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सरकारी अस्पतालों में क्राउड कंट्रोल की तैयारी, चिकित्सा विभाग कर रहा निजी अस्पतालों की स्टडी - CROWD CONTROL STUDY

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में उमड़ने वाली भीड़ को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सा विभाग निजी अस्पतालों की व्यवस्थाओं का दौरा कर रहा है.

Crowd Control Study
अस्पतालों में क्राउड कंट्रोल की तैयारी (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 18 hours ago

जयपुर: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में क्राउड कंट्रोल यानी भीड़ को कंट्रोल करना चिकित्सा विभाग के लिए लंबे समय से एक बड़ी चुनौती रहा है. इससे निपटने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने निजी अस्पतालों का अध्ययन शुरू कर दिया है. विभाग निजी अस्पतालों की स्टडी कर रिपोर्ट तैयार करेगी और इसके अनुसार भीड़ को नियंत्रित किया जाएगा.

क्राउड कंट्रोल सिस्टम जानने टीम पहुंची निजी अस्पताल (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की बात करें तो हर दिन यहां तकरीबन 10 हजार से अधिक मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते हैं, लेकिन इस भीड़ को कंट्रोल करना चिकित्सा विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है. ऐसे ही हालात प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी बने हुए हैं. इसके चलते चिकित्सा शिक्षा विभाग ने निजी अस्पतालों का अध्ययन शुरू कर दिया है.

पढ़ें: SMS Hospital में आने वाले मरीजों को लंबी कतारों से मिलेगी मुक्ति, अस्पताल प्रशासन कर रहा ये 'खास' तैयारी - Digital Screens in OPD

इसके तहत चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अम्बरीश कुमार के निर्देश में एक कमेटी का गठन किया गया है जो निजी अस्पतालों का दौरा करके वहां भीड़ मैनेजमेंट किस तरह किया जा रहा है, इसको लेकर एक रिपोर्ट तैयार करेगी. बुधवार को चिकित्सा शिक्षा सचिव स्वयं जयपुर के संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि सभी सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाए. सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों में राजस्थान के सभी लोगों को निशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.

पढ़ें: क्राउड कंट्रोल का स्पेशल डंडा : बटन दबाते ही झटके वाला करंट चालू, DSP की सलाह पर 'इंजीनियर' ने किया तैयार - Bundi latest news

मरीज का अनुभव महत्वपूर्ण: चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि अस्पताल में जब मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचता है, तो इलाज के दौरान मरीज का अनुभव कैसा रहा, यह सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आज हमने दुर्लभजी अस्पताल में व्यवस्थाएं देखी और हमने पाया कि यहां हर एक चिकित्सक के साथ 6 सपोर्टिंग स्टाफ है. ऐसे में हम भी हमारे बड़े सरकारी अस्पतालों में जहां भीड़ सबसे अधिक आती है, वहां इस तरह की व्यवस्था लागू करने की कोशिश करेंगे. क्योंकि हमारे पास दुनिया के सबसे बेहतर चिकित्सक उपलब्ध हैं.

पढ़ें: एसएमएस अस्पताल में अब मरीजों को नहीं होना पड़ेगा परेशान, जानिए क्या नई व्यवस्था होने जा रही है लागू - एसएमएस अस्पताल

भीड़ हमारे लिए चुनौती: चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि आज हम जिस अस्पताल का दौरा करने पहुंचे हैं. वहां शुरू में हर तरह की व्यवस्थाएं नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे यहां व्यवस्थाओं को सुधारा गया. हालांकि इन अस्पतालों में भीड़ उस तरह नहीं पहुंचती, जिस तरह सरकारी अस्पतालों में पहुंचती है. लेकिन उसके बाद भी यहां भीड़ को अच्छे से कंट्रोल किया जा रहा है. सरकारी अस्पतालों में जो इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, उसका इस्तेमाल किस तरह से किया जाए, ताकि क्राउड कंट्रोल हो सके यह हमारी कोशिश है.

दिल्ली एम्स का भी किया था दौरा: करीब 7 महीने पहले भी चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और चिकित्सकों के एक दल ने दिल्ली एम्स का दौरा किया था ताकि चिकित्सा संस्थानों में पंजीयन, परामर्श, जांच एवं दवा प्राप्त करने के लिए रोगियों एवं परिजनों को कतारों में खड़ा होकर इंतजार नहीं करना पड़े. इसके लिए एआई एवं आईटी आधारित क्यू मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने की बात कही गई थी. चिकित्सा अधिकारियों का मानना है कि दिल्ली एम्स आधुनिकतम चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक अग्रणी चिकित्सा संस्थान है. वहां मरीजों एवं परिजनों की सुविधा के लिए क्यू मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया गया है.

