कानपुर/गोरखपुर : शहर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद पहली बार विश्वविद्यालय को जहां क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में जगह मिल गई है, वहीं उसके साथ ही साउथ एशियन रैंकिंग में भी सीएसजेएमयू ने अपना स्थान बना लिया है. विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग में जहां सीएसजेएमयू को 801 से 850 (रैंकिंग) के बीच स्थान मिला है, वहीं साउथ एशिया रैंकिंग में सीएसजेएमयू को 263वां स्थान मिला है.
इस पूरे मामले को लेकर छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने बताया कि विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से लगातार इस तरीके से कवायद की जा रही थी कि, विश्वविद्यालय को क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग व साउथ एशियन रैंकिंग में जगह दिलाई जाए और विश्वविद्यालय के जो काम हुए उनको देखते हुए उक्त रैंकिंग टीम के प्रतिनिधियों द्वारा सीएसजेएमयू को अब रैंकिंग दी गई है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है और हम अब भविष्य में इस रैंकिंग को बरकरार रखते हुए और बेहतर स्थान भी हासिल करेंगे.
नैक की ओर से सीएसजेएमयू को मिला था ए प्लस प्लस ग्रेड : छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों ने बताया कि कुछ समय पहले ही विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) की ओर से ग्रेड ए प्लस प्लस दिया गया था. इसके साथ ही विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की ओर से भी विश्वविद्यालय को कैटेगरी वन में शामिल किया गया था. अब क्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग व साउथ एशियन रैंकिंग मिलने से भी विश्वविद्यालय की अपनी छवि पूरी दुनिया में और बेहतर होगी और अब विश्व के कई दशों के छात्र भी सीएसजेएमयू में दाखिला ले सकेंगे.
ऑनलाइन व डिस्टेंस लर्निंग की भी शुरू हुई थी पढ़ाई : सीएसजेएमयू के प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि जहां स्नातक व परास्नातक स्तर के 100 से अधिक पाठ्यक्रम संचालित हैं, वहीं इन पाठ्यक्रमों में कैंपस के अंदर 10 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई कर रहे हैं. इसके अलावा सीएसजेएमयू से 500 से अधिक डिग्री कॉलेज भी संबद्ध हैं, जिसमें हर साल औसतन स्नातक स्तर से लेकर परास्नातक स्तर तक लगभग तीन लाख छात्र-छात्राएं प्रवेश लेते हैं.
उन्होंने बताया कि छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय में कुछ समय पहले ही यूजीसी की ओर से ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग पढ़ाई करने की भी अनुमति दी गई है. विश्वविद्यालय में चार कोर्स ऐसे हैं, जिसमें दुनिया भर के किन्हीं भी देश के छात्र दाखिला ले सकते हैं, जबकि 11 कोर्स ऐसे हैं जिसमें वह छात्र दाखिला ले सकते हैं, जिन्होंने उत्तर प्रदेश में किसी भी शिक्षण संस्थान में अपना पंजीकरण करा रखा है. इसके अलावा छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की ओर से 100 से अधिक विभिन्न संस्थाओं से करार भी किए जा चुके हैं, जिसमें कई विदेशों के भी विश्वविद्यालय शामिल हैं.
गोरखपुर में क्यू एस रैंकिंग व साउथ एशिया रैंकिंग में MMMUT को मिला सम्मानजनक स्थान : शैक्षणिक गुणवत्ता की रैंकिंग के लिए पहली बार वर्ष 2024 में आवेदन करने वाले गोरखपुर के मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (MMMUT) को सम्मानजनक स्थान प्राप्त हुआ है. विश्वविद्यालय के आईक्यूएसी निदेशक प्रो वी एल गोले ने बताया कि क्यू एस रैंकिंग द्वारा बुधवार को जारी की गई साउथ एशिया विश्वविद्यालयों की वर्ष 2025 की रैंकिंग में एमएमएमयूटी को 292वां स्थान प्राप्त हुआ है, जबकि समस्त एशियाई विश्वविद्यालयों में इसे 901वां स्थान प्राप्त हुआ है. यह उपलब्धि इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि एमएम एमयूटी ने इस वर्ष पहली बार क्यू एस रैंकिंग के लिए आवेदन किया था. इसके पहले विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग के लिए कभी आवेदन नहीं किया था. यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष हो जाती है क्योंकि इसी वर्ष अगस्त में शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी की गई एनआईआरएफ रैंकिंग में भी एमएमएमयूटी को इंजीनियरिंग श्रेणी में पूरे देश में 84वां, विश्वविद्यालय श्रेणी में 94वां और सरकारी राज्य विश्वविद्यालय श्रेणी में 40 वां स्थान प्राप्त हुआ था.