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वैशाख पूर्णिमा का पर्व; काशी में गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़, लोगों ने लगायी आस्था की डुबकी - Vaishakh Purnima in Kashi - VAISHAKH PURNIMA IN KASHI

गुरुवार को दुनियाभर में बुद्ध पूर्णिमा का पर्व (bathe in Ganga on Vaishakh Purnima) मनाया गया. यह पर्व सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि कई देशों में मनाया जाता है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 3:13 PM IST

काशी में गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़ (वीडियो क्रेडिट- ETV Bharat)

वाराणसी: सनातन धर्म में व्रत त्योहार और स्नान इत्यादि का महत्व माना जाता है. अलग-अलग तिथि पर अलग-अलग स्नान पूरे होते हैं. गुरुवार को वैशाख पूर्णिमा का पर्व मनाया गया. धर्मनगरी वाराणसी में वैशाख पूर्णिमा के मौके पर गंगा में डुबकी लगाने वालों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी. सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान और दान पुण्य करते नजर आये. पर्व पर बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान करने पहुंचे थे.

धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में दूर-दूर से लोग गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं. किसी विशेष पर्व के मौके पर गंगा स्नान का सिलसिला लगातार चलता रहता है. गुरुवार को वैशाख पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया गया. इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.

पंडित अजय तिवारी का कहना है कि गंगा में स्नान का क्रम कार्तिक और वैशाख में पूरे महीने चलता है. यदि वैशाख के पूरे महीने गंगा स्नान न कर पाए, तो वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान करने से पूरे वैशाख महीने के स्नान का फल प्राप्त होता है. यही वजह है कि वैशाख पूर्णिमा के पावन पर्व पर गंगा में डुबकी लगाने वालों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी.

ऐसी मान्यता है कि आज के दिन यदि गंगा नदी सरोवर या किसी तालाब में स्नान करने के बाद दान पुण्य किया जाए, तो पूरे जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं. अजय तिवारी ने बताया कि गर्मी के मौसम में गुरुवार को ऋतु फल, पानी भरा मटका और गर्मी से राहत की जो भी वस्तु है, वह दान करने की परंपरा है.

यह भी पढ़ें : वैशाख बुद्ध पूर्णिमा के दिन इस दान से मिलेगा पुण्य और होगा धन लाभ - Buddha Purnima 23 May Panchang

यह भी पढ़ें : Buddha Purnima : जानें आज वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान-दान का महत्व, इन उपायों से मिलेगी सुख-शांति व पापों से मुक्ति

काशी में गंगा स्नान के लिए उमड़ी भीड़ (वीडियो क्रेडिट- ETV Bharat)

वाराणसी: सनातन धर्म में व्रत त्योहार और स्नान इत्यादि का महत्व माना जाता है. अलग-अलग तिथि पर अलग-अलग स्नान पूरे होते हैं. गुरुवार को वैशाख पूर्णिमा का पर्व मनाया गया. धर्मनगरी वाराणसी में वैशाख पूर्णिमा के मौके पर गंगा में डुबकी लगाने वालों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी. सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान और दान पुण्य करते नजर आये. पर्व पर बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान करने पहुंचे थे.

धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी में दूर-दूर से लोग गंगा स्नान के लिए पहुंचते हैं. किसी विशेष पर्व के मौके पर गंगा स्नान का सिलसिला लगातार चलता रहता है. गुरुवार को वैशाख पूर्णिमा का पावन पर्व मनाया गया. इसे बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है.

पंडित अजय तिवारी का कहना है कि गंगा में स्नान का क्रम कार्तिक और वैशाख में पूरे महीने चलता है. यदि वैशाख के पूरे महीने गंगा स्नान न कर पाए, तो वैशाख पूर्णिमा के दिन स्नान करने से पूरे वैशाख महीने के स्नान का फल प्राप्त होता है. यही वजह है कि वैशाख पूर्णिमा के पावन पर्व पर गंगा में डुबकी लगाने वालों की जबरदस्त भीड़ उमड़ी.

ऐसी मान्यता है कि आज के दिन यदि गंगा नदी सरोवर या किसी तालाब में स्नान करने के बाद दान पुण्य किया जाए, तो पूरे जन्म के पाप नष्ट हो जाते हैं. अजय तिवारी ने बताया कि गर्मी के मौसम में गुरुवार को ऋतु फल, पानी भरा मटका और गर्मी से राहत की जो भी वस्तु है, वह दान करने की परंपरा है.

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