिक हुआ है. राज्य में साइबर क्राइम कम करने और अपराधियों की धड़पकड़ करने के लिए 18 थाने संचालित हो रहे है. आइए जानते है कौन कौन से ये थाने है और कैसे इन थानों के अफसरों से संपर्क करें.
आगरा साइबर थाना, जिसके अंतर्गत आगरा, मथुरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद जिले आते है. इसकी मेल आईडी ps-cybercrime-ag@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876645 है.
अलीगढ़ साइबर थाना, जिसके अंतर्गत अलीगढ़, एटा , हाथरस और कासगंज जिले आते है। इसकी मेल आईडी sho-cybercrime-al@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876641 है.
प्रयागराज जोन: प्रयागराज साइबर थाना, जिसके अंतर्गत प्रयागराज, कौशांबी , फतेहपुर और प्रतापगढ़ जिले आते है. इसकी मेल आईडी cyber-ps.pg@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876652 है.
चित्रकूट साइबर थाना, जिसके अंतर्गत चित्रकूट, महोबा, बांदा और हमीरपुर जिले आते है. इसकी मेल आईडी so-cybercrime.bn@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876642 है.
बरेली: बरेली साइबर थाना, जिसके अंतर्गत बरेली, बदायू, पीलीभीत और शाहजहांपुर जिले आते है. इसकी मेल आईडी sho-cybercrime-br@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876671 है.
मुरादाबाद साइबर थाना, जिसके अंतर्गत मुरादाबाद, बिजनौर, अमरोहा, रामपुर और संभल जिले आते है. इसकी मेल आईडी sho-cybercrime-mo@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876646 है.
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गोरखपुर जोन: गोरखपुर साइबर थाना, जिसके अंतर्गत गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया और कुशीनगर जिले आते है. इसकी मेल आईडी so-cyberthana-gr@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876674 है.
बस्ती साइबर थाना, जिसके अंतर्गत बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर जिले आते है. इसकी मेल आईडी sho-cybercrime-bs@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876672 है.
देवीपाटन साइबर थाना, जिसके अंतर्गत बहराइच, गोंडा, बलरामपुर और श्रावस्ती जिले आते है. इसकी मेल आईडी sho-cybercrime-gn@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876628 है.
कानपुर जोन: कानपुर साइबर थाना, जिसके अंतर्गत कानपुर नगर, कानपुर देहात, औरिया , कन्नौज और इटावा जिले आते है. इसकी मेल आईडी sho-cyberthana.kn@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876675 है.
झांसी साइबर थाना, जिसके अंतर्गत ललितपुर, जालौन और झांसी जिले आते है. इसकी मेल आईडी sho-cybercrime.jh@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876648 है.
लखनऊ जोन: अयोध्या साइबर थाना, जिसके अंतर्गत अयोध्या, बाराबंकी, सुल्तानपुर, अमेठी और अंबेडकर नगर जिले आते है. इसकी मेल आईडी sho-cybercrime.ay@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876653 है.
लखनऊ साइबर थाना, जिसके अंतर्गत लखीमपुर खीरी, उन्नाव, सीतापुर, हरदोई और रायबरेली जिले आते है. इसकी मेल आईडी sho-cybercrime-lu@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876640 है.
मेरठ जोन: गौतमबुद्धनगर साइबर थाना, जिसके अंतर्गत बागपत, मेरठ गाजियाबाद, बुलंदशहर, हापुड़ और गौतमबुद्धनगर जिले आते है. इसकी मेल आईडी ccpsstf.gb-up@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876650 है.
सहारनपुर साइबर थाना, जिसके अंतर्गत सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और शामली जिले आते है। इसकी मेल आईडी sho-cybercrime-sa@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876635 है.
वाराणसी जोन: आजमगढ़ साइबर थाना, जिसके अंतर्गत आजमगढ़, मऊ और बलिया जिले आते है. इसकी मेल आईडी so-cyberps.az@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876629 है.
मिर्जापुर साइबर थाना, जिसके अंतर्गत भदोही, मिर्जापुर और सोनभद्र जिले आते है. इसकी मेल आईडी ps-cybercrime-mi@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876627 है.
वाराणसी साइबर थाना, जिसके अंतर्गत वाराणसी, चंदौली, जौनपुर और गाजीपुर जिले आते है. इसकी मेल आईडी sho-cybercrime-va@up-gov.in और मोबाइल नम्बर 7839876647 है.
साइबर ठगी से बचने के लिए यह बिलकुल न करें
- किसी अनजान व्यक्ति से OTP शेयर न करें.
- UPI से पैसे पाने करने के लिए पासवर्ड डालने न डालें.
- किसी के भी कहने पर AnyDesk या TeamViewer ऐप डाउनलोड न करें. यदि कर लिया है तो 9 अंको का कोड शेयर न करें.
- अनजान नम्बर से भेजे एसएमएस, व्हाट्सएप या मेल के जरिए मिले लिंक पर क्लिक न करें.
- ऑनलाइन बुकिंग करने के लिए गूगल में सर्च की गई वेबसाइट में ULR को जांच के, जिसमें https लिखा हो उसी पर करें भरोसा.
- डिजिटल वॉलेट का एग्जिक्यूटिव बनकर फोन करने वाले को इग्नोर करें.
इस तरह फंसाकर करते है ठगी : अनजान नंबर से आपको एक वीडियो कॉल किया जाएगा, जिसमें दूसरी तरफ एक नग्न युवक या युवती होगी. ये आपके कॉल की वीडियो रिकॉर्डिंग कर लेंगे और बाद में आपको सेक्सटॉर्शन और पैसों के लिए ब्लैकमेल किया जाएगा.
