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10वीं-12वीं बोर्ड में फेल स्टूडेंट्स को न घबराने की जरूरत और न चिंता करने की, ये है सबसे बढ़िया विकल्प - National Institute Open Schooling - NATIONAL INSTITUTE OPEN SCHOOLING

जबलपुर जिले में सीबीएसई के रिजल्ट में लगभग 10% स्टूडेंट्स असफल रहे. लेकिन इन्हें निराश होने की जरूरत नहीं है. इन स्टूडेंट्स के लिए राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय शिक्षा संस्थान (National Institute Open Schooling) बढ़िया विकल्प है. इससे जुड़कर स्टूडेंट्स अपनी पढ़ाई जारी रख सकते हैं.

National Institute Open Schooling
10वीं-12वीं बोर्ड में फेल स्टूडेंट्स के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ओपन स्कूलिंग (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 14, 2024, 1:06 PM IST

बोर्ड परीक्षा में फेल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी अवसर (ETV BHARAT)

जबलपुर। सीबीएसई 10वीं और 12वीं के रिजल्ट आ चुके हैं. जो छात्र पास हुए, वे खुश हैं. रिजल्ट में लगभग 93% बच्चे 10वीं में पास हुए हैं और 87% बच्चे 12वीं में पास हुए हैं. 10वीं में 7% बच्चे फेल हो गए और 12वीं में 13 प्रतिशत बच्चे फेल हुए हैं. लेकिन इन स्टूडेंट्स को न तो घबराने की जरूरत है और न ही चिंता करने की. केंद्र सरकार स्कूल शिक्षा के लिए कई बोर्ड चलाती है. इन सभी बोर्ड्स में सबसे सरल परीक्षाएं नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग में होती है.

जब तक पास नहीं होंगे, तब तक एग्जाम

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आसानी से पास की जा सकती हैं. इसमें जब तक परीक्षार्थी पास नहीं होता तब तक वह पेपर दे सकता है. एक ही पेपर को कई सालों में पास कर सकता है. साल में इसकी परीक्षाओं का आयोजन दो बार किया जाता है. छात्र-छात्राओं को स्टडी मैटेरियल मुहैया करवाया जाता है. स्टडी मैटेरियल में छात्र या छात्र अपनी सुविधा के अनुसार किसी संस्था या घर में रहकर भी पढ़ाई कर सकता है. यह बोर्ड उन लोगों को भी सुविधा माहिया करवाता है, जो लोग नौकरी करते हैं या किसी व्यापार में हैं और किसी वजह से उनकी पढ़ाई छूट गई.

मान्यता को लेकर सारी गलफहमियां दूर कर लें

कुछ लोगों को इस बात का भ्रम है कि यदि ओपन परीक्षा के माध्यम से पढ़ाई की गई है तो इससे पास हुए छात्र को नौकरियों के मौके नहीं मिल पाएंगे लेकिन यह धारणा गलत है. इस बोर्ड की भी उसी तरह मानता है जिस तरह देश के दूसरे शिक्षा बोर्ड की है. इसके पढ़े हुए छात्रों को भी नौकरियों में बराबरी के मौके दिए जाते हैं. इसलिए 10वीं और 12वीं की परीक्षा में जिन परीक्षार्थियों का रिजल्ट अच्छा नहीं आया है, उन्हें मायूस होने की जरूरत नहीं है और भी अपनी पढ़ाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपन स्कूलिंग से आगे जारी कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें एनआईओएस की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और छोटी सी फीस जमा करके भी अपनी पढ़ाई को आगे जारी कर सकते हैं.

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ओपन स्कूल से पास करने वाले डॉक्टर भी बने

इस साल जबलपुर में ओपन परीक्षा का आयोजन किया गया है. इसमे दो सेंटर जबलपुर के शहरी क्षेत्र में बनाए गए. तीन सेंटर जबलपुर की ग्रामीण इलाकों में बनाए गए. इन सेंटर्स पर जबलपुर के लगभग 500 छात्रों ने परीक्षाएं दी. इस परीक्षा के माध्यम से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने वाले दिल्ली के डॉ. प्रवीण सिंह ने 12वीं के बाद मेडिकल एग्जाम दिया और इसके बाद उन्होंने मेडिकल क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की. वह अभी दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहे हैं. प्रिंसिपल अतुल खंडेलवाल बताते हैं कि ओपन स्कूल की मार्कशीट की मान्यता अन्य बोर्ड की तरह ही है.

