अलीगढ़: उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो संवर्ग की सीधी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा करने के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया. परीक्षा में बायोमैट्रिक जांच के दौरान फेल होने पर दूसरे अभ्यर्थी की जगह परीक्षा देने आये मुन्ना भाई को पकड़ा गया (Fake Candidate Arrested in Aligarh). ये गिरफ्तारी थाना हरदुआगंज के SSLD वार्ष्णेय इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई. परीक्षा सेंटर हेड की तरफ से आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया.
परीक्षा सेंटर हेड नीरज यादव की तरफ से दी गई तहरीर के अनुसार सोमवार को आयोजित पुलिस रेडियो संवर्ग की सीधी भर्ती ऑनलाइन परीक्षा की द्वितीय पाली में परीक्षार्थी राजीव शर्मा के रोल नंबर की बायोमैट्रिक थंब (अंगूठा) की जांच करने वाली टीम के द्वारा प्रवेश पत्र तथा पहचान पत्र आधार कार्ड की जांच की गई, तो अभ्यर्थी का फोटो पहचान पत्र आधार कार्ड में तथा प्रवेश पत्र में भिन्नता पाई गई. प्रवेश पत्र में राजीव शर्मा का आधार कार्ड नंबर था.
इस पर पता फिरोजाबाद का था और जन्मतिथि 08-07-2001 अंकित थी. वहीं बायोमैट्रिक टीम द्वारा फोटो के पूर्ण रूप से मिलान न होने पर आधार कार्ड नंबर की जांच की गई, तो आधार कार्ड पर अंकित नाम राजीव शर्मा नाम पता पाया गया. अभ्यर्थी ने पूछताछ पर अपना नाम राजेश कुमार बताया. उसने अपनी गलती स्वीकार की और बताया की वह अपने गांव के ही राजीव शर्मा की जगह परीक्षा दे रहा था.
राजीव शर्मा से बात हुई थी कि उसके स्थान पर परीक्षा देने के लिए एक लाख रुपये मिलेंगे. 10 हज़ार रुपये एडवांस तीन दिन पहले मिल गए थे. शेष पैसा एग्ज़ाम के बाद में देना तय हुआ था. राजीव शर्मा और राजेश कुमार दोनों एक साथ परीक्षा के लिए आए थे. राजीव शर्मा मुझको कॉलेज के बाहर छोड़कर चला गया था. राजीव शर्मा के आधार कार्ड पर अपनी फोटो हटवा कर मेरी फोटो लगवाई थी. पहचान छिपा कर राजीव शर्मा बनकर परीक्षा देने आया था. परीक्षार्थी राजीव शर्मा के स्थान पर राजेश कुमार द्वारा कॉलेज परिसर में फर्जी आधार कार्ड तैयार कर, नाम - पता छिपा कर परीक्षा में सम्मिलित होने का अपराध करते हुए पकड़ा गया.
थाना हरदुआगंज में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया. परीक्षा देने आए राजेश कुमार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. वहीं, एसएसपी संजीव सुमन ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस रेडियो संवर्ग की परीक्षा को नकल विहीन और कुशलता से संपन्न करने के लिए पूर्व में ही अधीनस्थों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए थे. (Crime News UP)