जयपुर: प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में क्राउड कंट्रोल यानी भीड़ को कंट्रोल करना चिकित्सा विभाग के लिए लंबे समय से एक बड़ी चुनौती रहा है. इससे निपटने के लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने निजी अस्पतालों का अध्ययन शुरू कर दिया है. विभाग निजी अस्पतालों की स्टडी कर रिपोर्ट तैयार करेगी और इसके अनुसार भीड़ को नियंत्रित किया जाएगा.

क्राउड कंट्रोल सिस्टम जानने टीम पहुंची निजी अस्पताल (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल की बात करें तो हर दिन यहां तकरीबन 10 हजार से अधिक मरीज अपना इलाज कराने पहुंचते हैं, लेकिन इस भीड़ को कंट्रोल करना चिकित्सा विभाग के लिए चुनौती साबित हो रहा है. ऐसे ही हालात प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों में भी बने हुए हैं. इसके चलते चिकित्सा शिक्षा विभाग ने निजी अस्पतालों का अध्ययन शुरू कर दिया है.

पढ़ें: SMS Hospital में आने वाले मरीजों को लंबी कतारों से मिलेगी मुक्ति, अस्पताल प्रशासन कर रहा ये 'खास' तैयारी - Digital Screens in OPD

इसके तहत चिकित्सा शिक्षा विभाग के सचिव अम्बरीश कुमार के निर्देश में एक कमेटी का गठन किया गया है जो निजी अस्पतालों का दौरा करके वहां भीड़ मैनेजमेंट किस तरह किया जा रहा है, इसको लेकर एक रिपोर्ट तैयार करेगी. बुधवार को चिकित्सा शिक्षा सचिव स्वयं जयपुर के संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि सभी सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जाए. सरकार की ओर से सरकारी अस्पतालों में राजस्थान के सभी लोगों को निशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है.

पढ़ें: क्राउड कंट्रोल का स्पेशल डंडा : बटन दबाते ही झटके वाला करंट चालू, DSP की सलाह पर 'इंजीनियर' ने किया तैयार - Bundi latest news

मरीज का अनुभव महत्वपूर्ण: चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि अस्पताल में जब मरीज अपना इलाज करवाने पहुंचता है, तो इलाज के दौरान मरीज का अनुभव कैसा रहा, यह सबसे महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि आज हमने दुर्लभजी अस्पताल में व्यवस्थाएं देखी और हमने पाया कि यहां हर एक चिकित्सक के साथ 6 सपोर्टिंग स्टाफ है. ऐसे में हम भी हमारे बड़े सरकारी अस्पतालों में जहां भीड़ सबसे अधिक आती है, वहां इस तरह की व्यवस्था लागू करने की कोशिश करेंगे. क्योंकि हमारे पास दुनिया के सबसे बेहतर चिकित्सक उपलब्ध हैं.

पढ़ें: एसएमएस अस्पताल में अब मरीजों को नहीं होना पड़ेगा परेशान, जानिए क्या नई व्यवस्था होने जा रही है लागू - एसएमएस अस्पताल

भीड़ हमारे लिए चुनौती: चिकित्सा शिक्षा सचिव ने कहा कि आज हम जिस अस्पताल का दौरा करने पहुंचे हैं. वहां शुरू में हर तरह की व्यवस्थाएं नहीं थी, लेकिन धीरे-धीरे यहां व्यवस्थाओं को सुधारा गया. हालांकि इन अस्पतालों में भीड़ उस तरह नहीं पहुंचती, जिस तरह सरकारी अस्पतालों में पहुंचती है. लेकिन उसके बाद भी यहां भीड़ को अच्छे से कंट्रोल किया जा रहा है. सरकारी अस्पतालों में जो इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद है, उसका इस्तेमाल किस तरह से किया जाए, ताकि क्राउड कंट्रोल हो सके यह हमारी कोशिश है.

दिल्ली एम्स का भी किया था दौरा: करीब 7 महीने पहले भी चिकित्सा विभाग के अधिकारियों और चिकित्सकों के एक दल ने दिल्ली एम्स का दौरा किया था ताकि चिकित्सा संस्थानों में पंजीयन, परामर्श, जांच एवं दवा प्राप्त करने के लिए रोगियों एवं परिजनों को कतारों में खड़ा होकर इंतजार नहीं करना पड़े. इसके लिए एआई एवं आईटी आधारित क्यू मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करने की बात कही गई थी. चिकित्सा अधिकारियों का मानना है कि दिल्ली एम्स आधुनिकतम चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने की दिशा में एक अग्रणी चिकित्सा संस्थान है. वहां मरीजों एवं परिजनों की सुविधा के लिए क्यू मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया गया है.

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