बोर्ड परीक्षा में फेल होने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी अवसर (ETV BHARAT)

जबलपुर। सीबीएसई 10वीं और 12वीं के रिजल्ट आ चुके हैं. जो छात्र पास हुए, वे खुश हैं. रिजल्ट में लगभग 93% बच्चे 10वीं में पास हुए हैं और 87% बच्चे 12वीं में पास हुए हैं. 10वीं में 7% बच्चे फेल हो गए और 12वीं में 13 प्रतिशत बच्चे फेल हुए हैं. लेकिन इन स्टूडेंट्स को न तो घबराने की जरूरत है और न ही चिंता करने की. केंद्र सरकार स्कूल शिक्षा के लिए कई बोर्ड चलाती है. इन सभी बोर्ड्स में सबसे सरल परीक्षाएं नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग में होती है.

जब तक पास नहीं होंगे, तब तक एग्जाम

नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग में 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आसानी से पास की जा सकती हैं. इसमें जब तक परीक्षार्थी पास नहीं होता तब तक वह पेपर दे सकता है. एक ही पेपर को कई सालों में पास कर सकता है. साल में इसकी परीक्षाओं का आयोजन दो बार किया जाता है. छात्र-छात्राओं को स्टडी मैटेरियल मुहैया करवाया जाता है. स्टडी मैटेरियल में छात्र या छात्र अपनी सुविधा के अनुसार किसी संस्था या घर में रहकर भी पढ़ाई कर सकता है. यह बोर्ड उन लोगों को भी सुविधा माहिया करवाता है, जो लोग नौकरी करते हैं या किसी व्यापार में हैं और किसी वजह से उनकी पढ़ाई छूट गई.

मान्यता को लेकर सारी गलफहमियां दूर कर लें

कुछ लोगों को इस बात का भ्रम है कि यदि ओपन परीक्षा के माध्यम से पढ़ाई की गई है तो इससे पास हुए छात्र को नौकरियों के मौके नहीं मिल पाएंगे लेकिन यह धारणा गलत है. इस बोर्ड की भी उसी तरह मानता है जिस तरह देश के दूसरे शिक्षा बोर्ड की है. इसके पढ़े हुए छात्रों को भी नौकरियों में बराबरी के मौके दिए जाते हैं. इसलिए 10वीं और 12वीं की परीक्षा में जिन परीक्षार्थियों का रिजल्ट अच्छा नहीं आया है, उन्हें मायूस होने की जरूरत नहीं है और भी अपनी पढ़ाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ ओपन स्कूलिंग से आगे जारी कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें एनआईओएस की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवाना होता है और छोटी सी फीस जमा करके भी अपनी पढ़ाई को आगे जारी कर सकते हैं.

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इस साल जबलपुर में ओपन परीक्षा का आयोजन किया गया है. इसमे दो सेंटर जबलपुर के शहरी क्षेत्र में बनाए गए. तीन सेंटर जबलपुर की ग्रामीण इलाकों में बनाए गए. इन सेंटर्स पर जबलपुर के लगभग 500 छात्रों ने परीक्षाएं दी. इस परीक्षा के माध्यम से अपनी 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करने वाले दिल्ली के डॉ. प्रवीण सिंह ने 12वीं के बाद मेडिकल एग्जाम दिया और इसके बाद उन्होंने मेडिकल क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की. वह अभी दिल्ली में प्रैक्टिस कर रहे हैं. प्रिंसिपल अतुल खंडेलवाल बताते हैं कि ओपन स्कूल की मार्कशीट की मान्यता अन्य बोर्ड की तरह ही है.

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