जबलपुर। भारत ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के मामले में वर्ल्ड लीडर है और लगभग सभी जगहों में ऑनलाइन लेनदेन भी होते हैं. लेकिन नगर निगम जबलपुर में संपत्ति कर जमा करने के लिए आपको काउंटर पर ही आना होगा. क्योंकि ई नगर पालिका पोर्टल पर साइबर अटैक हो चुका है और यह अटैक अभी नहीं हुआ है, ये अटैक भी पिछले साल दिसंबर हुआ था. उसके बाद से अब तक राज्य सरकार का नगरीय प्रशासन विभाग इस साइबर अटैक से अपनी वेबसाइट ठीक नहीं कर पाया है. जबलपुर नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि वह बेबस हैं क्योंकि राज्य सरकार इसमें कोई पहल नहीं कर रही है.
पूरे प्रदेश में नहीं चल रहे ई नगर पालिका पोर्टल
पूरे प्रदेश में ई नगर पालिका पोर्टल दिसंबर से बंद है. बता दें कि पिछले साल दिसंबर में ई नगर पालिका पोर्टल पर साइबर अटैक हुआ था. इसके बाद से ही यह पूरा पोर्टल ठप हो गया था. जबलपुर नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर पीएन सखेरे ने हमें बताया कि ''दिसंबर से ही ई नगर पालिका पोर्टल काम नहीं कर रहा है. इस बात की जानकारी उन्होंने कई बार राज्य शासन को लिखी है. राज्य शासन को भी इस बात की जानकारी है, क्योंकि केवल जबलपुर ही नहीं मध्य प्रदेश भर के सभी नगर निगम साइबर अटैक की वजह से परेशान हैं''.
ऑनलाइन जमा नहीं कर पाए टैक्स
आजकल बड़े पैमाने पर लोग ऑनलाइन कामकाज करने लगे हैं. खास तौर पर जो लोग शहर के बाहर रहते हैं. वह इस सुविधा को बहुत पसंद करते हैं क्योंकि उन्हें काउंटर पर खड़े होकर रसीद नहीं कटवानी पड़ती और इस काम के लिए उन्हें जबलपुर आने की जरूरत भी नहीं है. इसलिए ऐसे लोगों के सामने समस्या खड़ी हो गई और वह संपत्ति कर ऑनलाइन जमा नहीं कर पाए. हालांकि नगर निगम के डिप्टी कमिश्नर पी एन सखेरे का कहना है कि ''बीते सालों में केवल 6% लोगों ने ही ऑनलाइन तरीके से प्रॉपर्टी टैक्स जमा किया था, इसलिए उन्हें नहीं लगता कि इससे बहुत फर्क पड़ेगा. उनका कहना है कि ज्यादातर संपत्तियां बुजुर्ग लोगों के पास में हैं और बुजुर्ग ऑनलाइन पर बहुत भरोसा अभी भी नहीं जताते''.
ढाई सौ करोड़ का राजस्व मिला
जबलपुर नगर निगम में आज की तारीख तक 108.98 लाख संपत्ति कर जमा हो चुका है और अभी भी लोग संपत्ति कर जमा करने के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं दूसरे अन्य टैक्सों के माध्यम से जबलपुर नगर निगम को लगभग ढाई सौ करोड़ रूपया मिला है.
हैकर्स के पास पहुंचे जरूरी आंकड़े
नगर निगम की वेबसाइट पर शहर की तमाम संपत्तियों की पूरी जानकारी है. शहर के सभी लोगों के जन्म और मृत्यु से जुड़ी हुई पूरी जानकारी ई नगर पालिका पोर्टल पर है. नगर निगम की कितनी संपत्तियां हैं. नगर निगम में कितने कर्मचारी काम कर रहे हैं. ऐसी कई महत्वपूर्ण जानकारियां ई नगर पालिका पोर्टल पर हैं और इन जानकारी के माध्यम से वे बड़े फायदे उठाए जा सकते हैं या बड़ा नुकसान भी पहुंचा जा सकता है. इतनी महत्वपूर्ण जानकारी का पोर्टल बीते 4 महीने से हैकर्स द्वारा हैक कर लिया गया है, लेकिन राज्य सरकार ने इसको ठीक करवाने की कोई पहल नहीं दिखाई.
सभी जानते हैं कि ऑनलाइन सुविधा ऑफलाइन सुविधा से कहीं बेहतर होती है. लेकिन इसके बाद भी ई नगर पालिका पोर्टल क्यों बंद है. इसकी सही जानकारी किसी के पास नहीं है. नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि वे अपने स्तर पर कई शिकायती पत्र भेज चुके हैं. लेकिन साइबर अटैक से ई नगर पालिका पोर्टल को बाहर निकलने का काम नगरीय प्रशासन विभाग का है और यदि वह नहीं करेगा तो भी कुछ नहीं कर सकते.