फरीदाबाद: पुलिस द्वारा आमजन को साइबर ठगी से बचने के लिए साइबर एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें आमजन को सोशल मीडिया पर साइबर अपराधियों के द्वारा बिछाए गए जाल के संबंध में जागरूक किया है. साइबर अपराधी आमजन को कुछ मिनटों में लोन दिलाने के नाम पर, नौकरी दिलाने के नाम पर ट्रेडिंग कर मुनाफे के नाम पर चूना लगा रहे हैं.
साइबर अपराध के तरीके: बदलते समय के साथ साइबर फ्रॉड ठगी के नए-नए पैंतरे अपना रहे हैं. साइबर अपराधी नए तरीके से इस तरह से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं कि उन्हें समझ में भी नहीं आता कि आखिर उनके साथ क्या हो रहा है. साइबर ठगी के कई तरीके हैं.
सोशल मीडिया पर कस्टमर केयर अधिकारी बनकर: पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य के अनुसार, साइबर अपराधियों ने कई सोशल साइट्स पर जाल बिछा रखा है. कस्टमर केयर नंबर से मिलता-जुलता फेक कस्टमर केयर नंबर अपडेट कर रखे हैं. ऐसे में जब कोई उस नंबर पर सम्पर्क करता है तो कस्टमर केयर नम्बर ऐक्टिव नहीं होता और दूसरे नम्बर से कॉल आती है. साइबर अपराधी कस्टमर केयर अधिकारी बनकर बात करते हैं और लोगों को विश्वास में लेकर निजी जानकारी प्राप्त कर लेते हैं. यदि आपसे कस्टमर केयर के माध्यम से निजी जानकारी प्राप्त करता है तो समझ जाएं कि आप साइबर फ्रॉड के शिकार होने वाले हैं. कभी भी कोई ऐसे अंजान ऐप लिंक डाउनलोड ना करें जिससे कोई व्यक्ति आपके सिस्टम को दूर बैठकर एक्सेस ले. आरोपी आपकी एक छोटी सी गलती के लिए बैठे हैं. इसके लिए जागरूकता ही बचाव है.
लोन दिलाने के नाम पर: जरूरतमंद लोगों को लोन दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन फीस, सर्च रिपोर्ट, सर्वे रिपोर्ट, फाइल चार्ज आदि के नाम पर साइबर फ्रॉड किए जा रहे हैं. प्राइवेट नंबरों से नागरिकों को कम ब्याज दरों पर मनचाहा लोन दिलाने के नाम पर कॉल कर साइबर फ्रॉड का शिकार बना रहे हैं. कुछ हूबहू डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं. उन्होंने कहा कि कभी भी किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक ना करें. कोई भी एसी ऐप्लिकेशन डाउनलोड ना करें, जिसे आपके डिवाइस को रिमोट कंट्रोल किया जा सके. किसी को भी अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा ना करें.
ऑनलाइन फ्रॉड से कैसे बचें?: ऑनलाइन फ्रॉड करने वाले साइबर अपराधी किसी बैंकिंग वेबसाइट की हूबहू डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं. जिस पर आरबीआई की सभी शर्त और गाइडलाइन भी मेंशन करते हैं. जो ऐप्स प्रोसेसिंग फीस या प्री क्लोजर फीस ज्यादा मांगे, उनके इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए. अनवेरीफाइड ऑनलाइन बैंकिंग ऐप्स जो उधार देते हों, उनसे बचना चाहिए. ऐसे फ्रॉड ऐप आपसे आपकी गोपनीय जानकारियां जैसे बैंक खाते संबंधित डिटेल्स, क्रेडिट और डेबिट कार्ड की जानकारी, पिन कार्ड या एड्रेस मांगते हैं. किसी ऐप से लोन लेने से पहले ऐप स्टोर पर ऐसे ऐप की रेटिंग चेक करें. अगर ऐसे ऐप आरबीआई और नॉन बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी से जुड़े हुए खुद को बता रहे हैं तो एक बार वेरिफाई जरूर कराएं. किसी भी 'प्रोसीड' ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले सभी जरूरी विवरणों को जरूर देखें. नियम और शर्तों को पहले ध्यान से पढ़ें.
साइबर पुलिस की उपलब्धियां: 12 जनवरी से 18 जनवरी तक फरीदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है. इस दौरान पुलिस ने 9 केस सुलझाते हुए 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया. इसके साथ ही कर 1,23,700 रुपए भी बरामद किए. 3 मामले साइबर सेंट्रल, 3 मामले साइबर ब्रांच बल्लभगढ़ और 3 मामले साइबर एनआईटी ने सुलझाए. आंकड़ों के अनुसार इस सप्ताह में साइबर पुलिस ने 173 शिकायतों का समाधान करते हुए 27,700 रुपए रिफंड करवाए वहीं, 9,70,963 रुपए बैंकों में सीज कराए गए. संदिग्ध मैसेज के लिंक पर क्लिक ना करें, वरना आपका खाता खाली हो सकता है.
साइबर ठगी होने पर किससे करें संपर्क: पुलिस आयुक्त राकेश कुमार आर्य ने कहा कि साइबर अपराध होने पर अपनी शिकायत साइबर हेल्पलाइन 1930 या https://cybercrime.gov.in पर दर्ज करवाएं. साइबर पुलिस साइबर अपराधियों के बैंक अकाउंट को फ्रीज करके ठगी गई राशि वापस आपके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करवाई जाएगी.
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