जंगल सफारी, हिल स्टेशन और किसी धार्मिक स्थल की यात्रा के लिए हेलिकाप्टर की ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर ठगी हो रही है. इंटरनेट पर ऐसी कई वेबसाइट मौजूद हैं. ओरिजेनल वेबसाइट से मिलती जुलती नाम से होती हैं. जिससे लोग ठगी का शिकार हो जाते है. इसलिए ठगी से बचने के लिए पेमेंट करने से पहले वेबसाइट के अड्रेस में gov.in अवश्य देख लें.
एक ठगी और भी बहुत की जाती है, जिसमें किसी व्यक्ति को कॉल कर साथ में उसके वाट्सऐप में लॉगिन किया जाता है. लॉगिन के लिए ओटीपी आने पर ये ठग receive via call के ऑप्शन पर क्लिक करते हैं. कॉल आने पर उसे मर्ज कर किसी वरिष्ठ अधिकारी से बात करने के लिए कहते हैं. उसके बाद वो अपने मोबाइल में दूसरों के नंबर के व्हाट्सअप का प्रयोग करते हैं. जिसके बाद वह उसी के माध्यम से लोगों से पैसों की डिमांड करते है.
ब्लू बगर जैसे अपलिकेशन का प्रयोग ब्लूटूथ हैक करने के लिए किया जा रहा है. इसके लिए साइबर अपराधी भीड़भाड़ वाले इलाकों में जैसे रेस्टोरेंट, पार्क, कैफे में जहां यदि किसी का ब्लूटूथ ऑन है, तो ठग ब्लूटूथ को हैक कर लेते है. और उनके मोबाइल में एप्लिकेशन इंस्टाल कर उनका डाटा चुरा लेते हैं. वॉयस मेल-ईमेल ठगी भी की जाती है, जिसमें Preview voicemail पर क्लिक करने से फर्जी वेबसाइटें खुलती हैं.
इंटरनेट पर मौजूद फर्जी कस्टमर केयर नंबर मौजूद है, इन्हें कॉल करने पर कस्टमर एजेंट आपको AnyDesk, team viewer जैसे एप्लीकेशन को इंस्टॉल करने को कहा जाता है. ऐसे ऐप्स के जरिए ठग मोबाइल की जरूरी जानकारी चुरा लेते है. साथ ही OTP भी आसानी से पा लेते हैं, जिसके बाद वह आपकी बैंकिंग एक्टिविटी कर पैसे ट्रांसफर कर लेते है.
डोमीनोस और मैकडोनाल्ड जैसे नामचीन फास्ट फूड की फ्रेंचाइजी के नाम पर कई फर्जी एप्लिकेशन मौजूद हैं, जो ऑनलाइन खाने के ऑर्डर पर भारी डिस्काउंट का वादा करते हैं. असल में यह सभी फेक होती है. पैसे ट्रांसफर कर आपसे संपर्क तोड़ लेते है.
Imobile से मिलती-जुलती नाम वाली कई वेबसाइट्स मौजूद हैं, जो इनकम टैक्स फाइलिंग के नाम पर फर्जीवाडा करती हैं. अपने मुताबिक ये टैक्स की रकम वसूलते हैं, जिससे लोगों को नुकसान होता है.
रियल एस्टेट ऐप्स पर मौजूद फर्जी प्रॉपर्टी मालिक खुद को किरायेदार बताकर लोगों से एड्वांस में पैसे मांगते हैं. सामान्य सिम को ई-सिम में कन्वर्ट करने के लिए साइबर फ्रॉड कॉल करते है, और इसे चालू करने के लिए एक QR कोड स्कैन करने के लिए कहा जाता है. इस कोड को स्कैन करते ही, फर्जी लिंक खुलते हैं.
क्रिप्टों एक्सपर्ट बनकर ठग IDO (Initial Dex offering) and ICO (Initial Coin Offering) भेजते हैं, यूजर्स के पैसा लगाने पर इनको निजी क्रिप्टों वॉलेट से जोड़ दिया जाता है.
साइबर ठग Olx जैसी साइटों पर आर्मी या अर्धसैनिक अधिकारियों के फर्जी आइडी कार्ड पोस्ट कर विश्वास दिलाने के लिए ये कहते हैं कि वह एक ऐसी नौकरी में है. जिसमें तबादले होते हैं. ऐसा कहकर एड्वांस में पैसे मांगते हैं और सामान की कभी भी डिलीवरी नहीं की जाती.
इंस्टाग्राम और फेसबुक पर बड़ा डिस्काउंट देने का वादा करने वाली ई-कॉमर्स वेबसाइट्स के ऐड चलाए जाते हैं. इनमें से ज्यादातर फर्जी हैं. किसी वेबसाइट का पता लगाने के लिए, कि वह फर्जी है या नहीं आप कैश ऑन डेलीवेरी का ऑप्शन चुनिये. ज्यादातर फर्जी साइटों पर ये ऑप्शन मिलता ही नहीं है.
नकली बांड/शेयरों/सिक्युरिटीज के माध्यम से साइबर ठगी: साइबर ठग 4-5 साल में भारी रिटर्न का वादा करते हुए, साइबर नेटवर्क के माध्यम से नकली बांड जारी करते हैं. साथ ही व्यक्ति यह भरोसा दिलाया जाता है, कि चूंकि शेयर बाजार अच्छा रिटर्न दे रहा है, इसलिए वे इन बांड के माध्यम से अच्छा रिटर्न प्रदान करने में सक्षम हैं.