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भागलपुर पुलिस को साइबर फ्रॉड मामले में एक बड़ी सफलता हाथ लगी है. अंतरराज्यीय गिरोह के 10 ठगों को गिरफ्तार किया गया.

Bhagalpur Cyber criminal arrest
भागलपुर में साइबर अपराधी गिरफ्तार. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Oct 24, 2024, 9:25 PM IST

भागलपुरः बिहार की भागलपुर पुलिस ने शहर में संचालित हो रहे अंतरराज्यीय साइबर क्राइम गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 6 लड़कियों समेत 10 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. इस गैंग का मास्टरमाइंड और कई सदस्य बंगाल के रहनेवाले हैं. भागलपुर में बैठकर दिल्ली, गुड़गांव, पुडुचेरी और महाराष्ट्र के लोगों से करीब डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी करने के सबूत मिले हैं. भागलपुर के सिटी एसपी डॉ. के रामदास ने प्रेसवार्ता कर गिरफ्तारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

कैसे पकड़ाया गैंगः सिटी एसपी ने बताया कि 19 अक्टूबर को प्रतिबिंब पोर्टल की निगरानी के दौरान दो संदिग्ध मोबाइल नंबर मिला. उसका लोकेशन भागलपुर में था. इस नंबर का संबंध देश के अलग-अलग हिस्सों में दो लाख 70 हजार रुपया साइबर धोखाधड़ी से मिला. इसके बाद विशेष टीम का गठन कर मनाली चौक के समीप एक मकान में छापेमारी की गयी. जहां फर्जी सेल्स एडवर्टाइजमेंट सेंटर से साइबर क्राइम करने का भंडाफोड़ हुआ.

क्या-क्या मिलाः पुलिस ने यहां से राहुल उर्फ जीशान नामक युवक को गिरफ्तार किया गया. उसके पास से 38 मोबाइल फोन, 44 सीम कार्ड, 34 एटीएम कार्ड, चेक बुक, पासबुक और 3 बाइक बरामद की गयी. जीशान, साइबर ठग गिरोह का मास्टरमाइंड भी है. सिटी एसपी ने बताया कि राहुल ऊर्फ जीशान से पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर कई जगहों पर छापेमारी कर अन्य नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के बाद सभी को कोर्ट में पेश किया गया.

कैसे करता था ठगीः सिटी एसपी ने बताया कि ई कॉमर्स कंपनियों के कर्मचारियों से ग्राहकों के डाटा 15 रुपये में खरीदता था. उसके बाद ग्राहकों को फोन कर उन्हें लुभावने ऑफर और गिफ्ट वाउचर देने की बात कर उनसे ओटीपी मंगवाया जाता था. पुलिस के अनुसार ग्राहकों को फोन करने के लिए भागलपुर की स्थानीय लड़कियों को कॉल सेंटर के नाम पर जॉब पर रखा था. कोचिंग करने वाली छात्राओं को पार्ट टाइम जॉब पर रखा था. लड़कियां, फोन कर जब ग्राहक को रजिस्ट्रेशन करने के लिए मना लेती थी, तब जीशान और अन्य लोग उनसे फोन लेकर ओटीपी मंगवाकर ठगी करते थे.

"भागलपुर साइबर थाना के द्वारा प्रतिबिंब पोर्टल की निगरानी करने के दौरान दो मोबाइल नंबर संदिग्ध प्रतीक हो रहा था, जिसका लोकेशन लगातार भागलपुर पाया जा रहा था. उस नंबर को ट्रेस करने पर पता चला कि कई शिकायत उस नंबर पर दर्ज हुए हैं. इसके बाद छापेमारी कर इस बड़े साइबर फ्रॉड का उद्भेदन किया जा सका."- डॉ के रामदास, सिटी एसपी

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भागलपुरः बिहार की भागलपुर पुलिस ने शहर में संचालित हो रहे अंतरराज्यीय साइबर क्राइम गिरोह का पर्दाफाश करते हुए 6 लड़कियों समेत 10 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. इस गैंग का मास्टरमाइंड और कई सदस्य बंगाल के रहनेवाले हैं. भागलपुर में बैठकर दिल्ली, गुड़गांव, पुडुचेरी और महाराष्ट्र के लोगों से करीब डेढ़ करोड़ रुपए की ठगी करने के सबूत मिले हैं. भागलपुर के सिटी एसपी डॉ. के रामदास ने प्रेसवार्ता कर गिरफ्तारी के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

कैसे पकड़ाया गैंगः सिटी एसपी ने बताया कि 19 अक्टूबर को प्रतिबिंब पोर्टल की निगरानी के दौरान दो संदिग्ध मोबाइल नंबर मिला. उसका लोकेशन भागलपुर में था. इस नंबर का संबंध देश के अलग-अलग हिस्सों में दो लाख 70 हजार रुपया साइबर धोखाधड़ी से मिला. इसके बाद विशेष टीम का गठन कर मनाली चौक के समीप एक मकान में छापेमारी की गयी. जहां फर्जी सेल्स एडवर्टाइजमेंट सेंटर से साइबर क्राइम करने का भंडाफोड़ हुआ.

क्या-क्या मिलाः पुलिस ने यहां से राहुल उर्फ जीशान नामक युवक को गिरफ्तार किया गया. उसके पास से 38 मोबाइल फोन, 44 सीम कार्ड, 34 एटीएम कार्ड, चेक बुक, पासबुक और 3 बाइक बरामद की गयी. जीशान, साइबर ठग गिरोह का मास्टरमाइंड भी है. सिटी एसपी ने बताया कि राहुल ऊर्फ जीशान से पूछताछ के बाद उसकी निशानदेही पर कई जगहों पर छापेमारी कर अन्य नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया. पूछताछ के बाद सभी को कोर्ट में पेश किया गया.

कैसे करता था ठगीः सिटी एसपी ने बताया कि ई कॉमर्स कंपनियों के कर्मचारियों से ग्राहकों के डाटा 15 रुपये में खरीदता था. उसके बाद ग्राहकों को फोन कर उन्हें लुभावने ऑफर और गिफ्ट वाउचर देने की बात कर उनसे ओटीपी मंगवाया जाता था. पुलिस के अनुसार ग्राहकों को फोन करने के लिए भागलपुर की स्थानीय लड़कियों को कॉल सेंटर के नाम पर जॉब पर रखा था. कोचिंग करने वाली छात्राओं को पार्ट टाइम जॉब पर रखा था. लड़कियां, फोन कर जब ग्राहक को रजिस्ट्रेशन करने के लिए मना लेती थी, तब जीशान और अन्य लोग उनसे फोन लेकर ओटीपी मंगवाकर ठगी करते थे.

"भागलपुर साइबर थाना के द्वारा प्रतिबिंब पोर्टल की निगरानी करने के दौरान दो मोबाइल नंबर संदिग्ध प्रतीक हो रहा था, जिसका लोकेशन लगातार भागलपुर पाया जा रहा था. उस नंबर को ट्रेस करने पर पता चला कि कई शिकायत उस नंबर पर दर्ज हुए हैं. इसके बाद छापेमारी कर इस बड़े साइबर फ्रॉड का उद्भेदन किया जा सका."- डॉ के रामदास, सिटी एसपी

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